जलेबी का नाश्ता कर कार में सैर करता है दो लाख का मस्तान
जागरण संवाददाता रांची बकरीद का त्योहार 21 जुलाई को मनाया जाएगा। इसे लेकर राजधानी के
जागरण संवाददाता, रांची : बकरीद का त्योहार 21 जुलाई को मनाया जाएगा। इसे लेकर राजधानी के मेन रोड पर बकरों (खस्सी)का बाजार सज गया है। बाजार में एक से बढ़ कर एक बेशकीमती बकरे बिकने के लिए आ रहे हैं। हालांकि, अब तक इन बकरों की कीमत कोई नहीं दे पाया है। हिदपीढ़ी से आया दो लाख रुपये का बकरा मस्तान शुक्रवार को लगे बाजार में सबसे महंगा बकरा रहा। अपने मालिक का चहेता मस्तान जलेबी का नाश्ता करता है और कार से रोज शहर की सैर भी। चौकी पर ही सोता है और खाने में चना, गेहूं, अनाज से कम पर मुंह नहीं मारता। बाजार में कई लोग इस बकरे को देखने आए मगर, कीमत सुन कर कोई भी बकरे पर पास नहीं ठहरा। माना जा रहा है कि अभी राजधानी के बड़े खरीदार नहीं निकले हैं। एक-दो दिन बाद खरीदार निकलेंगे तो शायद बकरा बाजार चढ़े।
इसके अलावा भी बाजार में कई बकरे हैं। चांडिल से आया 95 किलो वजन का एक बकरा 90 हजार रुपये का है। इसके मालिक खूंटी के रहने वाले राजू हैं। राजू बताते हैं कि बकरे किो खरीदने के लिए कई लोग आए मगर, 80 हजार रुपये से अधिक देने को कोई राजी नहीं हुए। वो बताते हैं कि अगर कोई 85 हजार रुपये देगा तो वो बकरा उसे दे देंगे।
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पौने दो लाख का खूबसूरत दुंबा आकर्षण का केंद्र
बाजार में कांटाटोली के आफताब एक खूबसूरत दुंबा भी लेकर आए हैं। दुंबा की कीमत एक लाख 75 हजार रुपये है। वो बताते हैं कि वो ये दुंबा एक साल पहले राजस्थान में पाकिस्तान सीमा के एक गांव से खरीद कर लाए हैं। दुंबा देखते ही लोग इस पर मोहित हो जाते हैं। दुंबे की टांगों में ही 25-25 किलो मांस है। सफेद रंग के इस सुंदर दुंबे को खरीदने के लिए कई लोगों ने कीमत लगाई मगर, एक लाख 10 हजार रुपये से कोई आगे नहीं बढ़ा। दुंबा के साथ आफताब के बच्चे भी आए हैं। दुंबे से बच्चों को बड़ी मोहब्बत है। आफताब बताते हैं कि दुंबे को बड़े लाड से पाला गया है। वो कभी जमीन पर नहीं रहा। चौकी पर सोता है और चौकी पर ही बैठता है। आफताब दुंबे को सुबह रोज घुमाने भी ले जाते हैं।
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पिछले साल की तुलना में महंगे बिक रहे बकरे
इस साल बकरा बाजार में पिछले साल की तुलना में अधिक महंगाई है। जो बकरा पिछले साल 10 हजार रुपये में मिल जाता था वो इस साल 15 हजार रुपये में मिल रहा है। 15 हजार रुपये से नीचे कोई बकरा नहीं मिल रहा। कडरू के शराफत बताते हैं कि इस बार कमजोर बकरे भी 14-15 हजार रुपये से कम में नहीं मिल रहे हैं। अभी कुछ दिन पहले ही शहर तीसरी लहर से उबरा है। लोगों की आर्थिक स्थिति कमजोर चल रही है।
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मंदा चल रहा है बकरों का बाजार
बकरा बाजार में रांची के आसपास के अलावा, सरायकेला समेत अन्य जिलों से भी लोग बकरे बेचने आ रहे हैं। चांडिल से बकरा बेचने आए राजू बताते हैं कि वो रांची में तीन दिन से हैं। पांच बकरा लेकर आए थे। अब तक एक भी नहीं बिका। कोरोना आने से पहले जब भी वो बकरा लेकर रांची आते थे। सभी बकरे एक ही दिन में बिक जाते थे। उन्होंने सोचा था कि वो बकरा बिकने के बाद गांव जाएंगे और फिर बकरों की दूसरी खेप भी लेकर आएंगे। मगर, बकरों का बाजार काफी मंदा चल रहा है।
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बकरा बाजार में उमड़ रही भीड़
बकरों को देखने और खरीदने के लिए लोग उमड़ रहे हैं। मगर, इनमें लोग लापरवाही बरत रहे हैं। कुछ लोग बिना मास्क के ही बकरा बाजार में टहल रहे हैं। जबकि, तीसरी लहर आने की आशंका है। ऐसे में सभी को कम से कम मास्क लगाए रखना जरूरी है। यही नहीं, बकरा बेचने आए लोग भी मास्क नहीं लगा रहे हैं। उन्हें भी चाहिए कि वो मास्क लगाएं।