एलआईसी कर्मचारियों ने किया निजीकरण का विरोध, बैठक में कही गई कई बड़ी बातें
Koderma News बीमा कर्मचारी संघ झुमरी तिलैया के सचिव मनोरंजन कुमार ने कहा कि 19 जनवरी की तारीख एलआइसी में सर्वकालिक ऐतिहासिक महत्व रखती है क्योंकि इसी तारीख को 1956 में एलआइसी के राष्ट्रीयकरण के प्रथम चरण का शुभारंभ हुआ था।
कोडरमा, जागरण संवाददाता। भारतीय जीवन बीमा निगम में गठित संयुक्त मंच के आह्वान पर बुधवार को भारतीय जीवन बीमा निगम झुमरी तिलैया में दोपहर लंच के दौरान बैठक का आयोजन किया गया। इसमें पब्लिक सेक्टर बचाओ, एलआइसी को मजबूत करो दिवस के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर एक प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया गया।
देश के आम लोगों के बीच भरोसे का प्रतीक है एलआईसी
कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए बीमा कर्मचारी संघ झुमरी तिलैया के सचिव मनोरंजन कुमार ने कहा कि 19 जनवरी की तारीख एलआइसी में सर्वकालिक ऐतिहासिक महत्व रखती है, क्योंकि इसी तारीख को 1956 में एलआइसी के राष्ट्रीयकरण के प्रथम चरण का शुभारंभ हुआ था। जब 1956 को तत्कालीन भारत सरकार ने जीवन बीमा (आपातकालीन प्रावधान) अध्यादेश लागू कर उस समय के 154 स्वदेशी बीमाकर्ताओं, जिसमे 16 विदेशी बीमाकर्ताओं एवं 75 भविष्य निधि समितियों के प्रबंधन को रातों रात पूर्ण रूप से अपने अधीन ले लिया तथा इसकी निगरानी एवं संचालन का जिम्मा भारत सरकार द्वारा नियुक्त 42 अभिरक्षक के अधीन कर दिया। वास्तव में एलआईसी इस देश के अति साधारण लोगों द्वारा रचा हुआ, एक असाधारण करिश्मा है।
यह संस्था “ लोगों का पैसा लोगों के लिए “ के मंत्र पर कार्य करती है
आज भारत सरकार एलआईसी को विनिवेशित करते हुए इसके एक्ट में आलोकतांत्रिक तरीके से बदलाव लाकर इसके आईपीओ देश के शेयर बाजार के माध्यम से लाने का कुत्सित कार्य कर रही है। यह कार्य सरकार अपने बजटीय खर्चों को पूरा करने के लिए करने जा रही है। यह देश की अर्थव्यवस्था एवं आर्थिक संप्रभुता के लिए सबसे बड़ा खतरा है। यह देश के लोगों के हितों के खिलाफ है। इसी को लेकर बैठक का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता महावीर यादव ने की। इस अवसर पर टिंकू कुमार ,हरेन्द्र सिंह, सुधीर कुमार, विशाल कुमार,सुशील कुमार,सिकंदर यादव,उपेंद्र शर्मा,रवि सिन्हा, ज्योतिंद्र कुमार,श्रीकांत उज्ज्वल, सौरभ शंकर,स्नेहा, स्वेता,अलीशा ,कंचन कुमार कश्यप, मोहन राम खरवार आदि उपस्थित थे।