Move to Jagran APP

दुर्गुणों का नाश कर स्वयं को शक्ति संपन्न बनाने का पर्व है नवरात्रि

शक्ति की उपासना से संतुलित होती है शक्ति। दुर्गुणों का नाश कर स्वयं को शक्ति संपन्न बनाने का पर्व है नवरात्रि।

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Oct 2020 09:46 PM (IST)Updated: Tue, 27 Oct 2020 09:46 PM (IST)
दुर्गुणों का नाश कर स्वयं को शक्ति संपन्न बनाने का पर्व है नवरात्रि
दुर्गुणों का नाश कर स्वयं को शक्ति संपन्न बनाने का पर्व है नवरात्रि

डकरा : शक्ति की उपासना से संतुलित होती है शक्ति। दुर्गुणों का नाश कर स्वयं को शक्ति संपन्न बनाने का पर्व है नवरात्रि। ये बातें प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय डकरा सेवा केंद्र की संचालिका बीके कंचन बहन ने कही। बहन कंचन ने कहा कि इस जग में शक्ति के जितने लौकिक- अलौकिक रूप है वे सब आदि शक्ति के ही स्वरूप हैं। आदि शक्ति की उपासना से शक्ति संपन्नता तो हासिल होती ही है, साथ ही शक्ति संतुलन और उसके उचित उपयोग का विवेक भी जागृत होता है। कहा कि नौ रात व दस दिनों के दौरान शक्ति, देवी चेतना की आराधना होती है। जो वीरता व आत्मविश्वास का प्रतीक है। वर्तमान समय मे हमें अपनी कमी रूपी असुर नकारात्मक शक्तियों का दिव्य प्रतिज्ञा के साथ संहार कर आदर्श समाज के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की जरूरत है। मौके पर प्रीति बहन, नीलम बहन सहित ब्रह्माकुमारी संस्था से जुड़े लोग मौजूद थे।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.