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एचईसी की समस्याओं पर सांसद संजय सेठ के नेतृत्व में केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री से मिला प्रतिनिधिमंडल

केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री प्रकाश जावेडकर से शुक्रवार को उनके आवास पर रांची के सांसद ने मुलाकात की।

By JagranEdited By: Published: Sat, 20 Mar 2021 08:20 AM (IST)Updated: Sat, 20 Mar 2021 08:20 AM (IST)
एचईसी की समस्याओं पर सांसद संजय सेठ के नेतृत्व में केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री से मिला प्रतिनिधिमंडल
एचईसी की समस्याओं पर सांसद संजय सेठ के नेतृत्व में केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री से मिला प्रतिनिधिमंडल

जासं, रांची: केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री प्रकाश जावेडकर से शुक्रवार को उनके आवास पर रांची के सांसद संजय सेठ, झारखंड प्रदेश के संगठन मंत्री बृजेश कुमार, एचईसी मजदूर संघ के अध्यक्ष जीतू लोहरा, महामंत्री रमा शंकर प्रसाद ने मुलाकात की। मुलाकात में संजय सेठ ने एचईसी के विभिन्न समस्याओं पर चर्चा की। इसके साथ ही अध्यक्ष जीतू लोहरा एवं महामंत्री रमा शंकर प्रसाद ने एचईसी के कर्मियो के मांग पर चर्चा की। उन्होंने प्रकाश जावेडकर को ज्ञापन सौंपा जिसमें एचईसी को परमाणु ऊर्जा में विलय करने को लेकर बात रखी गई। इसके साथ ही एचईसी की कार्यक्षमता पर विस्तार से जानकारी दी। दिए ज्ञापन में एचईसी को अविलंब एक सीएमडी देने, एक जनवरी 2017 से लंबित पे रिवीजन, जब तक पे रिवीजन की प्रक्रिया शुरू नहीं होती है तब तक अंतरिम राहत, नवनियुक्त तकनीकी कामगारो के एरियर का भुगतान, एचईसी में लंबे समय से कार्य कर रहे अस्थायी कामगारों को एक साथ स्थायी करने और न्यूनतम वेतन 24000 हजार रुपये देने की मांग रखी गई। इन सभी मामलों को केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री प्रकाश जावडेकर ने गंभीरतापूर्वक सुना और जल्द ही संबंधित पदाधिकारियों के साथ बैठक कर एचईसी की समस्याओं के साथ साथ कर्मियो के मांगों पर जल्द ही सकारात्मक पहल करने की बात कही।

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खनिज विकास संशोधन अधिनियम पर लोकसभा में संजय सेठ ने रखे विचार

खान एवं खनिज विकास विनियम संशोधन विधेयक लोकसभा में पास हो गया। केंद्रीय खनन मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इससे संबंधित बिल सदन में रखा। बिल प्रस्तुत होने के बाद रांची के सांसद संजय सेठ ने इस बिल का समर्थन किया और सदन के पटल पर इससे संबंधित अपने विचार रखे। कहा कि जिस तरह प्रकृति ने झारखंड को प्रचुर मात्रा में खनिज संपदा के रूप में आशीर्वाद दिया है, वही आशीर्वाद मैं आसन से भी चाहता हूं ताकि झारखंड के विकास के नए आयाम मिल सके। मैं जिस क्षेत्र से आता हूं, वहां का एक क्षेत्र खलारी जो पूरे देश को कोयला देता है और उस कोयले से पूरा देश जगमगाता है। बीते वर्ष कोरोना को लेकर जब लॉकडाउन हुआ तो प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत का नारा दिया। जब हर रूप में भारत की मजबूती की बात हो तो खनिज उत्पादन के क्षेत्र में हम पीछे कैसे रह सकते हैं। यह विधेयक खनिज उत्पादन के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए लाया गया है। निश्चित रूप से इसके दूरगामी परिणाम मिलेंगे। हम अपनी आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश कर चुके हैं और इतने लंबे समय के बाद भी हम अभी भी खनिजों का आयात कर रहे हैं। यह पूरे देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। झारखंड एक ऐसा राज्य है जहां प्रचुर मात्रा में डीएमएफ की राशि मौजूद होती है। कई बार तो कई विभागों के पास भी इतने पैसे नहीं होते, जितना डीएमएफ के पास होता है। यह डीएमएफ है, जिसकी राशि से कोलवरी क्षेत्रों में, खनन प्रभावित क्षेत्रों में स्कूल, पानी, सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी कई बुनियादी जरूरतें पूरी की जाती हैं। यह पहली सरकार ऐसी आई है, जो पारदर्शिता बरत रही है। ईमानदारी बरत रही है और इसके सार्थक परिणाम क्षेत्र में देखने को मिल रहे हैं।


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