Jagran Exclusive: झारखंड में मास्क, सैनिटाइजर व पीपीई किट का अधिकतम मूल्य होगा तय; यहां जानें कीमत
Jharkhand News Mask PPE Kit Price झारखंड स्वास्थ्य विभाग ने आपदा प्रबंधन प्राधिकार से अधिसूचित करने की अनुशंसा की है। कोरोना से संबंधित मेडिकल उपकरण अनिवार्य वस्तु अधिनियम के दायरे में आएंगे। परामर्शी समिति की अनुशंसा पर अधिकतम मूल्य निर्धारित किया गया है।
रांची, [नीरज अम्बष्ठ]। झारखंड सरकार मास्क, सैनिटाइजर, पीपीई किट, पल्स ऑक्सीमीटर सहित कोरोना के इस्तेमाल में आने वाले अन्य उपकरणों व वस्तुओं का अधिकतम मूल्य लागू करेगी। राज्य सरकार द्वारा तय अधिकतम मूल्य से अधिक राशि वसूलने पर संबंधित दुकानदारों के विरुद्ध आपदा प्रबंधन कानून के तहत कार्रवाई होगी। स्वास्थ्य विभाग ने इनके अधिकतम मूल्य का प्रस्ताव तय करते हुए इस पर आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से मंजूरी मांगी है। साथ ही खाद्य आपूर्ति विभाग को इसे आवश्यक वस्तु अधिनियम में लाने का अनुरोध किया है।
स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना की संभावित तीसरी लहर का हवाला देते हुए कोरोना नियंत्रण में उपयोग में आने वाले सभी प्रकार के मेडिकल उपकरणों व अन्य वस्तुओं का अधिकतम विक्रय मूल्य (टैक्स के साथ एमआरपी) तय करते हुए गृह, कारा, एवं आपदा प्रबधंन विभाग को प्रस्ताव भेजा है। साथ ही इन्हें आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1986 में शामिल कर अधिकतम दर लागू किए जाने की अधिसूचना जारी करने को लेकर खाद्य आपूर्ति विभाग को पत्र लिखा है।
परामर्शी समिति ने तय की कीमत
अधिकतम मूल्य तय करने को लेकर परामर्शी समिति गठित की गई थी। इसकी अनुशंसा पर अधिकतम मूल्य का निर्धारण किया गया है। इस समिति में भारतीय प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारी शांतनु अग्रहरि, भुवनेश प्रताप सिंह व अन्य शामिल थे। स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने इसे लागू करने की दोनों विभागों से अनुशंसा करते हुए कहा है कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए कोरोना से संबंधित उपकरणों को आवश्यक वस्तु अधिनियम के दायरे में लाना अनिवार्य है, ताकि लोगों को यह वास्तविक मूल्य पर मिल सके तथा कालाबाजारी पर रोक लग सके।
निजी अस्पतालों पर भी कसेगा शिकंजा
राज्य सरकार के समक्ष निजी अस्पतालों द्वारा कोरोना मरीजों के इलाज में निर्धारित दर से अधिक राशि वसूलने की भी बातें सामने आई हैं। आवश्यक प्रविधानों के अभाव के कारण अभी तक ऐसे निजी अस्पतालों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं हो पा रही थी। अब स्वास्थ्य विभाग ने इसे आपदा प्रबंधन कानून, 2005 के प्रविधानों के तहत कार्रवाई करने की सहमति झारखंड आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से मांगी है। इससे अब क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट के साथ-साथ आपदा प्रबंधन कानून, 2005 के तहत भी ऐसे अस्पतालों के विरुद्ध कार्रवाई हो सकेगी।
यह अधिकतम मूल्य हो सकता है लागू
-सर्जिकल मास्क : 7 रुपये प्रति पीस
-एन 95 मास्क (सामान्य) : 25 रुपये प्रति पीस
-हैंड सैनिटाइजर : 250 रुपये (500 एमएल)
-इग्जामिनेशन ग्लव्स : 8.50 रुपये प्रति पीस
-स्टेरायल ग्लव्स : 25 रुपये प्रति जोड़ा
-पल्स ऑक्सीमीटर : 1400 रुपये
-पीपीई किट : 380 रुपये
नोट : इसी तरह अन्य उपकरण व वस्तुओं के अधिकतम मूल्य निर्धारित किए गए हैं।