रोजगार की तलाश में भटक कर नेपाल पहुंच गई एतवरिया, मुख्यमंत्री की पहल पर 12 साल बाद लौटेगी घर
Jharkhand News Lohardaga Samachar लोहरदगा की एतवरिया नेपाल से 12 साल बाद घर वापसी करेगी। रोजगार की तलाश में भटक कर 12 साल पहले नेपाल पहुंच गई थी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने संज्ञान लिया है। वापसी की कवायद शुरू हो गई है।
लोहरदगा, जासं। झारखंड के लोहरदगा जिले के भंडरा प्रखंड अंतर्गत मसमानो गांव की रहने वाली 32 वर्षीय एतवरिया उरांव लगभग 12 वर्षों के बाद अपने परिवार से मिलेगी। वह रोजगार की तलाश में 12 साल पहले भटक कर नेपाल पहुंच गई थी। दिवंगत बिरसू उरांव और धनिया देवी की बेटी एतवरिया उरांव मानसिक रूप से बीमार थी। वह 12 साल पहले भटक कर नेपाल पहुंच गई थी। मामले की जानकारी हरियाणा की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग, पंचकुला को मिली। उसके बाद टि्वटर के माध्यम से मंत्री चंपई सोरेन को उसके बारे में जानकारी मिली।
उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को मामले की जानकारी दी गई। मुख्यमंत्री के निर्देश पर उपायुक्त के माध्यम से लोहरदगा श्रम प्रर्वतन पदाधिकारी संदीप कुमार गुप्ता को दंडाधिकारी नियुक्त करते हुए लोहरदगा एसटी-एससी थाना के एएसआइ के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई। उसके बाद एतवरिया को लाने के लिए टीम को 26 को नेपाल भेजा गया है। लेकिन एतवरिया को नहीं सौंपा गया। वहां कहा गया कि उसे दूतावास को सौंपा जाएगा।
इसके बाद स्टेट माइग्रेंट कंट्रोल रूम ने एतवरिया के परिवार से संपर्क किया। एतवरिया के परिवार में मां धनिया देवी के अलावा भाई सनी उरांव, बहन मंजू उरांव व अंगनी उरांव है। स्वजनों ने कहा कि वह आर्थिक रूप से कमजोर हैं। लिहाजा एतवरिया को वापस लाने में सक्षम नहीं हैं। इधर, विगत 28 जून को उसे भारत-नेपाल सीमा के पास स्थित सिनोली लाया गया। कंट्रोल रूम द्वारा भारत व नेपाल दूतावास से संपर्क किया गया है। उम्मीद है एतवरिया जल्द ही अपने परिवार से मिल पाएगी।