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LAND MAFIA जमीन माफिया कमलेश साथियों के साथ गिरफ्तार

कांके में गैरमजरूआ और जुमार नदी की 25 एकड़ जमीन पर अवैध रूप से रिवर व्यू प्रोजेक्ट खड़ा करने के मामले में फरार चल रहा था कमलेश।आइपीएस से सांठगांठ कर बेशकीमती सरकारी जमीन को बेचकर बनाई अकूत संपत्ति।

By Vikas SrivastavaEdited By: Published: Mon, 04 Oct 2021 06:15 AM (IST)Updated: Mon, 04 Oct 2021 06:15 AM (IST)
LAND MAFIA जमीन माफिया कमलेश साथियों के साथ गिरफ्तार
नदी की जमीन समतल किये जाने की सूचना पर कांके सीओ ने कमलेश के खिलाफ दर्ज कराई थी प्राथमिकी

जागरण संवाददाता, रांची: कांके थाना पुलिस ने रविवार को रिवर व्यू गार्डन के मालिक व जमीन माफिया कमलेश को नगड़ी से गिरफ्तार कर लिया है। कमलेश की नजर कांके के चामा नगड़ी में एक आदिवासी जमीन पर थी। रविवार को कमलेश एवं उसके आदमी उक्त जमीन पर जबरन जेसीबी चलवा रहे थे। जमीन मालिक ने इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए नगड़ी से धर दबोचा। कमलेश के साथ तीन-चार अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया है।

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कांके थाना में उससे पूछताछ की जा रही है। कमलेश मूलरूप से जमशेदपुर के सीताराम डेरा थाना क्षेत्र के भुईंयाडीह का रहने वाला है। रांची में कोकर के चेशायर होम रोड में अपना मकान है। कमलेश पर कांके स्थित लॉ कॉलेज से सटे रिंग रोड के किनारे करीब 25 एकड़ गैरमजरुआ जमीन पर रिवर व्यू प्रोजेक्ट खड़ा करने का आरोप है। फर्जी दस्तावेज के सहारे लॉ कॉलेज और जुमार नदी की 20.59 एकड़ जमीन हड़प लिया था। मिट्टी डालकर जमीन को समतल किया जा रहा था। दैनिक जागरण ने नदी की जमीन बेचने की तैयारी को प्रमुखता से छापा था। नतीजतन कांके के तत्कालीन सीओ के निर्देश पर 27 नवंबर 2020 को कांके अंचल अधिकारी ने एफआइआर दर्ज कराई। जिसमें लॉ यूनिवर्सिटी के पीछे स्थित ङ्क्षरग रोड से सटे जुमार नदी, गैरमजरूआ जमीन और बीएयू की अधिग्रहित जमीन पर कब्जा करने का आरोप है। मामला जब तूल पकड़ा तो जांच एसीबी को सौंप दी गई। एसीबी जांच में भी फर्जीवाड़े की पुष्टि हुई है। हालांकि, सीएम के संज्ञान लेने के बावजूद जमीन माफिया खुला घूम रहा था।

मामला जब सुर्खियों में आया तो सीएम ने दिया जांच के आदेश

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आदेश पर एसीबी ने गत वर्ष 24 दिसंबर को पीई(प्राइमरी इन्क्वाइरी) दर्ज किया था। इसमें कांके अंचल के तत्कालीन अंचलाधिकारी अनिल कुमार, राजस्व कर्मचारी व अन्य कर्मियों की भूमिका की जांच की गई तो उनपर लगे अनियमितता के आरोपों की पुष्टि हुई। मुख्यमंत्री ने आदेश दिया था कि इस सरकारी जमीन और जुमार नदी की जमीन को भरवाने में अंचल के अधिकारियों-कर्मियों की जमीन माफिया से मिलीभगत के बिंदु पर जांच पूरी कर रिपोर्ट दें।

पुलिस-अंचल अधिकारियों के आशीर्वाद से सात साल में बनाई अकूत संपत्ति

जमीन माफिया कमलेश ने जमशेदपुर में फोटोग्राफर से करियर की शुरुआत की। कुछ दिनों बाद रांची आ गया। रांची में पुलिस के कुछ अधिकारियों से संपर्क हुआ। इसके बाद पुलिस अधिकारियों के संरक्षण में सरकारी जमीन पर कब्जे का बेरोकटोक खेल लगातार जारी रहा। बाद में अपनी काले कारनामे में अंचल अधिकारियों को भी शामिल कर लिया। पुलिस और अंचल अधिकारियों की मिलीभगत से महज सात साल में ही अकूत संपत्ति अर्जित कर ली।


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