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वैवाहिक अनुष्ठान में गड़बड़ी को ठहराया दुर्घटना का जिम्मेदार

नगड़ी गांव के अखरा में हुई बैठक में ग्रामीणों ने दूल्हा और उसके परिवार पर अपशकुनी होने संबंधी कई आरोप लगाए।

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 08 May 2017 03:16 PM (IST)Updated: Mon, 08 May 2017 03:30 PM (IST)
वैवाहिक अनुष्ठान में गड़बड़ी को ठहराया दुर्घटना का जिम्मेदार
वैवाहिक अनुष्ठान में गड़बड़ी को ठहराया दुर्घटना का जिम्मेदार

 रांची, [जागरण संवाददाता]। पिठोरिया घाटी में बराती से भडी बस पलटने से नौ लोगों की मौत होने के बाद नगड़ी गांव के ग्रामीण अंधविश्र्वास में डूबे हैं। ग्रामीण वैवाहिक अनुष्ठान में गड़बड़ी को बस दुर्घटना के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। इन आरोपों के साथ कई ग्रामीणों ने दूल्हे के परिवार को गांव से बाहर करने की बात उठाई।

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रविवार को नगड़ी गांव के अखरा में हुई बैठक में ग्रामीणों ने दूल्हा और उसके परिवार पर अपशकुनी होने संबंधी कई आरोप लगाए। ग्रामीणों ने कहा कि, दूल्हा के परिवार ने कई विधि विधान को नजर अंदाज भी किया। हालांकि, बैठक में मौजूद गणमान्य लोगों ने ग्रामीणों की इन अंधविश्र्वास संबंधी बातों को खारिज किया और कई नियम संगत फैसले लिए। इसके बावजूद ग्रामीणों ने पूजा कर गांव के शुद्धिकरण की बात कही है। बैठक में सरना समिति कांके के अध्यक्ष रंजीत टोप्पो, धनेश्र्वर मुंडा, विकास टोप्पो, रामानंद टोप्पो, दिनेश टोप्पो, फूलकेरिया टोप्पो सहित सैकड़ों महिला और पुरुष उपस्थित थे। 

सही विधान से परंपरा का पालन करने का निर्देश सरना समिति अध्यक्ष रंजीत टोप्पो और बैठक की अध्यक्षता कर रहे धनेश्र्वर मुंडा ने दूल्हे के परिवार सहित पूरे गांववालों को आदिवासी परंपरा का सही विधान से पालन करने की सलाह दी। कहा कि, आगे से किसी भी परिवार की शादी में विधि विधान का ख्याल रखा जाए, ताकि सामने आने वाली घटनाओं से बचाव हो सके। 

देना होगा तीन लाख 

बैठक में सर्वसम्मति से फैसला हुआ कि रिम्स में इलाजरत 22 लोगों के इलाज के लिए दूल्हा का परिवार एक सप्ताह के भीतर गांव के फंड में तीन लाख रुपये जमा करेगा। इसके अलावा ग्रामीण भी 100-100 रुपये का सहयोग इलाज में देंगे। वहीं, 10 वर्षीय बच्ची रिया उरांव को अलग से 10 हजार का सहयोग तथा प्रतिदिन रिम्स में रहकर देखभाल में मदद करने का निर्देश दिया गया। साथ ही भगत उरांव और दोनों और पुत्रों को सोमवार को होने वाले बैठक में शामिल रहने का भी निर्देश दिया गया। इन फैसलों पर दूल्हे की मां फूलो ने सहमति जताई और पैसे का इंतजाम करने की बात कही।

क्या लगाए गए आरोप -

दूल्हा के परिवार ने मुर्गी को सही ढंग से नहीं चरने दिया।

कड़सा में आग लगने की घटना पाहन और कोटवार से ठीक करवाना चाहिए था।

मड़वा में सही विधान से नहीं चढ़ाई गई मुर्गी।

अन्य सवाल : -जिस बस में हादसा हुआ उस बस में दूल्हे के परिवार का कोई भी सदस्य नहीं था।

बस चालक और खलासी शराब पीए तो उसे क्यों नहीं रोका गया।

डर से भागा था दूल्हे का परिवार :

हादसे के बाद से गांव से गायब दूल्हा भगत उरांव के माता-पिता रविवार को गांव पहुंचे। अखरा में बुलाई गई बैठक में शामिल हुए। पर, इसमें भी भगत उरांव और उसके दो और भाई शामिल नहीं हुए थे। लगभग ढाई घंटे तक चली बैठक में मां फूलो उरांव ने समस्त ग्रामीणों से माफी भी मांगी। कहा कि, डर से वे लोग गांव छोड़कर चले गए थे।


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