झारखंड में कृषि ऋण प्रवाह में गिरावट, नाबार्ड ने किसानों की आय बढ़ाने को दिए ये सुझाव
Farmers Loan in Jharkhand नाबार्ड ने अपनी रिपोर्ट में कृषि क्षेत्र में ऋण प्रवाह तेज करने की वकालत की है। कहा है कि कृषि ऋण प्रवाह में लगातार गिरावट आ रही है। कहा कि ऋण पाटना ही नहीं बांटना भी होगा।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड में किसानों को कर्ज के बोझ से निजात दिलाने के लिए राज्य सरकार ऋण माफी योजना लेकर आई है। किसानों का दो हजार करोड़ का कृषि ऋण माफ भी किया जा रहा है, लेकिन किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने, उनकी आय दोगुनी करने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के समग्र विकास के लिए सिर्फ ऋण पाटना ही काफी नहीं होगा, बांटना भी होगा। कृषि व उससे संबद्ध क्षेत्रों के विकास के लिए इस क्षेत्र विशेष में ऋण प्रवाह को तेज करने की वकालत नाबार्ड ने की है।
राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने वर्ष 2021-22 के लिए प्राथमिक क्षेत्र के लिए 28,644 करोड़ रुपये की ऋण संभाव्यता आंकी है। इनमें एग्रीकल्चर क्रेडिट 11,183 करोड़ का आंका गया है। नाबार्ड ने 6,908 करोड़ रुपये सिर्फ कृषि ऋण के लिए प्रविधान करने का प्रस्ताव दिया है। नाबार्ड की स्टेट फोकस रिपोर्ट बताती है कि झारखंड में पिछले कुछ सालों में कृषि ऋण प्रवाह में निरंतर गिरावट आ रही है।
वर्ष 2017-18 में कृषि ऋण के मद में 2380.64 करोड़ रुपये का क्रेडिट फ्लो रहा, वहीं 2018-19 में यह 2186.87 करोड़ हो गया। इसके अगले वर्ष 2019-20 में घटकर 2067.80 करोड़ हो गया। इस वित्तीय वर्ष के आंकड़े मार्च के बाद ही जारी होंगे, लेकिन अब तक की स्थिति भी कुछ अच्छी नहीं बताई जाती। स्पष्ट है कि कृषि ऋण प्रवाह में निरंतर गिरावट आ रही है। यह स्थिति रही तो झारखंड में किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को साधना मुश्किल होगा।