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Madhupur by Election: मधुपुर उपचुनाव से संताल परगना की किलेबंदी मजबूत करने में जुटे हेमंत सोरेन

Madhupur by Election झामुमो मधुपुर पर काबिज होकर किलेबंदी को और मजबूत करेगा। संताल परगना झामुमो का अभेद्य दुर्ग है। यहां भाजपा को धकेलने में कामयाबी पाई है। उपचुनाव की घोषणा के बाद नेताओं के दौरे का सिलसिला आरंभ होगा।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Tue, 09 Feb 2021 01:46 PM (IST)Updated: Tue, 09 Feb 2021 01:47 PM (IST)
Madhupur by Election: मधुपुर उपचुनाव से संताल परगना की किलेबंदी मजबूत करने में जुटे हेमंत सोरेन
झारखंड के मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन। फाइल फोटो

रांची, राज्य ब्यूरो। Madhupur by Election मधुपुर विधानसभा उपचुनाव की औपचारिक घोषणा होने के पूर्व ही सियासी बिसात बिछ गई है। सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा ने आक्रामक रणनीति अख्तियार करते हुए संताल परगना की राजनीतिक किलेबंदी और मजबूत करने की तैयारी की है। पिछले विधानसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने यहां से भाजपा को पीछे धकेलने में कामयाबी पाई थी। दुमका विधानसभा उपचुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा के बेहतर प्रदर्शन के पीछे भी झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष सह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मजबूत रणनीति थी।

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उन्होंने लगातार यहां कैंप किया। इसके साथ ही बेरमो में कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में लगातार अभियान चलाया। नतीजा यह हुआ कि दोनों सीटें सत्तारूढ़ गठबंधन की झोली में आई। मधुपुर में भी इसी ढर्रे पर झामुमो काम करेगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उपुचनाव से पूर्व ही दिवंगत हाजी हुसैन अंसारी के पुत्र को मंत्री पद सौंपकर इसके संकेत भी दे दिए हैं। इसे मुख्यमंत्री का मास्टर स्ट्रोक भी माना जा रहा है। जाहिर है इस सीट को लेकर सत्तापक्ष बेहद संजीदा है।

जल्द ही इस सीट विशेष को लेकर सत्तापक्ष के मंत्रियों की जवाबदेही तय की जाएगी। झामुमो समेत सत्ताधारी गठबंधन के नेता भी वहां कैंप करेंगे। वहीं संताल में पीछे जा चुके भाजपा के लिए भी उबरने का यह एक मौका है। हालांकि भाजपा ने अब तक प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है। आजसू के साथ समन्वय की प्रक्रिया अभी बाकी है। बता दें कि आजसू ने इस सीट विशेष को ले अप्रत्यक्ष रूप से अपनी दावेदारी प्रस्तुत की है। भाजपा में मधुुपुर सीट पर प्रत्याशी की पसंद को लेकर हलचल तेज है। पूर्व मंत्री राज पलिवार का पलड़ा भारी होने के बावजूद कोई भी निश्चित तौर पर यह कहने की स्थिति में नहीं है कि भाजपा उन्हीं पर दांव लगाएगी।


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