Move to Jagran APP

झारखंड की पृष्ठभूमि पर बनी फ‍िल्‍म सेरेंगसिया-1837 और स्वावलंबी होते गांव, जान‍िए इसकी कहानी

National Film Festival Bhopal इन फ‍िल्‍मों का प्रदर्शन 18 से 20 फरवरी 2022 को भोपाल में Film Festival Bhopal वीपीआरए एंटरटेनमेंट के युवा फिल्मकार प्रज्ञा सिंह विकास-प्रकाश कुणाल डे की यह उपलब्धि है। सेरेंगसिया-1837 का इंग्लैंड लिफ्ट ऑफ अंतरराष्‍ट्रीय फ‍िल्‍म फेस्टिवल लंदन में भी चयन है।

By M EkhlaqueEdited By: Published: Wed, 19 Jan 2022 04:10 PM (IST)Updated: Wed, 19 Jan 2022 04:10 PM (IST)
झारखंड की पृष्ठभूमि पर बनी फ‍िल्‍म सेरेंगसिया-1837 और स्वावलंबी होते गांव, जान‍िए इसकी कहानी
झारखंड के गांवों में हो रहे बदलाव की कहानी सुनाती फ‍िल्‍म स्‍वावलंबी होते गांव।

रांची, ड‍िज‍िटल डेस्‍क। झारखंड अपने खनिज संपदा एवं प्राकृतिक सौंदर्य के लिए समूचे देश भर में मशहूर है। वहीं झारखंड की फ‍िजाएं अब देश के नामचीन फ‍िल्‍म निर्माताओं को भी रास आ रही है। पिछले कुछ वर्षों में कई बड़ी फिल्में झारखंड में बनी हैं। वहीं, जमशेदपुर की कई युवा प्रतिभाओं ने अपनी प्रतिभा की बदौलत शहर का नाम रोशन किया है। अब इसी कड़ी में शहर के युवा फिल्मकार प्रज्ञा सिंह, विकास-प्रकाश, कुणाल का भी नाम जुड़ गया है। युवा फिल्मकारों के द्वारा वीपीआरए एंटरटेनमेंट के बैनर तले बनाए गए डॉक्युमेंट्री फिल्में "सेरेंगसिया-1837" एवं "स्वावलंबी होते गांव" का चयन देश के प्रमुख फ़िल्म महोत्सवों में से एक "चित्र भारती फ़िल्म महोत्सव" के लिए किया गया है। फिल्मों का प्रदर्शन भोपाल में 18 से 20 फरवरी को आयोजित चित्र भारती फ़िल्म महोत्सव में किया जाएगा।

loksabha election banner

इस फेस्‍ट‍िवल से जुड़ी हैं यह तमाम हस्‍त‍ियां

भारतीय चित्र साधना द्वारा आयोजित चित्र भारती राष्ट्रीय फ़िल्म महोत्सव- 2022 में सुभाष घई, प्रसून जोशी, मधुर भंडारकर, अब्बास-मस्तान, सुदीप्तो सेन, विवेक अग्निहोत्री, मनोज बाजपेयी, पवन मल्होत्रा, हेमा मालिनी, माधुरी दीक्षित, बोमन ईरानी, प्रियदर्शन, अनु मलिक, रवीना टंडन, गजेंद्र चौहान, संजय मिश्रा, अर्जुन रामपाल, मनोज मुंतशिर जैसे महशूर फिल्मी हस्तियां जुड़ी हुई हैं।

झारखंड का प्रत‍िन‍िध‍ित्‍व करेंगी दो फ‍िल्‍में

देश भर से आई लगभग 700 से ज्यादा फिल्मों में से 36 डॉक्युमेंट्री फिल्मों का चयन अंतिम रूप से प्रदर्शन के लिए किया गया। वीपीआरए एंटरटेनमेंट की फिल्मों "सेरेंगसिया-1837" एवं "स्वावलंबी होते गांव" का फ़िल्म महोत्सव में चयन इसलिए भी बेहद खास है, क्योंकि राष्ट्रीय फ़िल्म महोत्सव में केवल यही दोनों डॉक्युमेंट्री फिल्में झारखंड का प्रतिनिधित्व कर रही है।

