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तेलंगाना से झारखंड के 1200 मजदूरों को लेकर निकली स्‍पेशल ट्रेन, CM बोले-सबको वापस लाएंगे

Migrant Labourer Back Home तेलांगना सरकार की पहल पर रेल मंत्रालय ने शुक्रवार को श्रमिकों के लिए विशेष ट्रेन चलाई है। तेलंगाना से हटिया के लिए पहली ट्रेन 1200 मजदूरों के साथ निकली।

By Alok ShahiEdited By: Published: Fri, 01 May 2020 12:50 PM (IST)Updated: Sat, 02 May 2020 12:21 AM (IST)
तेलंगाना से झारखंड के 1200 मजदूरों को लेकर निकली स्‍पेशल ट्रेन, CM बोले-सबको वापस लाएंगे
तेलंगाना से झारखंड के 1200 मजदूरों को लेकर निकली स्‍पेशल ट्रेन, CM बोले-सबको वापस लाएंगे

रांची, राज्य ब्यूरो। Indian Railways Special Train लॉकडाउन के कारण झारखंड के बाहर फंसे लोग घर वापसी की राह देख रहे हैं, इस बीच तेलांगना सरकार की पहल पर रेल मंत्रालय ने शुक्रवार को श्रमिकों के लिए एक विशेष ट्रेन चलाई है। तेलंगाना से  हटिया  के लिए पहली ट्रेन करीब 1200 मजदूरों के साथ रवाना की गई है, जो रात्रि 11 बजे हटिया स्टेशन पर पहुंचेगी। इस दौरान सिर्फ छह स्टेशनों पर यह ट्रेन रुकेगी। झारखंड के प्रवासी मजदूरों काे लेकर यह स्‍पेशल ट्रेन हैदराबाद के लिंगमपल्ली से हटिया स्टेशन पहुंच रही है। इधर झारखंड सरकार के स्‍तर पर कई समीपवर्ती राज्‍यों में बसें रवाना की गई हैं। इनमें वहां फंसे मजदूरों को लाया जाएगा।

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लिंगमपेल्ली में फंसे 1176 मजदूरों को लाया जा रहा झारखंड

लॉकडाउन के कारण झारखंड के दूसरे राज्यों के अलग-अलग हिस्सों में फंसे हुए  मजदूरों को लाने की तैयारी शुरु हो गयी है। इसी दिशा में  तेलंगाना के लिंगमपेल्ली में फंसे मजदूरों को झारखंड लाया जा रहा है। शुक्रवार की सुबह 5 बजे स्पेशल ट्रेन लिंगमपल्ली स्टेशन से झारखंड के हटिया स्टेशन के लिए रवाना हो गई, जो रात्रि 11 बजे पहुंचेगी। 24 बोगी के इस ट्रेन में 1176 मजदूर झारखंड के लिए लिंगमपल्ली से रवाना हुए हैं।  वहीं , जिला प्रशासन ने सख्त निर्देश दिया है कि हटिया स्टेशन पर ट्रेन के आगमन के दौरान किसी भी परिजन  को स्टेशन पर प्रवेश करने की अनुमति नहीं होगी।

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60 बसों की होगी व्यवस्था

स्टेशन पर पहुंचने के बाद बसों की व्यवस्था की गई है। जहां शारीरिक दूरी का ख्याल रखते हुए प्रत्येक बस में सिर्फ 25 यात्रियों को बैठाया जाएगा। इनके लिये स्टेशन पर 60 बसों की व्यवस्था की गई है।  बसों के माध्यम से  यात्रियों को अन्य जिलों के लिए रवाना किया जाएगा।  इस संबंध में उपायुक्त ने रेलवे पदाधिकारियों के संग बैठक कर तैयारी को अंतिम रूप दिया है।

स्टेशन पर मजदूरों के परिजनों को आने की नहीं दी जाएगी अनुमति

जो भी प्रवासी मजदूर झारखंड आएंगे और हटिया रेलवे स्टेशन पहुंचेंगे उनको रिसीव करने के लिए कोई भी परिजन नहीं आएंगे। सभी मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाने की सुविधा सरकार के द्वारा की जाएगी। उल्लेखनीय है कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी रेलमंत्री पीयूष गोयल से मजदूरों की वापसी के लिए संपर्क साधा था।

