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Jharkhand Lockdown 2021: झारखंड में फिर से लॉकडाउन! आज हो सकता है बड़ा एलान...

Jharkhand Lockdown 2021 Jharkhand News झारखंड में लॉकडाउन लग सकता है। मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन की अगुआई में आज इस पर अहम फैसला होने जा रहा है। सरकार के सूत्रों के मुताबिक प्रदेश में लगातार बढ़ रहे कोरोना वायरस संक्रमण पर नियंत्रण को लेकर कड़े कदम उठाए जाने की तैयारी है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Fri, 02 Apr 2021 08:02 PM (IST)Updated: Mon, 05 Apr 2021 08:49 PM (IST)
Jharkhand Lockdown 2021: झारखंड में फिर से लॉकडाउन! आज हो सकता है बड़ा एलान...
Jharkhand Lockdown 2021, Jharkhand News: झारखंड में लॉकडाउन लग सकता है।

रांची, राज्‍य ब्‍यूरो। Jharkhand Lockdown 2021, Jharkhand News झारखंड में लॉकडाउन लग सकता है। मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन की अगुआई में आज मंगलवार को इस पर अहम फैसला होने जा रहा है। सरकार के सूत्रों के मुताबिक प्रदेश में लगातार बढ़ रहे कोरोना वायरस संक्रमण पर नियंत्रण को लेकर कड़े कदम उठाए जाने की तैयारी है। राज्‍यहित में एक बार फिर से आंशिक तौर पर लॉकडाउन को प्रभावी किया जा सकता है। इनमें स्‍कूल-कॉलेज बंद करने से लेकर दूसरे सार्वजनिक जगहों पर फिर से कड़ाई संभव है। 6 अप्रैल को सीएम हेमंत सोरेन की अध्‍यक्षता में आपदा प्रबंधन विभाग की हाई लेवल मीटिंग बुलाई गई है। जिसमें हाल के दिनों में कोरोना के मामले बेतहाशा बढ़ने पर गंभीर मंथन होगा। ऐसे में राज्‍यभर के लोगों की नजरें सरकार के फैसले पर टिकी हैं। इससे पहले ही राज्‍य में रामनवमी और सरहुल पर्व पर जुलूस निकालने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। शादी-विवाह और दूसरे आयोजनों पर भी कड़ाई की जा सकती है।

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देश में बढ़ रहे कोरोना के संक्रमण पर केंद्र सरकार की पैनी नजर है। राज्यों में इस संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं और कैसे इस संक्रमण को नियंत्रित किया जाय, इसपर विचार-विमर्श जारी है। इसी क्रम में केंद्रीय कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने मुख्य सचिव सुखदेव सिंह व आपदा प्रबंधन प्रभाग के सचिव अमिताभ कौशल के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की। कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने झारखंड में कोरोना के बढ़ते संक्रमण और अब तक उठाए गए एहतियात की जानकारी भी ली।

राज्य के अफसरों ने कैबिनेट सचिव को जानकारी दी कि कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए राज्य सरकार गंभीर है। इसके लिए ही आगामी छह अप्रैल को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकार की बैठक होने वाली है। इस बैठक में अब तक मिली छूट और कोरोना के बढ़ते संक्रमण से संबंधित बिंदुओं पर राज्य सरकार की स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की रिपोर्ट को रखा जाएगा। उस रिपोर्ट की समीक्षा होगी। इस बैठक में ही राज्य सरकार संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए कोई गंभीर कदम उठा सकती है। उम्मीद यह भी है कि स्कूलों को फिर से बंद करने पर फैसला हो सकता है।

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आज आपदा प्रबंधन की बैठक

राज्य सरकार कोरोना संक्रमण पर लगातार पैनी नजर रख रही है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन स्वयं इसपर नजर रख रहे हैं तथा प्रतिदिन स्वास्थ्य तथा आपदा प्रबंधन विभाग के पदाधिकारियों से विमर्श कर रहे हैं। हाल के दिनों में संक्रमण तेजी से बढ़ने से एक बार फिर कुछ सीमाओं तक प्रतिबंध लगाने को लेकर आज समीक्षा हो सकती है। कयास लगाया जा रहा है कि स्‍कूल-कॉलेज पार्क, सिनेमा के अलावा विभिन्न कार्यक्रमों में कुछ सीमाओं तक प्रतिबंध लगाया जा सकता है। फिलहाल धार्मिक कार्यक्रमों जैसे रामनवमी, सरहुल आदि के जुलूस पर प्रतिबंध लगाए गए हैं। राज्य सरकार केंद्र के दिशा-निर्देश का भी इंतजार कर रही है।

राज्य सरकार स्कूलों को खोलने को लेकर भी ऊहापोह की स्थिति में है। फिलहाल निचली कक्षाओं (कक्षा सात तक) के लिए स्कूल खुलने की कोई संभावना नहीं है। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने एक अप्रैल से कक्षा एक से सात के लिए भी स्कूलों को खोलने की अनुमति आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से मांगी थी। मार्च के अंतिम सप्ताह में इसपर निर्णय होना था, लेकिन अचानक संक्रमण बढ़ने से इसपर समीक्षा ही नहीं हुई।

शिक्षा सचिव राहुल शर्मा के अनुसार, निचली कक्षाओं के लिए स्कूल तो खुले ही नहीं हैं। ऊपरी कक्षाओं के लिए स्कूल खुल रहे हैं लेकिन अधिसंख्य सरकारी स्कूल ग्रामीण क्षेत्रों में हैं जहां संक्रमण काफी कम है। उनके अनुसार, शहरी क्षेत्रों में अधिसंख्य निजी स्कूल भी ऑनलाइन ही पढ़ाई करा रहे हैं। अब संक्रमण बढ़ने से राज्य सरकार ही इसपर निर्णय ले सकती है।

इधर, राज्य सरकार ने एक अप्रैल से आंगनबाड़ी केंद्रों को खोल दिया है। आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने फरवरी माह में ही हुई बैठक में एक अप्रैल से आंगनबाड़ी केंद्रों को खोलने की अनुमति इस शर्त पर दी थी कि सभी आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका का इससे पहले टीकाकरण करा लिया जाएगा। हालांकि उस समय संक्रमण बहुत कम गया था। अब संक्रमण तेजी से बढ़ने के कारण अब इसपर नए सिरे से विचार किया जा रहा है।

महिला एवं बाल विकास के निदेशक मनोज कुमार का कहना है कि विभाग वर्तमान स्थिति की समीक्षा कर आंगनबाड़ी केंद्रों को फिर से बंद करने पर निर्णय लेगा तथा आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को प्रस्ताव देगा। फिलहाल सभी जिलों से रिपोर्ट मंगाई जा रही है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर आंगनबाड़ी केंद्र खोले गए हैं। लेकिन बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सरकार इसे फिर से बंद करने पर निर्णय ले सकती है।

उन्होंने यह भी बताया कि 90 फीसद सेविका व सहायिका का टीकाकरण हो चुका है। जिन केंद्रों की सेविका व सहायिका का टीकाकरण नहीं हुआ है, वे नहीं खुल रहे हैं। उनके अनुसार, सभी केंद्रों में कोरोना बचाव को लेकर आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हैं। अन्य पदाधिकारियों के अलावा उन्होंने स्वयं कई केंद्रों का निरीक्षण किया था।


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