Move to Jagran APP

मौसम की तरह ही जिंदगी के भी कई रंग : चित्रा देसाई

रांची पटना जेएनएन कविता में भाव का होना जरूरी है। भाषा और शिल्प बेहतर रहते हुए भी भाव और संवेदना न हो तो कविता का मूल स्वरूप बिगड़ जाता है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 May 2020 01:54 AM (IST)Updated: Thu, 21 May 2020 06:12 AM (IST)
मौसम की तरह ही जिंदगी के भी कई रंग : चित्रा देसाई
मौसम की तरह ही जिंदगी के भी कई रंग : चित्रा देसाई

रांची पटना, जेएनएन : कविता में भाव का होना जरूरी है। भाषा और शिल्प बेहतर रहते हुए भी भाव और संवेदना न हो तो कविता का मूल स्वरूप बिगड़ जाता है। ये बातें बुधवार को पेशे से वकील और देश की चर्चित कवयित्री व लेखिका चित्रा देसाई ने जूम एप पर आयोजित 'कलम' कार्यक्रम में श्रोताओं से रूबरू होते हुए कहीं।

loksabha election banner

प्रभा खेतान फाउंडेशन, श्री सीमेंट और अहसास वूमन रांची की ओर से आयोजित 'कलम' कार्यक्रम का मीडिया पार्टनर दैनिक जागरण रहा। लेखिका चित्रा देसाई से पटना की लेखिका डॉ. भावना शेखर ने बातचीत की। संचालन पटना से डॉ. अन्विता प्रधान एवं रांची से पूनम आनंद ने किया।

कार्यक्रम के दौरान डॉ. भावना शेखर ने चित्रा से उनकी साहित्यिक यात्रा, उनके जीवन आदि पर सवाल किए। चित्रा ने कहा कि कविता लिखने का शौक कॉलेज के दिनों से रहा, जो आज भी जारी है। पुस्तक 'सरसों में अमलतास' में मौसम और जिदगी को जोड़ने की बात पर चित्रा ने कहा कि मौसम की तरह जिदगी के कई रंग होते हैं। रिश्तों का जटिल संसार और प्रकृति का सरल और सहज स्वरूप आज भी देखने को मिलता है। उन्होंने कहा कि रिश्ते ही जीवन हैं। यही रिश्ते जीवन की जमा-पूंजी हैं। बाकी सब तो मोह-माया है। लेखन के बारे में कहा कि लेखन अपने समय का दस्तावेज होता है। साहित्य सृजन बहुमूल्य धरोहर होता है।

नारी विमर्श पर चित्रा ने कहा कि संवेदना की बात सिर्फ महिलाएं नहीं पुरुष भी करते हैं। जिसके अंदर संवेदना हो वह कोई भी बात कह सकता है। चित्रा ने कार्यक्रम के दौरान अपनी कविताएं 'मेरे गांव की चौपाल बोलती है.., कुम्हार के घर से खेतों को जाती.., तुम कैसे समझोगे.. आदि सुनाकर श्रोताओं को आनंदित किया।

कार्यक्रम के दौरान पटना से प्रो. रिजवान, डॉॅ. अजीत प्रधान, सत्यम सोलंकी, महिमा श्री, रांची से दिलीप ठाकुर, डॉ. एसके मिश्रा, डॉ. मंगला रानी, डॉ. अर्चना त्रिपाठी आदि ने सवाल किए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.