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LOCKDOWN Fear: प्रवासी श्रमिकों को लॉकडाउन का डर, कंट्रोल रूम में रोज आ रहे सैंकड़ों कॉल

Jharkhand LOCKDOWN Fear देश भर में बढ़ते कोविड-19 के मामलों और सख्त प्रतिबंधों के बीच झारखंड के प्रवासी मजदूरों को पिछले साल की तरह भय सताने लगा है। हालांकि उन्हें मुश्किल से हासिल रोजी-रोजगार की भी चिंता है इसीलिए हड़बड़ी में कोई निर्णय नहीं लेना चाह रहे हैं।

By Alok ShahiEdited By: Published: Fri, 16 Apr 2021 04:21 AM (IST)Updated: Fri, 16 Apr 2021 06:03 PM (IST)
LOCKDOWN Fear: प्रवासी श्रमिकों को लॉकडाउन का डर, कंट्रोल रूम में रोज आ रहे सैंकड़ों कॉल
Jharkhand LOCKDOWN Fear: प्रवासी श्रमिकों को सता रहा लॉकडाउन का भय, रोजी-रोजगार की भी चिंता।

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand LOCKDOWN देश भर में बढ़ते कोविड-19 के मामलों और सख्त प्रतिबंधों के बीच झारखंड के प्रवासी मजदूरों को पिछले साल की तरह भय सताने लगा है। हालांकि उन्हें मुश्किल से हासिल रोजी-रोजगार की भी चिंता है, इसीलिए हड़बड़ी में कोई निर्णय नहीं लेना चाह रहे हैं। प्रवासी श्रमिक और उनके परिजन झारखंड सरकार द्वारा स्थापित नियंत्रण कक्ष में फोन कर कुछ इसी तरह की पीड़ा साझा कर रहे हैं। नियंत्रण कक्ष में धीमा हो चला फोन कॉल और मैपिंग फोन कॉल का सिलसिला कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच एक बार फिर तेज हो चला है। इस माह अब तक (14 अप्रैल तक) प्रवासी श्रमिकों व उनके परिजनों के 535 कॉल नियंत्रण कक्ष में आए हैं। ज्यादातर फोन महाराष्ट्र, दिल्ली और छत्तीसगढ़ के संदर्भ में आ रहे हैं।

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श्रमिकों की समस्या कुछ पिछले साल के हालातों को बयां करने लगी है। हालांकि नियंत्रण कक्ष के काउंसलर घबराए हुए लोगों को सांत्वना देने की पूरी कोशिश कर रहे हैं और लॉकडाउन को ले हालातों को पूरी तरह से पिछले साल से इतर बता रहे हैं। झारखंड के रणजीत पाल ने प्रवासी नियंत्रण कक्ष से बातचीत में बताया कि वे वर्तमान में महाराष्ट्र के वसई-विरार में हैं। वह वापस झारखंड लौटने को तैयार है, लेकिन बिगड़े हुए हालातों में वह ट्रेन का टिकट पाने में असमर्थ है।

जसीडीह, देवघर के राकेश ठाकुर मुंबई, महाराष्ट्र में है। वे एक सैलून चलाते हैं। उन्होंने बताया कि तालाबंदी के दौरान सैलून सर्वाधिक प्रभावित होते हैं। अगर कुछ दिनों में स्थिति में सुधार नहीं होता है तो वह वापस झारखंड लौटने की योजना बनाएंगे। गोड्डा जिले के रियाज ने बताया कि वह एक कढ़ाई कंपनी में काम कर रहे हैं महाराष्ट्र में। पूछने पर उसने बताया कि वह वापस झारखंड लौट रहे हैं।

कई प्रवासी श्रमिक लौटने के इच्छुक नहीं, कंपनियां दें रही साथ

गढ़वा जिले के जलील अंसारी और उनके दो साथी छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में एक कंपनी में काम कर रहे हैं। राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष से बातचीत में न्होंने बताया कि उनकी कंपनी अभी भी चालू है और उनके खर्चों को वहन कर रही है। यदि हालात बिगड़े तो वे उसी अनुसार आगे की योजना बनाएंगे। देवघर के मनोहर हुसैन मुंबई, महाराष्ट्र में एक कपड़ा कंपनी में काम कर रहे हैं।

जब राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उनकी कंपनी अभी भी चालू है और वे फिलहाल झारखंड वापस लौटने की योजना नहीं बना रहे हैं। गोड्डा जिले के मनोज कुमार दिल्ली में एक निर्माण स्थल पर काम कर रहे हैं। मैपिंग कॉल के दौरान उन्होंने बताया कि वर्तमान में वे झारखंड वापस लौटने की योजना नहीं बना रहे हैं। हजारीबाग जिले के कुशललाल पासवान वर्तमान में महाराष्ट्र में एक लोकपाल ऑपरेटर के रूप में काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनकी कंपनी अभी भी चालू है और उन्हें अब तक कोई कठिनाई नहीं है।

रोजी-राेजगार भी मांग रहे प्रवासी

झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के कृष्णा जमुदा पहले रेलवे लाइन निर्माण में छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में कार्यरत थे। नियंत्रण कक्ष की मैपिंग कॉल के दौरान उन्होंने बताया कि वर्तमान में वह झारखंड में घर पर हैं और बेरोजगार हैं। उन्होंने राज्य सरकार से रोजगार की मांग की है। रामगढ़ जिले के सानी रजा राजमिस्त्री हैं, उन्होंने नियंत्रण कक्ष फोन कर रोजगार की मांग की है।

देवघर जिले के सरफराज पूर्व में पुणे की एक कपड़ा कंपनी में काम कर रहे थे। अब झारखंड में है। उन्हें सिंगल और डबल निडल मशीन का काम करने का अनुभव है और उन्होंने भी राज्य सरकार से काम की मांग की है। झारखंड के चतरा जिले के नासिम अख्तर पहले मुंबई, महाराष्ट्र में एक निजी स्कूल शिक्षक के रूप में काम कर रहे थे। वर्तमान में वह झारखंड में है और एक श्रमिक के रूप में काम कर रहे हैं, उन्होंने राज्य सरकार से आग्रह किया है कि उन्हें तत्काल रोजगार प्रदान किया जाए।

अनावश्यक आवागमन को लेकर सख्ती बढ़ाने के पक्ष में कांग्रेस

कोरोना को लेकर सख्ती बरतने की संभावनाओं के बीच कांग्रेस ने भी सरकार का साथ दिया है और कहा है कि अनावश्यक आवागमन को लेकर किसी भी प्रकार की सख्ती को लेकर सरकार के साथ है। झारखंड प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष डा. रामेश्वर उरांव ने कहा है कि कांग्रेस प्रदेश में व्यवसाय को प्रभावित किए बगैर सख्त निर्णय के पक्ष में है।

किसी भी तरह के बिजनेस को रोकना नहीं चाहती पार्टी

उन्होंने कहा कि पार्टी अनावश्यक आवागमन को लेकर सख्ती बढ़ाने के पक्ष में है और इस संदर्भ में सरकार के निर्णयों के साथ है। गुरुवार की शाम मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक के पूर्व डा. उरांव ने कांग्रेस कर्मियों को भी आवश्यक सावधानी बरतने की सलाह दी। उन्होंने संकेत दिए कि राज्य सरकार आनेवाले दिनों में अनावश्यक आर्थिक खर्चों को कम करने के लिए भी निर्णय ले सकती है जैसा पिछली बार लिया गया था। 


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