सबको वापस लाएंगे, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया वादा

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने देश के अन्य प्रांतों में फंसे झारखंड के मजदूरों को आश्वस्त किया है कि वे सबको हर हाल में वापस लाएंगे। इस बाबत सरकार लगातार प्रयत्नशील है। केंद्र सरकार का आदेश मिलने के बाद ही राज्य सरकार ने काम आरंभ कर दिया था। शुक्रवार को एक वीडियो संदेश जारी कर भी उन्होंने देशभर में फंसे झारखंड के प्रवासी मजदूरों को कहा कि वे  संयम और धैर्य रखें। सरकार विपदा की घड़ी में उनके साथ है। हर हाल में उन्हें वापस लाने की कार्रवाई की जाएगी।

इससे पहले गुरुवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विधायकों और सांसदों से भी इस बाबत परामर्श किया। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने लोगों को वापस लाने के लिए वरीय अधिकारियों का एक दल तैनात किया है। इन अधिकारियों को विभिन्न प्रदेशों की सरकारों से समन्वय स्थापित करने की जिम्मेदारी दी गई है। गुरुवार से पड़ोसी राज्यों से मजदूरों को लाने की योजना पर भी काम आरंभ हो गया। साहिबगंज में फंसे पश्चिम बंगाल के मजदूरों को लेकर कई बसें कोलकाता की ओर रवाना हुई। वापसी में यही बसें वहां फंसे झारखंड के लोगों को लेकर आएगी। तेलंगाना में फंसे झारखंड के लोगों को लेकर एक विशेष ट्रेन भी रवाना हुई है। इसमें लगभग 1200 मजदूर सवार हैं। इस ट्रेन का ठहराव महज कुछ स्टेशनों पर होगा। 

ट्रेनों के बगैर लाना असंभव

 दरअसल ट्रेनों के बगैर विभिन्न प्रांतों में फंसे राज्य के लोगों को लाना संभव ही नहीं है। राज्य सरकार ने भी स्पष्ट कर दिया है  कि प्रवासियों को लाने के लिए सुदूर राज्यों में बसें भेजना अव्यवहारिक है। इसके लिए ट्रेन के अलावा और कोई विकल्प नहीं है। अगर बसों से लाने की कवायद हुई तो प्रक्रिया में काफी लंबा वक्त लग जाएगा। झारखंड के नौ लाख से ज्यादा लोग देश के विभिन्न प्रांतों में फंसे हैं। इस संख्या में इजाफा भी हो सकता है।

हैदराबाद से हटिया विशेष रेल के माध्यम से 1200 से प्रवासी झारखंडवासी वापस आ रहे हैं। गृह मंत्री अमित शाह, रेल मंत्री पीयूष गोयल और तेलंगाना सरकार का धन्यवाद। जिनके प्रयास से यह संभव हो पाया है। मजदूर दिवस के दिन झारखंड के लोगों को एक तोहफा मिला है। वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार केवल मीडिया में बयानबाजी कर रही है। प्रवासी झारखंडवासियों को लाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। झारखंड सरकार बयानबाजी छोड़ दूसरे राज्य में फंसे लोगों को लाने के लिए ठोस रणनीति बनाए। झारखंड सरकार ने केंद्र से प्रवासी लोगों को लाने के लिए अनुमति देने की मांग की थी, जब केंद्र ने अनुमति प्रदान कर दी, तो राज्य सरकार तरह-तरह के बहाने बना रही है। रघुवर दास, पूर्व मुख्‍यमंत्री झारखंड।

मजदूरों को ट्रेन द्वारा भेजने के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह एवं रेल मंत्री पीयूष गोयल जी का आभार, साधुवाद, हेमंत सरकार अपने कर्तव्‍य का निर्वहन करे। दीपक प्रकाश, भाजपा प्रदेश अध्‍यक्ष झारखंड

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा कि प्रदेश भारतीय जनता पार्टी केंद्र सरकार का विशेष आभार प्रकट करती है।आज मजदूर दिवस के दिन हैदराबाद से मजदूरों को लेकर चली ट्रैन ने उन श्रमिको और उनके परिजनों को विशेष खुशी दी है जो एक माह से लॉक्ड डाउन में घर से दूर फंसे थे।उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्र सरकार के निर्देश के बावजूद हेमंत सरकार बयानबाजी में ही उलझी है। गरीबों मजदूरों के प्रति संवेदनशीलता का राज्य सरकार में घोर अभाव है। श्री प्रकाश ने कहा मजदूरों के रांची पहुचते ही राज्य सरकार को अपने दायित्वों के निर्वहन के लिये तैयार  रहना चाहिये। केन्द्र सरकार के निर्देश के आलोक में उनकी जांच एवम आइसोलेशन की त्वरित व्यवस्था हो।कही ऐसा न हो कि फिर अफरा तफरी के माहौल उत्तपन्न हो जाएं,और लोगों की सुरक्षा खतरे में पड़ जाए।


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