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रिम्‍स निदेशक के केली बंगले से हटाए जा सकते हैं लालू यादव, 27 तारीख का हो रहा इंतजार

Lalu Yadav News रिम्‍स के नए निदेशक डा. कामेश्वर प्रसाद ने कहा कि पहले समीक्षा होगी कि किन परिस्थितियों में लालू प्रसाद को बंगले में रखा गया। फिर कोई निर्णय लिया जाएगा। 27 नवंबर को लालू प्रसाद की याचिका पर सुनवाई होना है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Tue, 17 Nov 2020 09:27 AM (IST)Updated: Tue, 17 Nov 2020 09:27 AM (IST)
रिम्‍स निदेशक के केली बंगले से हटाए जा सकते हैं लालू यादव, 27 तारीख का हो रहा इंतजार
राजद सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्‍यमंत्री लालू प्रसाद। फाइल फाेटो

रांची, जासं। झारखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्‍पताल रिम्स के नए निदेशक पद्मश्री डा. कामेश्वर प्रसाद के स्टेट गेस्ट हाउस में रहने और राजद सुप्रीमो के उनके बंगले में रहने का मुद्दा फिलहाल काफी गर्म है। रिम्स के इतिहास में यह पहली बार है जब स्थायी निदेशक पदभार लेने के बाद भी बंगले में नहीं रह पा रहे हैं। इस मामले में डा. कामेश्वर प्रसाद ने कहा है कि नियुक्ति के बाद उन्होंने विभाग से ज्वाइनिंग के लिए 2 महीने का समय लिया था।

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लेकिन एम्स से जल्दी रिलीव मिलने के बाद वे बिना तैयारी के अचानक पहुंच गए। इसलिए रिम्स में उनके आने की तैयारियां नहीं हो सकी। उन्होंने कहा कि पहले एक समीक्षा की जाएगी कि किन परिस्थिति में लालू प्रसाद को बंगले में रखा गया है। परिस्थितियां अनुकुल होगी तो उन्हें बंगले से हटाया भी जा सकता है।

बताते चलें कि अब कभी भी लालू प्रसाद को दूसरी जगह शिफ्ट किया जा सकता है। प्रबंधन 27 नवंबर के इंतजार में लगा है। इस दिन लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई होना है। हाई कोर्ट से राजद सुप्रीमो को बेल मिला तो बंगला खुद खाली हो जाएगा, नहीं तो उन्हें किसी दूसरी सुरक्षित जगह शिफ्ट किया जाएगा।

बता दें कि काेरोना वायरस से बचाव के लिए लालू यादव को रिम्‍स के पेइंग वार्ड से केली बंगले में शिफ्ट किया गया था। उस समय रिम्‍स निदेशक का बंगला केली बंगला खाली था। तब से वे इसी बंगले में रह रहे हैं। अब ज‍बकि रिम्‍स के नए निदेशक ने प्रभार ग्रहण कर लिया है तो उनके लिए बंगला खाली करना का निर्णय प्रबंधन ले रहा है। अभी रिम्‍स के नए निदेशक गेस्‍ट हाउस में ठहरे हैं। उन्‍होंने दो दिन पूर्व ही प्रभार ग्रहण किया है।

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर चारा घोटाला के 5 मामले चल रहे हैं। इसमें से चार मामलों में उन्‍हें सजा हो चुकी है और एक मामला अभी लंबित है। पांच मामलों में डोरंडा कोषागार का एक, देवघर कोषागार का एक, चाईबासा कोषागार के दो, और दुमका कोषागार का एक मामला है। डोरंडा कोषागार का मामला अभी लंबित है। उन्‍होंने दुमका मामले में हाई कोर्ट से जमानत मांगी है। इसी मामले में 27 नवंबर को हाई कोर्ट में सुनवाई होनी है।


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