मध्य प्रदेश के सियासी तूफान से झारखंड में बवंडर, कांग्रेस विधायकों की जासूसी MP Political Crisis
मध्य प्रदेश के धाकड़ कांग्रेसी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस से इस्तीफा के बाद भाजपा में शामिल होने के चर्चे हैं। झारखंड में कांग्रेसी विधायकों पर पैनी नजर रखी जा रही है।
रांची, राज्य ब्यूरो। MP Political Crisis Jyotiraditya Scindia Resigned Congress मध्य प्रदेश के धाकड़ कांग्रेसी नेता, सिंंधिया राजघराने के महाराज ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस से इस्तीफा के बाद भाजपा में शामिल होने के चर्चे हैं। ऐसे में कमलनाथ सरकार पर गहराते संकट केे बीच झारखंड में भी कांग्रेस के विधायकों पर पैनी नजर रखी जा रही है। मंगलवार को दिनभर मेंं मध्यप्रदेश के पालिटिकल डेवलपमेंट से झारखंड में भी सुगबुगाहट तेज हो गई। कांग्रेस के विधायकों पर नजर रखने का आलाकमान का फरमान जारी हुआ है। अभी राज्य में कांग्रेस के सहयोग से मुुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार चल रही है। ऐसे में मंत्री नहीं बन पाए कांग्रेस विधायक नाराज बताए जाते हैं। फिलहाल ऐसे विधायक खुलकर सामने आने से कतरा रहे हैं। लेकिन दलबदल के लिए बदनाम झारखंड मेंं कब कौन पाला बदल दे कहना मुश्किल है।
झारखंड के हालिया दिनों के राजनीतिक घटनाक्रम को देखें तो विधानसभा चुनाव में झामुमो, कांग्रेस और राजद के महागठबंधन की जीत के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सरकार बनी है। इसमें कांग्रेस के कुल 4 मंत्री शामिल हैं। इन चार मंत्रियों में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रामेश्वर उरांव, बन्ना गुप्ता, बादल और आलमगीर आलम शुमार हैं। जबकि कई विधायकों को मंत्री का पद हासिल नहीं हो सका। इधर हाल के दिनों में झाविमो के 2 विधायकों प्रदीप यादव और बंधु तिर्की के कांग्रेस में शामिल होने के बाद झारखंड का सियासी माहौल गर्म है।
कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने प्रदीप यादव के कांग्रेस में शामिल होने का खुलकर विरोध किया है। कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर इरफान अंसारी ने इस्तीफा देने तक की पेशकश कर दी थी। इसके बाद राज्यसभा चुनाव में फुरकान अंसारी को उम्मीदवार नहीं बनाए जाने को लेकर भी राजनीतिक तापमान बढ़ा हुआ है। इस बारे में इरफान अंसारी ने मीडिया में खुलकर कहा है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव के समय ही फुरकान अंसारी को राज्यसभा में भेजने का कमिटमेंट किया था, हालांकि झारखंड कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह ने ऐसे किसी भी तरह के कमिटमेंट से साफ इन्कार किया है।
बता दें कि राज्यसभा के लिए झारखंड से 2 सीटें खाली हो रही हैं। इस पर 26 मार्च को चुनाव होना है। एक सीट पर झामुमो ने पार्टी प्रमुख शिबू सोरेन को उम्मीदवार बनाया है, जबकि दूसरी सीट के लिए कांग्रेस की ओर से अभी तक किसी भी उम्मीदवार के नाम की घोषणा नहीं की गई है। बताया गया है कि प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह खुद ही झारखंड से राज्यसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं। ताजा घटनाक्रम को देखें तो यह जाहिर हो रहा है कि कांग्रेस में अंदरखाने सबकुछ ठीक नहीं चल रहा। अब मध्य प्रदेश के सियासी तूफान से झारखंड में भी बवंडर आने के संकेत मिल रहे हैं। मध्य प्रदेश के उठापटक के बीच कांग्रेस आलाकमान की ओर से ऐसे नाराज विधायकों पर पैनी नजर रखने को कहा गया है। पार्टी के स्तर पर इनकी निगहबानी शुरू कर दी गई है।