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झारखंड गठन के बाद नक्सलियों की हुई रिकॉर्ड गिरफ्तारी, आंकड़े देखकर चौंक जाएंगे आप

Maoist Arrested In Jharkhand झारखंड के अलग राज्य बनने के बाद पिछले 21 सालों में अब तक रिकॉर्ड नक्सलियों की गिरफ्तारी हुई है। ये आंकड़े बेहद ही हैरान करने वाले हैं जबकि बड़ी मात्रा में हथियार बरामद किए।

By Madhukar KumarEdited By: Published: Thu, 27 Jan 2022 08:32 PM (IST)Updated: Thu, 27 Jan 2022 08:32 PM (IST)
झारखंड गठन के बाद नक्सलियों की हुई रिकॉर्ड गिरफ्तारी, आंकड़े देखकर चौंक जाएंगे आप
Maoist Arrested In Jharkhand झारखंड गठन के बाद बड़ी संख्या में हुई नक्सलियों की गिरफ्तारी

रांची, राज्य ब्यूरो। पुलिस मुख्यालय में झंडारोहण के मौके पर डीजीपी नीरज सिन्हा ने कहा कि नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई की दिशा में पुलिस ने बेहतर काम किया है। अलग राज्य बनने से लेकर अबतक झारखंड पुलिस ने 21 सालों में कई बड़े नक्सलियों समेत 9,631 उग्रवादियों को गिरफ्तार किया। साथ ही पुलिस मुठभेड़ व ग्रामीणों के हमले में 931 नक्सली मारे गए। इस दरम्यान राज्य सरकार की आत्मसमर्पण व पुनर्वास नीति के तहत 229 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। जिन 9,631 नक्सलियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया, उनमें तीन पोलित ब्यूरो सदस्य, तीन सेंट्रल कमेटी सदस्य, 27 स्पेशल एरिया कमेटी सदस्य, 11 रिजनल कमांडर, 90 जोनल कमांडर, 263 सब जोनल कमांडर, व 420 एरिया कमांडरों की गिरफ्तारियां शामिल हैं। पुलिस ने इस अवधि में बड़ी संख्या में हथियार व कारतूस भी बरामद किए। लेवी व रंगदारी से वसूले गए 1020.73 लाख रुपये भी पुलिस ने बरामद किए हैं।

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21 साल में पुलिस ने 9631 नक्सलियों को गिरफ्तार किया

झारखंड पुलिस को अत्याधुनिक बनाने के लिए राज्य के 519 थानों को क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम से जोड़ दिया गया है। इससे थानों में होने वाले एफआइआर को सीसीटीएनएस साफ्टवेयर के माध्यम से आनलाइन भरा जा रहा है। राज्य में झारखंड आनलाइन एफआइआर सिस्टम शुरू किया गया है, जिसके तहत अब तक कुल 70,280 मामले प्राप्त हुए। इनमें से 61,770 मामलों का निष्पादन किया जा चुका है, कुल 8510 मामले लंबित हैं और 2465 मामलों में प्राथमिकी दर्ज की गई है।

डायल 112 राज्य में चालू

डीजीपी ने बताया कि आम नागरिकों से सीधे संवाद के लिए झारखंड पुलिस ने अपना ट््िवटर एकाउंट भी शुरू किया है। झारखंड पुलिस ने स्टेट इमर्जेंसी रेस्पांस सिस्टम के तहत यूनिफाइड डायल नंबर 112 तैयार किया था, जिसे पूरे राज्य में शुरू कर दिया गया है। इसके तहत किसी भी तरह की सूचना के लिए अब अलग-अलग नंबर डायल करने की जरूरत नहीं है। सिर्फ 112 डायल करने पर ही सभी हर तरह की मदद ली जा सकती है।

साइबर अपराध रोकना पुलिस की प्राथमिकता

डीजीपी ने कहा कि राज्य में साइबर अपराध रोकना पुलिस की प्राथमिकता है। इसके लिए तेजी से प्रयास जारी है। पुलिस ने अपनी कार्रवाई के साथ-साथ लोगों को जागरूक करने के लिए कुल 41 वीडियो तैयार किए, जिसे सोशल मीडिया पर यू-ट््यूब पर साइबर सुरक्षा के नाम से चैनल चलाकर युद्ध स्तर पर लोगों को साइबर ठगी से बचाव करने के लिए जागरूक किया।


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