स्‍वतंत्रता संग्राम और बदलते गांव पर केंद्र‍ित हैं फ‍िल्‍में

चित्र भारती फ़िल्म महोत्सव में सेरेंगसिया-1837 एवं स्वावलंबी होते गांव के चयन से उत्साहित विकास-प्रकाश, प्रज्ञा एवं कुणाल ने बताया कि हमारी टीम हमेशा से झारखंड की संस्कृति, सभ्यता, इतिहास और जनजीवन से जुड़ी फिल्में बनाकर झारखंड के महत्व को दर्शाने की कोशिश करती आई है। सेरेंगसिया 1837 झारखंड के प्रमुख हो समुदाय द्वारा अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ प्रतिरोध की ऐतिहासिक कहानी है। वहीं, स्वावलंबी होते गांव झारखंड के गांवो की सकारात्मकता एवं बदलाव की कहानी है।

सेरेंगसिया-1837 लंदन में भी द‍िखाई जाएगी

सेरेंगसिया-1837 का आधिकारिक चयन इंग्लैंड लिफ्ट ऑफ अन्तराष्ट्रीय फ़िल्म फेस्टिवल, लंदन के लिए भी किया गया है। सेरेंगसिया-1837 के निर्माण में नीदरलैंड के इतिहासकार डॉ पॉल स्ट्रॉमर, कोल्हान विश्वविद्यालय के इतिहास विभागाध्यक्ष संजय नाथ एवं हो अनुसंधानकर्ता प्रधान बिरुआ ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है

करीम स‍िटी कालेज से सभी ने की है पढ़ाई

शहर के चारों फिल्मकारों ने करीम सिटी कॉलेज से मास कम्युनिकेशन की पढ़ाई की है। इनके द्वारा निर्मित कई फिल्मों ने तमाम फ़िल्म महोत्सवों में सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म, सर्वश्रेष्ठ निर्देशक, सर्वश्रेष्ठ स्क्रिप्ट राइटर इत्यादि जैसे कई अवॉर्डस अपने नाम किए है। भूतपूर्व छात्रों की इस सफलता पर करीम सिटी कॉलेज के प्रधानाध्यापक डॉ मोहम्मद रियाज तथा मॉस कम्युनिकेशन विभागाध्यक्ष डॉ नेहा तिवारी ने फ़िल्मो की सराहना करते हुए कहा कि छात्रों ने समय-समय पर अपने प्रतिभा की बदौलत कॉलेज तथा शहर का नाम रोशन किया है। इन छात्रों की सबसे खास बात यह है कि वह आदिवासी समुदाय के सभ्यता संस्कृति में विशेष रुचि रखते है, आदिवासी समुदाय को केंद्र में रखकर वह लगातार उत्कृष्ट फिल्में बना रहे है, जो झारखण्ड जैसे राज्य के लिए बेहद उत्साहवर्द्धक है। "

झारखंड मोशन पिक्चर प्रोड्यूसर एसोसिएशन ने दी बधाई

झारखंड मोशन पिक्चर प्रोड्यूसर एसोसिएशन के अध्यक्ष एन के सिंह ने भी युवा फिल्मकारों की इस उपलब्धि पर बधाई देते हुये कहा कि शहर के युवा अगर इसी तरह से बेहतर कार्य करते रहे, तो झारखंड फ़िल्म का भविष्य बेहद उज्ज्वल होगा।

फ‍िल्‍म न‍िर्माण में इनकी रही अहम भूम‍िका

उपरोक्त फिल्मो के निर्माण में अंकिता टोप्पो, सूरज गिलुआ, साधु हो, तरुण कुमार, जग्गनाथ हेस्सा, गौरव सिंह, अमन सिंह, प्रतिक सिंह, कुणाल सरकार, प्रतिक चौरसिया, वीरेंद्र कुमार, अरुण कुमार एवं अन्य ने भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.