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झारखंड: बदले मौसम के तेवर, तो बढ़े वायरल के मरीज; ऐसे करें बीमारियों से बचाव Ranchi News

रिम्स के आइसोलेशन वार्ड में डेंगू से पीडि़त सात मरीजों का इलाज चल रहा है। मरीज लोहरदगा सिमडेगा हजारीबाग व गुमला से आकर रिम्स में भर्ती हुए हैं।

By Alok ShahiEdited By: Published: Fri, 27 Sep 2019 06:15 PM (IST)Updated: Fri, 27 Sep 2019 06:15 PM (IST)
झारखंड: बदले मौसम के तेवर, तो बढ़े वायरल के मरीज; ऐसे करें बीमारियों से बचाव Ranchi News
झारखंड: बदले मौसम के तेवर, तो बढ़े वायरल के मरीज; ऐसे करें बीमारियों से बचाव Ranchi News

रांची, जेएनएन। पूरे राज्य भर में इन दिनों मौसमी बीमारियों का प्रकोप देखने को मिल रहा है। कस्बे में डेंगू, मलेरिया और बुखार जैसी बीमारियां लोगों को अपना निशाना बना रही हैं। वहीं मौसमी बीमारियों की चपेट में आने से अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। रिम्स के आइसोलेशन वार्ड में डेंगू से पीडि़त सात मरीजों का इलाज चल रहा है। मरीज लोहरदगा, सिमडेगा, हजारीबाग व गुमला से आकर रिम्स में भर्ती हुए हैं।

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जानकारी के अनुसार ये मरीज डेंगू से पीडि़त होकर भर्ती किए गए हैं। शुक्रवार तक इन मरीजों की संख्या पांच थी। जबकि शनिवार को भी दो मरीज भर्ती हुए है। रिम्स में आने के बाद सभी मरीजों के डेंगू की जांच भी कराई गई है, जिसमें कुछ की रिपोर्ट पॉजीटिव आई है और कुछ की रिपोर्ट एक दो दिनों में आने वाली है।  बीते दिनों भी मलेरिया और डेंगू के प्रकोप से करीब दर्जन भर सीआरपीएफ, आईआरबी और जगुआर के जवान आइसोलेशन वार्ड में भर्ती थे। इनमें से भी दो को डेंगू और तीन को मलेरिया पाजिटीव पाया गया था। वहीं इन सबके अलावा अभी भी आइसोलेशन वार्ड में एक जवान भर्ती है।

ओपीडी में भी मरीजों की संख्या में इजाफा

रिम्स में भी ओपीडी में रोजाना औसतन अधिक संख्या में मरीज पहुंच रहे है। जहां प्रतिदिन ओपीडी में 1200 से 1400 मरीज पहुंचते थे, वहीं अभी करीब 1800 मरीज चिकित्सक से परामर्श लेने पहुंच रहे हैं। रिम्स मेडिसीन विभाग के डॉ. बी कुमार ने बताया कि इन दिनों सबसे ज्यादा मरीज वायरल फीवर के अस्पताल पहुंच रहे है। इसमें सर्दी-बुखार आम है। अधिकांश मरीजों में मलेरिया व डेंगू के लक्षण दिखाई पड़ते है लेकिन जांच के बाद इस तरह की कोई बीमारी की पुष्टि नहीं होती। उन्होंने बताया कि यह वायरल फीवर मनुष्य के शरीर को पूरी तरह से कमजोर कर देता है। इसके साथ ही पूरे शरीर में जकडऩ के साथ तेज दर्द होने लगता है। डॉक्टर ने कहा कि जब भी मरीजों को इस तरह की परेशानी होती है या कोई लक्षण दिखाई पड़ता है, ऐसे में इसे नजर अंदाज किए बिना डॉक्टरों से परामर्श जरूर लेना चाहिए। वहीं जो दवाईयां डॉक्टर प्रिस्क्राइव करते है उसमें कोताही कतई न बरतें।

शॉर्ट कोर्स से ठीक कर सकते है वायरल फीवर

वायरल फीवर की गिरफ्त में आने के बाद इससे निबटने का बहुत ही शॉट कोर्स है। डॉक्टरों से परामर्श के बाद वे जो भी दवाएं प्रिस्क्राइव करें उसे उचित तौर पर लेते रहे। दवाई के नियमित सेवन से तीन से चार दिन में इससे निजात पाई जा सकती है। वहीं अचानक से कमजोरी महसूस होने पर कहीं भी साफ सुथरी जगह देख कर सो जाना चाहिए।


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