Move to Jagran APP

7 लोगों की हत्या में 14 साल बाद हुई गिरफ्तारी, जानिए इसके पीछे की पूरी कहानी

मामल में हाईकोर्ट ने संज्ञान लेकर एसएसपी को तलब किया तब दो माह के भीतर गिरफ्तारी का भराेसा दिया गया। एसआइटी की दबिश के बावजूद दो आरोपित फरार हैं।

By Alok ShahiEdited By: Published: Sun, 31 May 2020 05:56 PM (IST)Updated: Sun, 31 May 2020 10:35 PM (IST)
7 लोगों की हत्या में 14 साल बाद हुई गिरफ्तारी, जानिए इसके पीछे की पूरी कहानी
7 लोगों की हत्या में 14 साल बाद हुई गिरफ्तारी, जानिए इसके पीछे की पूरी कहानी

रांची, जेएनएन। राजधानी रांची के तुपुदाना ओपी क्षेत्र के हजाम गांव में वर्ष 2005 में डायन बिसाही के आरोप में हुई एक ही परिवार की सात लोगों की हत्या के मामले में 15 साल बाद लगातार हत्या के आरोपितों की गिरफ्तारी चल रही है। फरार आरोपितों में से 13वां आरोपित झरिया मुंडा को गिरफ्तार कर लिया गया है। सोमवार को उसे जेल भेजा जाएगा। झरिया मुंडा घटना के बाद से भागकर अपने ससुराल रातू थाना क्षेत्र के सिमलिया भीठा टोली में छुपकर रह रहा था।

loksabha election banner

इसकी गुप्त सूचना मिलने पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। तुपुदाना थाना प्रभारी तारीक अनवर के अनुसार फरार आरोपित वर्ष 2005 में घटना को अंजाम देने के बाद से फरार चल रहा था। घटना में शामिल 18 आरोपितों में अबतक 16 की गिरफ्तारी हो चुकी है। लंबे समय से फरार चल रहे 15 में से 13 दबोच लिए गए हैं। इस मामले में अब दो लोग फरार चल रहे हैं। उनकी तलाश में छापेमारी जारी है। बता दें कि इस मामले में हरि महतो ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी।

इस दौरान हाई कोर्ट के संज्ञान में मामला आया था। इसके बाद हाईकोर्ट ने मामले को संज्ञान में लेकर फरार रांची के एसएसपी को तबल किया था। इसपर एसएसपी ने फरार आरोपितों काे दो माह के भीतर आरोपितों को गिरफ्तार करने का समय मांगा था। इसके बाद तुपुदाना अलग केस दर्ज कर आरोपितों की तलाश शुरू की गई। मामल में एसआइटी का गठन का आरोपितों की तलाश की जा रही है।

दर्दनाक ढंग से पूरे परिवार को मार डाला था

वर्ष 2005 में हजाम निवासी बिरबल महतो सहित उसके परिवार के सात लोगों की हत्या कर दी गई। डायन बिसाही का आरोप लगाकर एक पूरे परिवार को मार डाला गया था। जब परिवार के सदस्य रात में सोए थे। बिरबल के गोतिया के आसमान महतो का बिरबल के साथ विवाद चल रहा था। इस विवाद को लेकर आसमान महतो ने ग्रामीणों को बिरबल की पत्नी को डायन बताकर हत्या के लिए उकसाया था। इसके बाद ही बिरबल का घर को घेरकर पूरे परिवार को मार डाला गया था।

हालांकि रात के अंधेरे का फायदा उठाकर अपने दुधमुंहे बच्चे के साथ झाड़ी में छुपकर रात बिताई थी। सुबह वह तुपुदाना टीओपी (अब ओपी) पहुंचकर मामले की जानकारी दी थी। उस समय पुलिस ने पागल समझकर मामले को हल्के में लिया था। इसके बाद धुर्वा थाना के तत्कालीन थाना प्रभारी कमाल खान ने मामले को गंभीरता से लेकर घटनास्थल पहुंचे थे। लाश को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम करवाया था। इसके बाद गांव में छापेमारी की थी। उस समय ग्रामीण फरार हो गए थे। मामले में धुर्वा थाना में कांड संख्या 42/ 05 दर्ज किया गया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.