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झारखंड के नेतरहाट में मिला माउस डियर, जंगल से बकरियों के साथ आ गया गांव; पुचकारने लगे ग्रामीण

Netarhat Jharkhand Hindi Samachar झारखंड के लातेहार जिले के नेतरहाट गांव में लोग माउस डियर को दूध पिला रहे हैं और उत्साह के साथ उसकी देखभाल कर रहे हैं। वन विभाग द्वारा ओरमांझी चिडियाघर या बारेसाढ़ सांभर इंकलोजर में भेजे जाने की संभावना है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Mon, 23 Aug 2021 07:21 PM (IST)Updated: Mon, 23 Aug 2021 07:26 PM (IST)
झारखंड के नेतरहाट में मिला माउस डियर, जंगल से बकरियों के साथ आ गया गांव; पुचकारने लगे ग्रामीण
Netarhat Jharkhand, Hindi Samachar ग्रामीण उत्साह के साथ माउस डियर की देखभाल कर रहे हैं।

महुआडांड़ (लातेहार), जासं। झारखंड के लातेहार जिले में महुआडांड़ प्रखंड के पठारी क्षेत्र नेतरहाट में माउस डियर की उपस्थिति का पता चला है। दो दिनों पूर्व नेतरहाट के बृजिया टोली के लोगों के बकरी के झुंड के साथ माउस डियर का एक बच्चा गांव आ गया। ग्रामीणों को इसकी जानकारी तब हुई, जब उन्होंने देखा कि बकरियों के झुंड में एक दूसरी तरह का जानवर है। बाद में वनरक्षी ने बताया कि यह 20-25 दिन का माउस डियर है। मालूम हो कि देश में पाई जाने वाली हिरणों की प्रजाति में माउस डियर सबसे छोटा हिरण है। यह रात में ही निकलता है और अक्सर बहुत कम दिखाई देता है।

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हालांकि इसे आइयूसीएन यानि अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ की विलुप्त हो रहे जानवरों की सूची से बाहर रखा गया है। मगर जंगलों की कटाई और मानव घुसपैठ के बाद इनके अस्तित्व पर खतरा उत्पन्न हो गया है। ग्रामीण मदन किसान और कुलमनिया देवी ने बताया कि वे व अन्य दो लोग बकरी चराने सेवर खान जंगल गए हुए थे। जब बकरी चरा कर वापस लौटे, तो बकरी के झुंड के साथ माउस डियर भी गांव आ गया।

हमने इसकी सूचना नेतरहाट के वन रक्षी सलमान कुल्लू को दी। सलमान कुल्लू ने गांव पहुंचकर बकरियों के साथ आए इस जानवर को देखा और बताया कि यह माउस डियर है। सुलेमान कुल्लू ने बताया कि यह हिरण की एक प्रजाति है, जिसे माउस डियर कहा जाता है। मैंने माउस डियर को दूध पिलाने के लिए ग्रामीणों को राशि दी है और उसकी देखरेख करने का अनुरोध किया है।

साथ ही वन विभाग के वरीय अधिकारियों को इसकी सूचना दी गई है। वन विभाग के अधिकारियों के देर शाम तक नेतरहाट पहुंचने की संभावना है। माउस डियर को रांची के ओरमांझी चिडियाघर या बारेसाढ़ सांभर इंकलोजर में भेजे जाने की संभावना है। सामाजिक कार्यकर्ता रामबिसु नगेसिया एवं राजू लकड़ा ने बताया कि हिरण की इस प्रजाति के बारे में गांव के लोगों को मालूम नहीं था। जानकारी मिलने पर इसे देखने के लिए भीड़ इकठ्ठा हो गई। वनरक्षी के द्वारा बताए जाने पर हमें इसके बारे में पता चला।


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