Mandar Bypoll: बंधु तिर्की की बेटी का पत्ता साफ... ठेंठ कांग्रेसी वाले मानदंड पर जीरो नंबर
Jharkhand News झारखंड के पूर्व मंत्री बंधु तिर्की जेल की सजा मिलने के बाद अपनी विधायकी गंवा चुके हैं। लेकिन अपनी बेटी को मांडर से चुनाव लड़ाने के लिए फील्डिंग सेट करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। हालांकि बंधु की पुत्री की राह में अड़चनें भी कम नहीं हैं।
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand News मांडर विधानसभा उपचुनाव को लेकर जहां कांग्रेस की कोर टीम बंधु तिर्की की पुत्री को उम्मीदवार बनाना चाहती है वहीं एक गुट इसका विरोध भी कर रहा हे। खासकर उदयपुर में कांग्रेस की बैठक के मसौदे को आधार बनाकर विरोध किया जा रहा है। उदयपुर के कांग्रेस चिंतन शिविर में यह प्रस्ताव पारित हुआ था कि किसी भी राजनेता के परिजन को टिकट देने के पूर्व यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उक्त व्यक्ति पार्टी में कम से कम पांच वर्षों से सदस्य हो और पार्टी के कार्यक्रमों में उनकी सक्रिय उपस्थिति दिखती हो।
दूसरी ओर, कांग्रेस में बंधु तिर्की के आगमन के ही अभी एक वर्ष से कुछ अधिक समय हुआ है और उनकी पुत्री ने हाल तक कांग्रेस पार्टी की सदस्यता तक नहीं ली थी। सामाजिक कार्यक्रमों में उनकी सक्रियता अवश्य रही है। बंधु तिर्की की पुत्री को टिकट दिए जाने के विचारों का विरोध धीरे-धीरे जोर पकड़ रहा है। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष डा. रामेश्वर उरांव शुरू से ही बंधु तिर्की को कांग्रेस में लाने के खिलाफ रहे हैं और अब माना जा रहा है कि उनसे जुड़े लोग बंधु की पुत्री को टिकट जाने का भी विरोध कर रहे हैं।
बीते दो दिन से बंधु तिर्की के खिलाफ सीबीआइ की छापेमारी
राष्ट्रीय खेल घोटाला के मामले में बीते दो दिनों से बंधु तिर्की के ठिकानों पर केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआइ की छापेमारी हो रही थी। इस दौरान सीबीआइ बंधु के घर से कई दस्तावेज जब्त कर ले गई है। बंधु तिर्की ने सीबीआइ की छापेमारी को राजनीति से प्रेरित बताया है। उन्होंने कहा कि सीबीआइ के रेड से उन्हें डर नहीं लगता। केंद्र सरकार को जो करना है कर ले।
अवैध जमाबंदी करने के आरोपी कांके के सीओ निलंबित
रांची के कांके में जमीन की अवैध जमाबंदी के आरोप में तत्कालीन अंचलाधिकारी प्रभात भूषण सिंह को निलंबित कर दिया गया है। उनके विरुद्ध राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग ने कार्यवाही संचालित करने को लेकर 17 सितंबर 2021 को कार्मिक विभाग को पत्र लिया था और इसी के आधार पर यह कार्रवाई की गई है। सिंह के खिलाफ आरोप पत्र के प्रपत्र क में वर्णित है कि उन्होंने कांके अंचल के चामा मौजा में खाता संख्या 87, प्लाट संख्या 1232 में सरकारी भूमि की संदिग्ध जमाबंदी की स्वीकृति प्रदान की है।
जांच में कांके सीओ प्रभात भूषण सिंह पर अवैध तरीके से जमीन का नामांतरण करने के आरोप को प्रथम प्रष्टया सही पाया गया है। अंचलाधिकारी पर लगे आरोपों की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन के दौरान उनका मुख्यालय दक्षिणी छोटानागपुर आयुक्त का कार्यालय निर्धारित किया गया है।