Jharkhand: ओड़िशा, बंगाल व अन्य राज्यों के बाजारों में पहुंच रही लोहरदगा की पत्ता गोभी और फूलगोभी
लोहरदगा कृषि प्रधान जिला है। यहां पर कृषि ही आय का सबसे महत्वपूर्ण साधन है। खासकर सब्जियों की खेती किसानों को आर्थिक मजबूती प्रदान करती है। लोहरदगा जिले में उत्पादित होने वाली सब्जियां दूसरे राज्यों और जिलों में भेजी जाती है।
लोहरदगा (राकेश कुमार सिन्हा) । लोहरदगा कृषि प्रधान जिला है। यहां पर कृषि ही आय का सबसे महत्वपूर्ण साधन है। खासकर सब्जियों की खेती किसानों को आर्थिक मजबूती प्रदान करती है। लोहरदगा जिले में उत्पादित होने वाली सब्जियां दूसरे राज्यों और जिलों में भेजी जाती है। महत्वपूर्ण रूप से कोलकाता, छतीसगढ़ और ओड़िशा जैसे राज्य में भी लोहरदगा से सब्जी भेजी जाती है।
परदेस में लोहरदगा की सब्जी रसोई का स्वाद बढ़ा रही है। यहां की ताजी सब्जियों की मांग वहां के स्थानीय बाजारों में खूब है। व्यापारियों को अच्छा मुनाफा मिलता है। यही कारण है कि लोहरदगा के सब्जी विक्रेताओं और किसानों को भी उपरोक्त राज्यों में सब्जी भेजने पर सब्जी की अच्छी कीमत मिल पाती है। पिछले कई दशकों से लोहरदगा के किसान उपरोक्त बाजारों में सब्जी भेजने का काम कर रहे हैं।
हर दिन कई ट्रक भेजी जाती है सब्जियां
लोहरदगा जिले के सैकड़ों किसान हर दिन कई ट्रक सब्जियां दूसरे प्रदेश में भेजते हैं। वहां के बाजार में लोहरदगा की सब्जियों की अच्छी कीमत मिलती है। इससे सैकड़ों किसान इस काम से जुड़े हुए हैं। फूल गोभी, पत्ता गोभी, टमाटर, हरी मिर्च, धनिया पत्ता, अदरक आदि सब्जियों की वहां खूब मांग है।इसके अलावा मौसमी सब्जियों की मांग को लेकर भी किसानों में उत्साह देखा जाता है।
लोहरदगा और आसपास के जिलों में सब्जियों की मिलने वाली कीमत से वहां की सब्जियों की कीमत दोगुनी होती है। साथ ही भुगतान में किसी प्रकार की परेशानी भी नहीं होती। यही कारण है कि किसान स्थानीय बाजार में सब्जी बेचने के बजाय ट्रांसपोर्ट के माध्यम से दूसरे राज्य में सब्जी भेजना ज्यादा बेहतर समझते हैं। बेहतर कीमत और सही समय पर भुगतान मिलने से किसानों को काफी राहत भी मिलती है।
लोहरदगा में धान के बाद सबसे अधिक होती है सब्जी की पैदावार
लोहरदगा जिले में धान के बाद सबसे अधिक सब्जियों की पैदावार होती है। जिले के अमूमन हर प्रखंड में सब्जियों की खेती की जाती है। ज्यादातर किसान सब्जियों की खेती कर अपने आप को आत्मनिर्भर बनाने में जुटे हुए हैं। सब्जियों की अच्छी कीमत मिलने की वजह से किसान इस काम से सालों भर जुड़े रहते हैं। हाल के समय में विपरीत परिस्थितियों के बावजूद किसानों ने सब्जियों की खेती को नहीं छोड़ा।
जिससे उन्हें कुछ समय के लिए थोड़ी परेशानी तो जरूर हुई, परंतु फिर एक बार सब्जियों की कीमत मुनाफा दे रही है। स्थानीय बाजार के साथ-साथ दूसरे राज्यों में भेजी जाने वाली सब्जियों को अच्छी कीमत मिलती है। किसानों को बेहतर मुनाफा मिलता है। समय पर भुगतान होने से नुकसान का सामना नहीं करना पड़ता। शहर से सटे इलाकों के अलावा ग्रामीण इलाकों में भी बड़े पैमाने पर सब्जियों की खेती की जाती है।