रांची फोरमः जनभागीदारी सराहनीय, सरकार भी अपनाएगी सुझाव
नगर विकास सचिव अजय कुमार सिंह ने खुले दिल से हमारी ओर से सुझाए गए 11 समाधानों को सराहा और जागरण के साथ मिलकर रांची को सुव्यवस्थित बनाने की रूप-रेखा पेश की।
आलोक, रांची। आम-ओ-खास की रांची, माय सिटी माय प्राइड। न जाम का झाम, न असुरक्षा का डर। पानी-बिजली, सड़क, शिक्षा, सेहत सब चकाचक। सबकुछ व्यवस्थित, सपने सा सुंदर। दैनिक जागरण के इस महती अभियान में जागरूकता, सहभागिता और संपन्नता के कैनवास पर बेहतरी की बहुआयामी तस्वीरें उकेरी गईं।
केंद्र और राज्य सरकार के मंत्रियों की मौजूदगी में समवेत स्वर गूंजा कि दैनिक जागरण के इस फोरम को मुकाम दिलाया जाए। नगर विकास सचिव अजय कुमार सिंह ने खुले दिल से हमारी ओर से सुझाए गए 11 समाधानों को सराहा और जागरण के साथ मिलकर रांची को सुव्यवस्थित बनाने की रूप-रेखा पेश की। उन्होंने मंच से नगर में अगले 20 वर्षों में होने वाले विकास का खाका खींचा। देश के विकसित 10 शहरों में से छठे पायदान पर रहे इस शहर को आगे ले जाने के लिए रियल हीरो ने भी पूरी प्रतिबद्धता के साथ अपना माद्दा दिखाया। सबों ने जनभागीदारी के साथ शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, आधारभूत संरचना और अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर मैदान मारने के लिए पूरे दमखम से काम करने की जिद ठानी।
झारखंड की संस्कृति और गौरव की केंद्रस्थली रांची को ड्राइवर का दर्जा देते हुए कहा गया कि इसे ऐसा बनाएंगे जिस पर आने वाली पीढिय़ों को गर्व होगा। रघुवर सरकार के नगर विकास मंत्री सीपी सिंह और उनके विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह ने रांची से ग्रेटर रांची तक की दूरी सधी हुई प्लानिंग के जरिए नापी। फुटपाथ से फ्लाईओवर, पब्लिक ट्रांसपोर्ट से ट्रांसपोर्ट नगर, संपर्क पथ से ङ्क्षरग रोड और अर्बन डेवलपमेंट से स्मार्ट सिटी तक हर एप्रोच में जागरण के मंच से तलाशे गए समाधानों को अपनाने पर जोर दिया गया।
कमांड कंट्रोल सिस्टम और नो रेड लाइट जोन बढ़ाएंगे शहर का गौरव : अजय कुमार सिंह
नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह ने कहा कि नगर विकास में पिछले चार सालों में सरकार का निवेश कई गुणा बढ़ा है। इस दौरान स्मार्ट सिटी समेत पूरे शहर में कमांड कंट्रोल सिस्टम के जरिए निगरानी रखने की योजना की जानकारी दी। यह सिस्टम लागू होने से पूरा शहर सीसीटीवी कैमरे की जद में होगा। उन्होंने कहा कि राजभवन से लेकर रेलवे स्टेशन तक एक ऐसा जोन बनाने की कोशिश हो रही है, जहां रेड लाइट की जरूरत ही न हो और लोगो निर्बाध रूप से आवागमन कर सकें।
उन्होंने कहा कि हमारा ध्यान तेजी से विकास की ओर है। यह सुखद है कि नगर विकास विभाग का बजट अभी 400 करोड़ का है। इसके अलावा स्मार्ट सिटी की वजह से रांची को नई दिशा मिली है। स्मार्ट सिटी के 300 एकड़ में निजी निवेश कराने की योजना है। अगर विश्व की शीर्ष सौ संस्थानों में से कोई भी स्मार्ट
सिटी में निवेश करने की पहल करे, तो उन्हें नोमिनल कॉस्ट पर जमीन उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अलावा अर्बन ट्रांसपोर्ट सिस्टम बेहतर करने के लिए सरकार काम कर रही है। स्थल का भौतिक सत्यापन कर योजना तैयार की जाएगी। कांटाटोली और हरमू फ्लाईओवर समेत पिस्का मोड़ के एलिवेटेड रोड से जहां शहर को जाम से निजात मिलेगी वहीं फुटपाथ और नगर बस सेवा को शानदार बनाने की ओर भी हमारा ध्यान है। इसका अलावा टेंडर में भी राज्य की निर्माता कंपनियों को प्राथमिकता देकर यहां स्थानीय व्यवसाय और अर्थव्यवस्था को मजबूती देने की कोशिश की गई है।
नए मेडिकल कॉलेजों से दूर होगी डॉक्टरों की कमी: कृपानंद
