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कोड़ा ने अपनी किताब में की थी बड़ी-बड़ी बातें

नीरज अम्बष्ठ, रांची : पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा भले ही कोल ब्लॉक आवंटन घोटाला में सजायाफ्

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Dec 2017 03:00 AM (IST)Updated: Sun, 17 Dec 2017 03:00 AM (IST)
कोड़ा ने अपनी किताब में की थी बड़ी-बड़ी बातें

नीरज अम्बष्ठ, रांची : पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा भले ही कोल ब्लॉक आवंटन घोटाला में सजायाफ्ता हो चुके हैं और कई अन्य घोटाले के आरोपी भी रहे हों, लेकिन उन्होंने मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए राज्य की समृद्धि को लेकर बड़ी-बड़ी बातें की थीं। यह बात बहुत कम लोग ही जानते हैं कि उन्होंने 'सपनों की राह पर' किताब भी लिखी थी। इसमें उन्होंने न केवल राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रासंगिकता, भगत सिंह की शहादत, भगवान बिरसा मुंडा और झारखंड के शहीदों पर आलेख लिखे थे, बल्कि झारखंड को देश के दूसरे राज्यों की तुलना में विकसित राज्य बनाने का संकल्प लिया था।

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उन्होंने इस किताब में लिखा था कि झारखंड के चहुंमुखी विकास के लिए जो सपने महान विभूतियों और अमर शहीदों ने देखे थे, वे ही सपने उनकी आंखों में भी पलते रहें। वर्ष 2007 में वाणी प्रकाशन से प्रकाशित अपनी किताब को झारखंड के आदिवासियों, मूलवासियों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों को समर्पित करते हुए लिखा था, भगवान बिरसा के स्वशासन के सपनों को पूरा करने की जिम्मेदारी हमारे कंधों पर है। इसमें सफल नहीं हुए तो अगली पीढ़ी उन्हें माफ नहीं करेगी।

कोड़ा ने अपने मुख्यमंत्री के रूप में उपलब्धियों की लंबी सूची का जिक्र करते हुए यह भी लिखा था कि यह शुरुआत भर है। वे इन उपलब्धियों से संतुष्ट होकर बैठनेवाले नहीं हैं। राज्य विकास और समृद्धि के पथ पर तीव्र गति से आगे बढ़ सके, बस यही सात्विक कामना है।

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योग से लेकर एड्स नियंत्रण पर लेख :

कोड़ा ने अपनी किताब में योग, संयम और एड्स नियंत्रण पर भी लेख लिखा। उनके अनुसार, संयम, योग और भारतीय जीवन पद्धति से ही प्रकृति को संकट से बचाया जा सकता है। उन्होंने राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर और संत रविदास तथा देवघर और शिव पूजा से लेकर हज यात्रा और इस्लाम पर लेख लिखे।

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गांधी के आइने में देखें अपना चेहरा :

कोड़ा की किताब के बैक पेज पर उनकी संक्षिप्त जीवनी है। उसमें लिख है कि उन्होंने इतिहास विषय से स्नातक की डिग्री प्राप्त की और गांधी दर्शन उनके अध्ययन की परिधि में रहा। उन्होंने अपनी किताब में लोगों से गांधी के आइने में अपना चेहरा देखने का आह्वान भी किया था। यह भी लिखा था कि उनकी सरकार गांधी के विचारों के अनुरूप ग्रामीण आबादी को सम्मानजनक रोजगार देने को कृत संकल्प है।

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