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गूंज महोत्सव के पहले दिन चला मैरी कॉम ने जीता दिल

मंगलवार को गूंज महोत्सव की शानदार शुरूआत हुई। अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाज मैरी कॉम आकर्षण का केंद्र रही। तीरंदाज मधुमिता भी महोत्सव में शामिल हुई। तीन दिवसीय महोत्सव का पहला दिन महिलाओं को समर्पित किया गया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Dec 2018 07:13 AM (IST)Updated: Wed, 19 Dec 2018 07:13 AM (IST)
गूंज महोत्सव के पहले दिन चला मैरी कॉम ने जीता दिल
गूंज महोत्सव के पहले दिन चला मैरी कॉम ने जीता दिल

संवादसूत्र, सिल्ली : सिल्ली स्टेडियम में आयोजित तीन दिवसीय गूंज महोत्सव का मंगलवार को शानदार आगाज हुआ। पहले दिन का थीम नारी सशक्तीकरण था। इसमें खास तौर पर अतर्राष्ट्रीय मुक्केबाज मैरी कॉम कार्यक्रम की शोभा बढ़ा रही थीं। अंतर्राष्ट्रीय तीरंदाज मधुमिता कुमारी समेत अन्य जानी-मानी हस्तियां भी थीं।

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मैरी कॉम ने जहां झारखंडी संस्कृति की तारीफ की वहीं करमा लोकनृत्य पर वह जमकर नाचीं भीं। लोक कलाकारों के साथ एक-दूसरे के हाथ में हाथ डालकर जब मैरी कॉम, मधुमिता कुमारी और बिरसा तीरंदाजी एकेडमी की संचालक व पूर्व उप मुख्यमंत्री सुदेश महतो की पत्नी नेहा महतो ने मंच पर पारंपरिक अंदाज में नृत्य किया तो उपस्थित लोग देर तक उनके इस अंदाज पर तालियां बजाते रहे।

इस दौरान पूरा आयोजन स्थल का का परिसर सजा-धजा और आकर्षक नजर आ रहा था। महोत्सव स्थल पर पहले दिन बारिश के बावजूद बड़ी संख्या में लोग जमा थे। ओलंपियन मुक्केबाज मैरी कॉम के अलावा गूंज परिवार के संरक्षक सुदेश कुमार महतो, विधायक राजकिशोर महतो, पूर्व मंत्री उमाकात रजक, अंतराष्ट्रीय तीरंदाज मधुमिता कुमारी, बिरसा मुंडा आर्चरी सेंटर की अध्यक्ष नेहा महतो, वरिष्ठ पत्रकार हरिनारायण सिंह व अन्य अतिथियों ने सामूहिक रूप से दीप प्रज्वलित कर समारोह का उद्घाटन किया।

ओलंपिक में गोल्ड है लक्ष्य : मैरी कॉम : गूंज महोत्सव 2018 के महिला दिवस की मुख्य अतिथि ओलंपियन मुक्केबाज मैरी कॉम ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि हमारा लक्ष्य ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर देश को गौरवांवित करने का है। लगन एवं कड़ी महेनत से किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं हैं। इसका एक बड़ा उदाहरण मैं भी हूँ। नारी की जहा पूजा होती है वहा देवता वास करते हैं।

महिलाएं किसी भी क्षेत्र में कम नही हैं। शिक्षा, खेल एवं अन्य क्षेत्र में महिलाएं पुरूषो के साथ बराबरी कर रही हैं।

उन्होंने सुदेश महतो की प्रशसा करते हुए कहा कि सुदेश महतो और उनकी पत्‍‌नी नेहा महतो की कला, संस्कृति एवं खेल पर विशेष रुचि रही है। उवह सिल्ली में बिरसा मुंडा आर्चरी एकेडमी के खिलाड़ियों को सारी सुविधाएं देकर प्रोत्साहन दे रहे हैं। इसका परिणाम है कि आर्चरी सेंटर के प्रशिक्षु वर्तमान समय में देश-विदेश में नाम रोशन कर रहे हैं।

आर्चरी के तीरंदाजों को उन्होंने कहा कि सारी सुविधाओ को मिलने के बावजूद अपनी मेहनत ही मुकाम तक पहुंचा सकती है।

समारोह को संबोधित करते हुए शहीद बिनोद बिहारी महतो के सुपुत्र विधायक राजकिशोर महतो ने कहा कि गूंज महोत्सव झारखंड प्रदेश का राज्यस्तरीय महोत्सव है। सुदेश महतो ने अपनी राजनीतिक शुरूआत से ही कला-संस्कृति को महत्व दिया है। गूंज महोत्सव के माध्यम से उन्होने पूरे राज्य की कला संस्कृति को जीवंत करने का कार्य किया है।

गीत-नृत्य से कलाकारों ने बाधा समा : महोत्सव के उद्घाटन समारोह में सुषमा नाग एवं साथी गुमला के द्वारा कलसा नृत्य की प्रस्तुति देकर उपस्थित लोगो का मन मोह लिया। वही महिला पाईका नृत्य लोगो को झूमने पर मजबूर कर दिया। वही देर रात स्थानीय कलाकारों द्वारा एवं चंदनक्यारी के विकास महतो के पारंपरिक गीत एवं नृत्य महोत्सव में समा बाधे रखे।

झारखंडी लोक नृत्य पर थिरकीं मैरी कॉम : महोत्सव में उद्घाटन के बाद जेएसएलपीएस की महिला द्वारा आयोजित करमा नृत्य को देखकर मैरीकॉम अपने कदमो को रोक नही पाईं और उन्होंने भी जमकर नृत्य किया। नृत्य में उनका साथ आर्चरी सेंटर की अध्यक्ष नेहा महतो एवं जिप सदस्य वीणा देवी आदि ने साथ दिया।


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