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पूर्वी भारत में निर्यात की सर्वाधिक संभावना झारखंड में: कुलपति

बिरसा कृषि विश्वविद्यालय कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने कहा है कि झारखंड से निर्यात की काफी संभावना है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 07 Oct 2021 06:57 AM (IST)Updated: Thu, 07 Oct 2021 06:57 AM (IST)
पूर्वी भारत में निर्यात की सर्वाधिक संभावना झारखंड में: कुलपति
पूर्वी भारत में निर्यात की सर्वाधिक संभावना झारखंड में: कुलपति

जासं, रांची : बिरसा कृषि विश्वविद्यालय कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने कहा है कि झारखंड से फल, फूल, सब्जी और औषधीय जड़ी-बूटी के निर्यात की पर्याप्त संभावनाएं हैं। आवश्यकता है इसके लिए कृषक उत्पादक संगठन, कृषि विश्वविद्यालय, सरकार और एपीडा समन्वित प्रयास करें।

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वह बुधवार को रांची कृषि महाविद्यालय प्रेक्षागृह में आयोजित 'कृषि निर्यात के लिए पूर्वी क्षेत्र जागरूकता कार्यशाला' को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर और पूर्वी राज्यों में कृषि उत्पादन निर्यात की सर्वाधिक संभावना झारखंड में है, इसलिए निर्यात की ²ष्टि से कौन सा गुणवत्तायुक्त सब्जी, फल, फूल या औषधीय पौधा किस जिला में ज्यादा संभावित है, इसका अध्ययन किया जाना चाहिए और उसके उत्पादन को बढ़ावा देने का योजनाबद्ध प्रयास सभी पक्षों को मिलकर करना चाहिए। किसानों की आय बढ़ाने में देश-विदेश के अच्छे बाजारों का बहुत महत्वपूर्ण योगदान है। कार्यशाला का

आयोजन बीएयू के राष्ट्रीय सेवा योजना कोषांग, राष्ट्रीय कृषि उच्चतर शिक्षा परियोजना (नाहेप), कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था।

झारखंड की संस्कृति ही नृत्य और संगीत है : हाफिजुल हसन

पूर्वी क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र कोलकाता संस्कृति मंत्रालय औ झारखंड सांस्कृतिक कार्य निदेशालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित सात दिवसीय नृत्य कार्यशाला का समापन बुधवार को हुआ। समापन कार्यक्रम राजधानी स्थित जवाहरलाल नेहरू कला केंद्र में किया गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में पर्यटन मंत्री हफीजुल हसन ने सभी प्रतिभागियों को प्रोत्साहित किया और आगे भी इस तरह के कार्यक्रम को बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आज राज्य में बहुत सारे अवसर कला एवं खेलकूद के प्रति विद्यमान हैं, जिनके पास प्रतिभा है उन्हें हर संभव मदद की जाएगी। कार्यक्रम में सेल के देवाशीष मुखर्जी, जेवीएम श्यामली के प्राचार्य समरजीत जेना, चंद्रदेव सिंह सहित अन्य गणमान्य मौजूद थे।


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