माय सिटी माय प्राइड कार्यक्रम में आयोजित पैनल डिस्कशन में राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान-झारखंड के निदेशक कृपानंद झा ने स्वीकार किया कि राज्य में अभी डॉक्टरों की कमी है। लेकिन उन्होंने आश्वस्त किया कि खुल रहे पांच नए मेडिकल कॉलेजों से यह समस्या दूर होगी। कहा कि राज्य में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी नहीं हो, इसके लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। इनमें कैंपस सलेक्शन भी शामिल हैं।
उन्होंने रांची में स्वास्थ्य सेवाओं पर चर्चा करते हुए कहा कि 500 बेड वाले रांची सदर अस्पताल में इलाज शुरू हो गया है। इसमें अन्य वार्डों में भी शीघ्र ही चिकित्सा सुविधाएं बहाल की जाएंगी। उन्होंने इटकी में प्रस्तावित मेडिको सिटी को भी रांची में स्वास्थ्य संरचना के विकास में बड़ी योजना बताया।
अभियान निदेशक ने आयुष्मान भारत योजना के तहत शहरी क्षेत्र सहित पूरे राज्य के सभी स्वास्थ्य केंद्रों को 2022 तक हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के रूप में अपग्रेड किए जाने की जानकारी दी। इन सेंटरों में डायबीटिज, ब्लड प्रेशर, कैंसर जांच के अलावा बारह तरह की चिकित्सा सेवाएं लोगों को मिलेंगी। कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने उनसे स्वास्थ्य से जुड़े सवाल किए जिनका उन्होंने समाधान किया।
रांची बनेगी एविएशन हब, मिलकर करेंगे समग्र विकास : जयंत सिन्हा
दैनिक जागरण की ओर से आयोजित फोरम में शनिवार को केंद्रीय नागर विमानन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा के दिल में भी रांची को शानदार शहर बनाने की टीस दिखी। उन्होंने इस दौरान रांची हवाई अड्डे को अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का दर्जा दिलाने की घोषणा की। साथ ही एयरपोर्ट पर सुविधाएं बढ़ाने और रांची को एविशनल हब बनाने का भरोसा दिलाया। रांची से विभिन्न शहरों के लिए फ्लाइट्स बढ़ाने की भी बात उन्होंने कही। उन्होंने घोषणा की रांची के अलावा दुमका एयरपोर्ट के विस्तार पर भी काम चल रहा है।
सिन्हा ने कहा कि राजधानी का विकास केवल किसी एक शहर का विकास सोचकर नहीं बल्कि पूरे राज्य के इसके कनेक्ट को देखकर विकास करना होगा। इसके लिए हमें सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर दोनों ही पहलुओं को ध्यान में रखना होगा। इसके लिए रिंग रोड को जल्द से जल्द बनाने से लेकर अस्पताल और स्कूल-कॉलेजों को उच्चस्तरीय बनाना होगा। रांची को एजुकेशनल हब और विश्वविद्यालयों को नॉलेज सेंटर बनाने पर विचार करना होगा।
वरदान है रांची की आबोहवा, बचाने के लिए हों एकजुट : सुदर्शन भगत
केंद्रीय जनजातीय कार्य राज्यमंत्री सुदर्शन भगत ने फोरम में अपने संबोधन के दौरान रांची की खूबसूरती, हरियाली और आबोहवा को नैसर्गिक वरदान बताते हुए इसे गौरव करनेवाला प्रमुख तत्व बताया। उन्होंने यहां की हरियाली और आबोहवा को संभाल कर रखने के लिए शहरवासियों से आगे आने की भी अपील की। उन्होंने कहा कि रांची की अपनी अलग पहचान शुरू से रही है। अब इसे विकास में पहचान दिलाने की जरूरत है। दैनिक जागरण का माय सिटी माय प्राइड अभियान सराहनीय है और आनेवाले दिनों में इसके प्रयास रंग लाते दिखेंगे।
केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने के लिए जिन तीन धरोहरों को चुना है उनमें झारखंड के भी सांस्कृति स्थल शामिल हैं यह हमारे लिए गर्व की बात है। आने वाले दिनों में बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा के पर्यटन स्थल और स्मारक के रूप में विकसित होने पर हम गर्व की और भी अनुभूति कर सकेंगे। इसके अलावा जल्द ही शहीदों से जुड़़े स्थान को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करना है। पंरपरा और संस्कृति को बचाने की चर्चा करते हुए उन्होंने पानी के परंपरागत तरीके से शुद्धीकरण से लेकर स्थानीय हुनर और शिल्प को विकसित करने पर भी जोर दिया। इस दौरान उन्होंने रेन वाटर हार्वेस्टिंग से लेकर प्रदूषण नियंत्रण, कचरे के वैज्ञानिक और नियोजित तरीके से निस्तारण करने पर भी जोर दिया। इसके तहत बिरसा मुंडा केंद्रीय जेल को नेशनल प्रोजेक्ट में शामिल किया जाएगा।