Namaz room in Jharkhand Assembly: नमाज कक्ष विवाद को बढ़ाने के पक्ष में नहीं कांग्रेस, जानिए क्या बोले मंत्री आलमगीर आलम
झारखंड विधानसभा में मुस्लिम सदस्यों के नमाज पढ़ने के लिए अलग कमरा आवंटित होने पर बढ़ रहा विवाद कांग्रेस के एक गुट को रास नहीं आ रहा है। पार्टी के कई नेता यह मानते हैं कि इससे पार्टी से जुड़े हिंदू वोटर अलग हो सकते हैं।
रांची, राज्य ब्यूरो । झारखंड विधानसभा में मुस्लिम सदस्यों के नमाज पढ़ने के लिए अलग कमरा आवंटित होने पर बढ़ रहा विवाद कांग्रेस के एक गुट को रास नहीं आ रहा है। पार्टी के कई नेता यह मानते हैं कि इससे पार्टी से जुड़े हिंदू वोटर अलग हो सकते हैं। यही कारण है कि कांग्रेस इस मुद्दे को जल्द ही खत्म करना चाहती है। राज्य सरकार भी इससे सहमत होती दिख रही है और यही कारण है कि विधानसभा में घोषणा की गई है कि एक कमेटी बनाकर यह तय किया जाएगा कि कमरा आवंटित करना है या नहीं।
विधानसभा अध्यक्ष ने कमेटी की घोषणा भी कर दी है। फिलहाल कांग्रेस के नेता सर्वदलीय कमेटी की अनुशंसा का इंतजार नहीं करना चाहते हैं। कांग्रेस कोटे से मंत्री बन्ना गुप्ता ने सदन में स्वयं कहा है कि उक्त कमरा जो नमाज पढ़ने के लिए आवंटित किया गया था, दरअसल प्रार्थना के लिए आवंटित किया गया है। सभी धर्म के लोग वहां प्रार्थना कर सकते हैं।
कांग्रेस का यह गुट चाहता है कि सरकार के मुद्दे पार्टी तय करे ना कि झामुमो के मुद्दे पर उन्हें साथ दिया जाए। पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर स्पष्ट भी कर दिया की हर मुद्दे पर झामुमो का साथ सभी कांग्रेसी नहीं देंगे। इसके पहले भी स्थानीय भाषा के मुद्दे पर कांग्रेस के कई नेता विरोध जता चुके हैं। इन नेताओं में सुबोध कांत सहाय, दीपिका पांडेय सिंह, रणविजय सिंह आदि सार्वजनिक रूप से सरकार का विरोध कर चुके हैं। नेता मैथिली, भोजपुरी और मगही जैसी भाषाओं को झारखंड कर्मचारी चयन आयोग परीक्षा में शामिल कराने के पैरोकार हैं। बाहर हाल प्रदेश नेतृत्व झामुमो के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने की बात कर रहा है, लेकिन विभिन्न मुद्दों पर कांग्रेस का पक्ष नहीं लिया गया तो विवाद बढ़ने की संभावनाएं प्रबल होगी।
संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि आज तक विधानसभा में नमाज न पढ़ी, न इसके लिए जगह चाहिए, नमाज घर में ही पढ़ता हूं।