Move to Jagran APP

Jharkhand Budget: सदन में दीपिका पांडेय सिंह ने बयां किया दर्द, अध्यक्ष महोदय रांची डीसी फोन नहीं उठाते

Jharkhand Assembly Budget Session झारखंड विधानसभा में बजट सत्र चल रहा है। धनबाद विधायक राज सिन्हा ने सदन को जानकारी दी कि धनबाद में सैकड़ों लोगों के घर उजाड़े जा रहे हैं। आज भी भाजपा विधायक सदन के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Wed, 10 Mar 2021 03:06 PM (IST)Updated: Wed, 10 Mar 2021 08:33 PM (IST)
Jharkhand Budget: सदन में दीपिका पांडेय सिंह ने बयां किया दर्द, अध्यक्ष महोदय रांची डीसी फोन नहीं उठाते
Jharkhand Assembly Budget Session विधायक राज सिन्हा ने कहा कि धनबाद में सैकड़ों लोगों के घर उजाड़े जा रहे हैं।

रांची, राज्‍य ब्‍यूरो। Jharkhand Assembly Budget Session झारखंड विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है। महगामा विधायक दीपिका पांडे सिंह ने सदन में आरोप लगाया कि राज्य के अफसर बेलगाम हो रहे हैं। रांची डीसी फोन नहीं उठाते और ना ही वापस फोन करते हैं। आप कहें तो अभी फोन करती हूं। वो फोन नहीं उठाएंगे। कहा कि अधिकारियों पर लगाम लगाया जाए।

loksabha election banner

हज़ारों लोगों को बेघर किया जा रहा : राज सिन्हा

धनबाद विधायक राज सिन्हा ने सदन को जानकारी दी कि धनबाद में सैकड़ों लोगों के घर उजाड़े जा रहे हैं। सरकार ने नोटिस भी नहीं दिया। नियमानुसार कागजातों की जांच होने के बाद ही कोई कार्रवाई होनी चाहिए।

आज भी भाजपा विधायक सदन के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं। चिकित्‍सकों के वेतन, स्‍वास्‍थ्‍य व्‍यवस्‍था को लेकर हंगामा कर रहे हैं।

सदन में मंत्रियों के जवाबों में दिखा विरोधाभास

सांसद व विधायक निधि से लगे चापाकलों की मरम्मत से जुड़े सवाल पर सरकार के मंत्रियों में बुधवार को सदन में समन्वय देखने को नहीं मिला। पेयजल मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने सांसदों व विधायकों की निधि से लगाए जाने वाले हैंडपंप के तय मानकों पर संशय जताया, जबकि संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि सांसद व विधायक निधि से लगाए जाने वाले चापाकल भी सरकारी हैं और तय मानकों के अधीन ही बनाए जाते हैं।

विरोधी दल के मुख्य सचेतक बिरंची नारायण ने अल्पसूचित प्रश्न काल में सांसद व विधायक निधि से लगाए गए चापाकलों की मरम्मत का मामला उठाते हुए कहा कि ऐसे चापाकलों की मरम्मत नहीं कराई जा रही है। जवाब में पेयजल मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि विभाग द्वारा लगाए जाने वाले चापाकलों की मरम्मत सरकार कराती है और आगे भी कराएगी, लेकिन सांसद व विधायक निधि से लगाए गए चापाकल के देखरेख के प्रविधान की जानकारी उन्हें नहीं है। इस पर बिरंची नारायण ने मंत्री के जवाब पर सवाल उठाते हुए इस्तीफे की मांग की। स्टीफन मरांडी ने भी कहा कि विधायक निधि से लगे चापाकलों की मरम्मत नहीं हो रही है। उन्होंने स्पीकर से अनुरोध किया कि जितने भी चापाकल हैं, उनकी मरम्मत का निर्देश विभाग को दें।

 मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि सांसद-विधायक निधि से लगने वाले चापाकल प्राइवेट एजेंसी द्वारा लगाए जाते हैं, ये मापदंड पर भी खरे नहीं उतरते। इसपर संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि विधायक या सांसद निधि से लगाए जाने वाले चापाकल भी सरकारी होते हैं। चापाकल कोई भी एजेंसी लगाए, वे सरकार द्वारा तय मानकों के तहत ही लगाए जाते हैं। पानी का संकट है, इनकी मरम्मत पर विचार होना चाहिए। मंत्री जी इसे दिखवा लेंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.