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Lalu Yadav: लालू प्रसाद के रिहा होने की राह म‍ुश्किल, जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी सीबीआइ

Lalu Yadav News इसके पीछे सीबीआइ ने सीआरपीसी की धारा 427 का हवाला दिया था। इसके तहत अगर किसी को एक तरह के मामले में कई बार सजा मिलती है तो पहली सजा पूरी होने के बाद दूसरी सजा चलने का प्रावधान है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Fri, 30 Oct 2020 11:59 AM (IST)Updated: Fri, 30 Oct 2020 03:34 PM (IST)
Lalu Yadav: लालू प्रसाद के रिहा होने की राह म‍ुश्किल, जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी सीबीआइ
लालू प्रसाद ने जमानत के लिए हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है।

रांची, राज्य ब्यूरो। एक ओर जहां राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद जेल से निकलने के लिए हाई कोर्ट की शरण में पहुंचे हैं। वहीं, दूसरी ओर सीबीआइ उन्हें रिहा होने से रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट की शरण में जा सकती है। दरअसल, लालू प्रसाद को झारखंड हाई कोर्ट से चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी मामले में जमानत मिल चुकी है। लेकिन इसकी सुनवाई के दौरान सीबीआइ का कहना था कि लालू प्रसाद ने चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी मामले में एक दिन भी जेल में नहीं बिताए हैं।

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उसके पीछे सीबीआइ ने सीआरपीसी की धारा 427 का हवाला दिया था। इसके तहत अगर किसी को एक तरह के मामले में कई बार सजा मिलती है, तो पहली सजा पूरी होने के बाद दूसरी सजा चलने का प्रावधान है। इसके लिए लालू प्रसाद को निचली अदालत में एक साथ सजा चलाने के लिए कोर्ट से आग्रह करना था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया है। इसी आधार सीबीआइ ने लालू की जमानत का विरोध किया था।

लेकिन हाई कोर्ट ने सीबीआइ की दलील को दरकिनार करते हुए लालू प्रसाद को जमानत की सुविधा प्रदान की है। ऐसे में अब सीबीआइ हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने की तैयारी कर रही है। हालांकि सीबीआइ इससे पहले लालू प्रसाद को देवघर से अवैध निकासी मामले में हाई कोर्ट से मिली जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल कर चुकी है।

बता दें कि लालू प्रसाद को अब तक चार मामलों में सजा मिली है। इसमें चाईबासा के दो, देवघर और दुमका का एक-एक मामला शामिल है। इसमें चाईबासा को दोनों मामले और देवघर में लालू प्रसाद को जमानत मिल चुकी है। वहीं, दुमका वाले मामले में लालू प्रसाद ने हाल में ही जमानत याचिका दाखिल की है। इस याचिका में भी आधी सजा काटने का हवाला दिया गया है।


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