Madhupur By-Election 2021: मधुपुर उपचुनाव में गंगा नारायण BJP उम्मीदवार, 30 को करेंगे नामांकन
Madhupur By-Election 2021 भारतीय जनता पार्टी ने झारखंड की मधुपुर सीट पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव के लिए अपने प्रत्याशी का एलान कर दिया है। आजसू छोड़कर भाजपा में शामिल हुए गंगा नारायण सिंह को पार्टी ने अपना उम्मीदवार बनाया है। मंत्री हफीजुल हसन झामुमो प्रत्याशी होंगे।
रांची, राज्य ब्यूरो। Madhupur By-Election 2021, Madupur Chunav गंगा नारायण सिंह मधुपुर विधानसभा उपचुनाव में भाजपा के उम्मीदवार होंगे। भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति ने गुरुवार को उनके नाम की घोषणा की। गंगा नारायण गत 22 मार्च को आजसू छोड़ भाजपा में शामिल हुए थे। तभी से यह तय माना जा रहा था कि वे ही मधुपुर में भाजपा का चेहरा होंगे। गंगा नारायण पिछले विधानसभा चुनाव में मधुपुर से आजसू के टिकट पर चुनाव लड़े थे और तीसरे स्थान पर रहे थे। भाजपा के राज पलिवार दूसरे स्थान पर थे।
भाजपा ने इस उपचुनाव में दूसरे को छोड़ तीसरे स्थान पर रहने वाले पर दांव लगाया है। इसकी मूल वजह मधुपुर के जातीय और क्षेत्रीय समीकरण को बताया जाता है। पिछले दिनों भाजपा प्रदेश चुनाव समिति की बैठक में मधुपुर चुनाव को लेकर विस्तार से मंथन हुआ था। प्रदेश चुनाव समिति में एनडीए को एकजुट रखने और वोटों के न बिखरने पर जोर दिया था।
बैठक में गंगा नारायण के नाम की भी चर्चा हुई थी। इसके बाद 22 मार्च को गंगा नारायण भाजपा में शामिल हो गए।राज पलिवार को बड़ा झटकामधुपुर से वर्ष 2005 और 2014 में चुनाव जीत चुके पूर्व मंत्री राज पलिवार के लिए टिकट कटना बड़ा झटका है। राज पलिवार ने टिकट के लिए रांची से दिल्ली तक को साधने की कोशिश की थी लेकिन उनकी रही सही आस गुरुवार को गंगा नारायण के नाम की घोषणा के साथ टूट गई है।
बता दें कि वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में मधुपुर से झामुमो के हाजी हुसैन अंसारी चुनाव जीते थे। उन्हें 88115 वोट मिले थे, जबकि भाजपा के राज पलिवार दूसरे स्थान पर थे। उन्हें 65046 मत मिले थे। तीसरे स्थान पर आजसू पार्टी के गंगा नारायण थे उन्हें 45620 वोट मिले थे। मंत्री हाजी हुसैन अंसारी के असामयिक निधन के बाद इस सीट पर उपचुनाव की नौबत आई है।
मंत्री हफीजुल हसन से होगा मुकाबला
मधुपुर विधानसभा उपचुनाव में भाजपा का मुकाबला झामुमो के हफीजुल हसन से होगा। हफीजुल हसन को प्रत्याशी घोषित करने के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया था। वे दिवंगत मंत्री हाजी हुसैन अंसारी के बड़े पुत्र हैं।
30 को नामांकन करेंगे भाजपा प्रत्याशी गंगानारायण सिंह
आजसू को छोड़कर दो दिन पहले भाजपा में शामिल गंगानारायण सिंह पर भाजपा ने अपना दाव खेल दिया है। मधुपुर सीट से भाजपा के प्रत्याशी होंगे। पार्टी ने इसकी घोषणा कर दिया है। 30 मार्च को वह नामांकन करेंगे।देवघर विधानसभा सदस्य सह जिलाध्यक्ष नारायण दास ने कहा कि 30 मार्च को भाजपा प्रत्याशी गंगानारायण सिंह नामांकन करेंगे।
इधर कई दिनों से लग रहे अटकल पर विराम लग गया है। भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर मधुपुर लौटने के बाद गंगा लगातार पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच जा रहे थे। बैठकें की जा रही थी। उधर टिकट के प्रबल दावेदार पूर्व मंत्री राजपलिवार भी गुरूवार शाम तक क्षेत्र में समर्थकों से संपर्क साध रहे थे। उनके समर्थक पिछले कुछ दिनों से उदास और निराश थे। कार्यकर्ताओं के एक वर्ग में आक्रोश भी साफ झलकने लगा था। शुक्रवार को भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी भी मधुपुर आ रहे हैं।
देखना यह होगा कि उनके आगमन पर कार्यकर्ताओं का क्या रूख रहता है। जानकारी हो कि मंत्री हाजी हुसैन अंसारी के निधन के बाद मधुपुर सीट रिक्त हो गया था। 17 अप्रैल को उप चुनाव की तारीख तय है। गुरूवार को झामुमो प्रत्याशी सह मंत्री हफीजुल हसन ने नामांकन कर दिया है। नामांकन से पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत तीन कैबिनेट मंत्री ने सभा को संबोधित किया था।
गंगा नारायण सिंह एक दिन पहले ही आजसू छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। टिकट की रेस में शामिल पूर्व मंत्री राज पालिवार को निराशा हाथ लगी है। झामुमो से मंत्री हफीजुल हसन चुनाव मैदान में किस्मत आजमा रहे हैं। वे जेएमएम प्रत्याशी घोषित किए जाने से पहले ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की कैबिनेट में शामिल कर लिए गए थे। मंत्री बने रहने के लिए हफीजुल का इस चुनाव में जीतना जरूरी है। अगर वे चुनाव हार जाते हैं, तो उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ेगा।
राज पलिवार की कोशिशों पर भारी पड़े सियासी समीकरण
पूर्व मंत्री राज पलिवार की कोशिशों पर मधुपुर के सियासी समीकरण भारी पड़े। स्थानीय और जातीय समीकरण साधने और एनडीए की एजुटता कायम रखने के लिए भाजपा ने आखिरकार राज पलिवार को किनारे कर दिया। हालांकि राज पलिवार पिछले कुछ दिनों से रांची में कैंप किए हुए थे। उन्हें प्रदेश के तमाम वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर अपना पक्ष भी रखा। लेकिन उनकी कोशिशें गंगा नारायण के भाजपा में शामिल होने के साथ ही दम तोड़ गईं।