माओवादियों ने पुलिस का मुखबिर बता तीन ग्रामीणों को जमकर पीटा, गांव में डर का माहौल
Jharkhand Garhwa News पिटाई से घायल हुए लोग या उनके स्वजन इस कदर डरे सहमे हैं कि उन्होंने पुलिस को इसकी सूचना नहीं दी है। घायल हाेने के बावजूद उन्होंने अभी तक किसी चिकित्सक के पास इलाज नहीं कराया है।
भंडरिया (गढ़वा), जासं। गढ़वा जिले भंडरिया थाना क्षेत्र के रामर गांव के बहेरा खांड टोला में मंगलवार की रात माओवादियों के एक दस्ते ने गांव के तीन लोगों को लाठी-डंडे से पीटकर गंभीर रूप से घायल कर दिया। माओवादियों ने गांव में करीब तीन घंटे तक उत्पात मचाया। नक्सलियों की पिटाई से घायल हुए लोगों में बहेराखांड निवासी बच्चू सिंह उम्र 35 वर्ष, महेंद्र सिंह उम्र 48 वर्ष तथा सरजू कोरवा उम्र 52 वर्ष शामिल हैं। इस संबंध में गांव के लोग कुछ भी बताने से इन्कार कर रहे हैं। कुछ लोगों ने दबी जुबान से बताया कि मंगलवार की रात करीब आठ बजे 15 से 20 वर्दीधारी हथियारबंद लोगों ने गांव में प्रवेश किया।
सबसे पहले गांव के पच्चू सिंह के घर जाकर दरवाजा खुलवाया तथा पच्चू सिंह को खोजने लगे। पच्चू सिंह को घर में नहीं पाकर घर के बच्चों के साथ लप्पड़-थप्पड़ कर पच्चू सिंह की जानकारी मांगी। बच्चों द्वारा कुछ नहीं बोले जाने पर हथियारबंद दस्ता घर की महिला को लेकर वार्ड सदस्य बच्चू सिंह के घर पहुंचा। बच्चू सिंह अपनी पत्नी के साथ घर के बगल में भाई के घर गया हुआ था। उसके भाई के यहां कुछ रिश्तेदार आए हुए थे। सभी लोग आंगन में बैठकर एक साथ भोजन कर रहे थे।
इसी दौरान वर्दीधारी हथियारबंद लोग वहां जा धमके तथा लाल सलाम बोलते हुए सभी का नाम पूछ। इसके बाद बच्चू सिंह को अपने साथ लेकर महेंद्र सिंह के घर पहुंचे। इसके बाद महेंद्र सिंह को भी अपने कब्जे में ले लिया। माओवादियों ने महेंद्र के छोटे भाई विश्वनाथ सिंह के घर पहुंचे और दरवाजा खुलवाने लगे। घर के लोगों के द्वारा दरवाजा नहीं खोलने पर माओवादी घर के दरवाजा को कुल्हाड़ी से तोड़कर घर में घुसे तथा विश्वनाथ सिंह को खोजने लगे। विश्वनाथ सिंह के घर में कहीं नहीं मिलने पर घर में रखे बड़े संदूक को तोड़कर खोजबीन की।
विश्वनाथ सिंह के नहीं मिलने पर उनके स्वजनों के सामने ही अपना परिचय माओवादी देते हुए बच्चू सिंह व महेंद्र सिंह को पुलिस का दलाल कहते हुए लाठी डंडे से बुरी तरह पीटने लगे। स्वजनों ने उन लोगों को छोड़ देने की काफी विनती की, पर वे नहीं माने। माओवादियों ने गंभीर रूप से घायल दोनों को किसी को इस बात की जानकारी नहीं देने की धमकी दी तथा विश्वनाथ सिंह के घर में रखे दो मोबाइल को अपने साथ ले गए। वापस जाने के क्रम में नक्सलियों ने सरजू कोरवा के साथ भी मारपीट की और उसे घायल कर दिया।
उक्त घटना के बाद से पिटाई से घायल हुए लोग या उनके स्वजन इस कदर डरे सहमे हैं कि वे न ही इसकी प्राथमिकी भंडरिया थाने में दर्ज कराई है और न ही अभी तक किसी चिकित्सक के पास इलाज कराया है। गांव के लोग उन्हें देखने जाते हैं तो तबियत खराब होने की बात कहकर टाल दे रहे हैं। ज्ञात हो कि जिस गांव में उक्त घटना को अंजाम दिया गया है, वहां से महज पांच किलोमीटर की दूरी पर संगाली पुलिस पिकेट स्थापित है तथा उसके आगे मदगड़ी च पुलिस चौकी भी है। साथ ही कुल्ही पिकेट, हिसातू पिकेट, बरकौल पिकेट एवं बड़बड़ ओपी भी आस-पास में ही है।
'सूचना मिली है कि बहेरा खांड़ गांव में कुछ ग्रामीणों को माओवादियों द्वारा पीटा गया है। लेकिन इसकी लिखित सूचना पुलिस को नहीं है। जब तक लिखित सूचना प्राप्त नहीं हो जाती है, तब तक कुछ भी कहना मुश्किल है।' -लक्ष्मीकांत, इंस्पेक्टर सह थाना प्रभारी, भंडरिया।