रूस में पढ़ रहे भारत के 6000 मेडिकल विद्यार्थियों को राहत के लिए विदेश मंत्री से मिले सांसद संजय सेठ
रूस में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे झारखंड सहित देश भर के लगभग 6000 विद्यार्थियों की समस्याओं के समाधान के लिए रांची के सांसद संजय सेठ ने विदेश मंत्री एस.जय शंकर से शुक्रवार को नई दिल्ली में मुलाकात की। विदेश मंत्री को पूरे मामले से अवगत कराते हुए ज्ञापन सौंपा।
रांची,जासं। रूस में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे झारखंड सहित देश भर के लगभग 6000 विद्यार्थियों की समस्याओं के समाधान के लिए रांची के सांसद संजय सेठ ने विदेश मंत्री एस.जय शंकर से शुक्रवार को नई दिल्ली में मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने विदेश मंत्री को पूरे मामले से अवगत कराते हुए ज्ञापन भी सौंपा।
ज्ञापन में संजय सेठ ने कहा कि झारखंड के 200 विद्यार्थी रूस में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं।
कहा, पूरे देश भर से लगभग 6000 विद्यार्थी रूस में अध्ययन अध्यापन के लिए जाते हैं। इसमें अधिसंख्य विद्यार्थी मेडिकल की पढ़ाई करते हैं। कोरोनावायरस जब पूरी दुनिया में फैल रहा था, ऐसे समय में इन विद्यार्थियों को सरकार ने वापस अपने देश लाया। कोरोना का संक्रमण अभी थमा नहीं है, बावजूद इसके रूस द्वारा इन विद्यार्थियों पर वापस रूस आने का दबाव बनाया जा रहा है और वहां विभिन्न शैक्षणिक संस्थान अलग-अलग माध्यमों से इन विद्यार्थियों पर रूस वापसी का दबाव बना रहे हैं। जबकि सच्चाई यह है कि रूस में अभी कोरोनावायरस का संक्रमण थमा नहीं है।
संजय सेठ ने बताया कि यह पूरे देश के लिए बड़ा और गंभीर मुद्दा है। रूस के शैक्षिक संस्थानों द्वारा बनाए जा रहे दबाव के कारण इन विद्यार्थियों के अभिभावक भी परेशान हैं और उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि अब क्या किया जाए? विद्यार्थियों में संस्थानों के डर का आलम यह है कि वे खुलकर सामने नहीं आ रहे हैं। इन विद्यार्थियों का कहना है कि यदि खुलकर सामने आते हैं तो उनका करियर दांव पर लग सकता है और भविष्य में उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
ऐसे में यह आवश्यक है कि भारत सरकार इस मामले में पहल करे और अविलंब रूस के उन संस्थानों पर विद्यार्थियों पर अनावश्यक दबाव नहीं बनाने से संबंधित आग्रह किया जाए। इन विद्यार्थियों का कहना है कि कोरोना संक्रमण काल में रूस में एक भारतीय छात्र की मौत हो गई। ऐसे में सभी विद्यार्थी अपने करियर और अपने जीवन को लेकर बहुत डरे हुए हैं। सरकार अविलंब इस मामले में पहल करे।
मेरा आग्रह है कि इस मामले में विदेश मंत्रालय रूस की सरकार से बात करे और विद्यार्थियों को इस समस्या से मुक्ति दिलाई जाए। लॉकडाउन के दौरान इन छात्रों की पढ़ाई ऑनलाइन हो रही थी। इस बीच अब जब पढ़ाई अंतिम चरण में है तो उन संस्थानों द्वारा यह दबाव कहीं न कहीं अनावश्यक है और इस वजह से अभिभावक और छात्र दोनों बहुत परेशान हैं।
उन्होंने विदेश मंत्री से आग्रह किया कि इस मामले में सरकार के स्तर से अविलंब पहल की जाए ताकि विद्यार्थी व उनके अभिभावक को राहत मिल सके और उनका भविष्य भी सुरक्षित हो सके। मुलाकात के बाद संजय सेठ ने कहा कि विदेश मंत्री ने पूरे मामले को गंभीरता से सुना और कहा कि वे रूसी दूतावास से संपर्क कर, उन संस्थानों के विषय में जानकारी प्राप्त कर रहे हैं। संस्थानों से इस बाबत बात कर समाधान निकाला जाएगा।