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दक्षिण कोरिया के हंकुक विश्‍वविद्यालय व झारखंड केंद्रीय विश्‍वविद्यालय के बीच एमओयू, शोध कार्यों को मिलेगा बढ़ावा

Jharkhand Central University बताया गया कि शैक्षिक सहयोग को विकसित करने के लिए दक्षिण कोरिया के हंकुक विश्‍वविद्यालय व सीयूजे के बीच एमओयू किया गया है। इससे ज्‍वाइंट सेमिनार लेक्चर सिम्पोजियम एवं दूसरे शैक्षणिक एवं शोध-कार्यों को बढ़ावा मिलेगा।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Thu, 17 Dec 2020 02:58 PM (IST)Updated: Thu, 17 Dec 2020 03:05 PM (IST)
दक्षिण कोरिया के हंकुक विश्‍वविद्यालय व झारखंड केंद्रीय विश्‍वविद्यालय के बीच एमओयू, शोध कार्यों को मिलेगा बढ़ावा
हंकुक विश्‍वविद्यालय के छात्रों के लिए ऑनलाइन हिंदी की कक्षा शुरू होगी।

रांची, जासं। सुदूर पूर्व भाषा विभाग, झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूजे) एवं हिंदी विभाग, हंकुक विश्‍वविद्यालय के बीच एक एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया है। दोनों संस्थानों ने शैक्षणिक और शैक्षिक सहयोग को विकसित करने के लिए समझौता किया है। सीयूजे के प्रोफेसर इंचार्ज प्रो. मनोज कुमार ने बताया कि विदेश मंत्रालय से एनओसी मिलने के बाद इस एमओयू को मूर्त रूप दिया गया और आने वाले दिनों में दोनों विश्वविद्यालयों के बीच होने वाले पारस्परिक शैक्षणिक एवं शैक्षिक कार्यों के क्षेत्र में यह एमओयू एक मील का पत्थर साबित होगा।

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झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय के कार्यकारी कुलपति प्रो. आरके डे ने कहा कि हंकुक विश्वविद्यालय के सहयोग से झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय छात्रों, संकाय सदस्यों को अंतरराष्ट्रीय शिक्षा के लिए अवसर प्रदान करेगा। दोनों संस्थानों में इस एमओयू से अनुसंधान और अंतरराष्ट्रीय जुड़ाव में मदद मिलेगी। यह विश्वविद्यालय के मिशन के अनुरूप है।

यह ऐसी दक्षताओं के निर्माण में मदद करने का लक्ष्य रखता है, जो स्थानीय को वैश्विक से जोड़े, महत्वपूर्ण सोच को विकसित करे, शिक्षा को बढ़ावा दे, और कई अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोणों से गंभीर समझ प्रदान कर सके। दोनों संस्थान अब संयुक्त हित के शैक्षणिक क्षेत्रों, जैसे कांफ्रेंस, सिम्पोजियम आदि के लिए सहयोग करेंगे। इसमें शैक्षणिक सदस्यों और छात्रों का आदान-प्रदान शामिल है।

सुदूर पूर्व भाषा विभाग के समन्वयक शशि कुमार मिश्र ने कहा कि बहुत जल्द ही विभाग इस एमओयू के अंतर्गत हंकुक विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए ऑनलाइन हिंदी की कक्षा शुरू करने की योजना बना रहा है। उम्मीद है कि जल्द ही इसकी शुरुआत कर दी जाएगी। साथ ही साथ कोरियाई पढ़ाने वाले झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्रों और हंकुक विश्वविद्यालय के हिंदी पढ़ने वाले छात्रों के बीच भाषा का आदान-प्रदान से संबंधित प्रोग्राम की शुरुआत करने पर भी विचार किया जा रहा है।

एमओयू के मुख्य मकसद

-ज्‍वाइंट सेमिनार, लेक्चर सिम्पोजियम एवं दूसरे शैक्षणिक व शोध-कार्य

-ज्‍वाइंट रिसर्च प्रोजेक्ट

-शिक्षकों एवं छात्रों के लिए साझा शोधकार्य शॉर्ट टर्म रिसर्च विजिट

-सिलेबस एवं पाठ्य-पुस्तक निर्माण

-शिक्षक एवं छात्रों का आदान-प्रदान


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