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बीएसएफ जवान ड्यूटी के दौरान शहीद, सम्मान सहित अंतिम संस्कार

नामकुम थाना क्षेत्र के कवाली निवासी बीएसएफ जवान रायमुंडी लकड़ा 55वर्ष इलाज के दौरान मौत हो गई।

By JagranEdited By: Published: Sun, 15 Nov 2020 10:39 PM (IST)Updated: Sun, 15 Nov 2020 10:39 PM (IST)
बीएसएफ  जवान ड्यूटी के दौरान शहीद, सम्मान सहित अंतिम संस्कार
बीएसएफ जवान ड्यूटी के दौरान शहीद, सम्मान सहित अंतिम संस्कार

नामकुम : नामकुम थाना क्षेत्र के कवाली निवासी बीएसएफ जवान रायमुंडी लकड़ा 55वर्ष इलाज के दौरान राजस्थान के रायसिंह नगर में ड्यूटी के दौरान शहीद हो गए। शनिवार की रात उनका पार्थिव शरीर विमान से राची एयरपोर्ट पहुंचा। इसके बाद देर रात उनके पैतृक गाव कवाली में अंतिम संस्कार किया गया। शहीद के बड़े भाई अंथोनी लकड़ा ने बताया कि 13 नवंबर की सुबह बीएसएफ कैंप से फोन आया और बताया गया कि रायमुंडी की ड्यूटी के दौरान तबीयत ख़राब हो गई है। इसके बाद परिजनों को स्वजनों की आशका हुई। दिल्ली बीएसएफ कैंप में कार्यरत चचेरे भाई के माध्यम से पता चला कि ड्यूटी के दौरान तबीयत बिगड़ने से भाई की मृत्यु हो गई। 14 नवंबर की शाम सात बजे विमान से लेकर बीएसएफ कैंप से एएसआई जीपी बेसरा राची एयरपोर्ट पहुंचे। वहा से लगभग 9 बजे तिरंगे में लिपटा पार्थिव शरीर कवाली लाया गया। घर के समीप स्थित कब्रिस्तान में अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम संस्कार से पूर्व हजारीबाग स्थित बीएसएफ कैंप से आएं जवानों ने गार्ड आफ आनर एवं सलामी दी। अंतिम संस्कार में स्थानीय विधायक राजेश कच्छप, नामकुम पुलिस व रिश्तेदार शामिल हुए।

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दिसंबर में आने की बात कहकर फरवरी में गए थे ड्यूटी

स्वजनों ने बताया कि रायमुंडी फरवरी में ही ड्यूटी पर गए थे। उन्होंने दिसंबर में छुट्टी पर आने की बात कही थी, परंतु नहीं आए, बल्कि उनका शव आया। शहीद रायमुंडी चार भाइयों में सबसे छोटे थे। सबसे बड़े भाई लोरेंस रुण्डा सेना से सेवानिवृत्त हैं। दूसरे नंबर पर जोहन लकड़ा खेतीबाड़ी करते हैं। तीसरे स्थान पर अंथोनी लकड़ा गुमला जिले में फारेस्टर हैं। रायमुंडी लकड़ा के अश्रि्वन पूजन लकड़ा एवं अविनाश लकड़ा दो बेटे हैं। बड़े बेटे अश्रि्वन ने कहा कि मौका मिलेगा, तो पापा की तरह बीएसएफ में जाकर देश सेवा करूंगा। सरकार के अधिकारियों के नहीं पहुंचने से स्वजनों में नाराजगी। स्वजनों ने बताया कि रायमुंडी देश सेवा के दौरान शहीद हुए हैं। इसके बावजूद भी राज्य सरकार का एक भी अधिकारी अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुआ। अंतिम संस्कार में सिर्फ स्थानीय विधायक राजेश कच्छप एवं नामकुम थाना पुलिस शामिल हुई।


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