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राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की जमानत 27 अगस्त तक बढ़ी

झारखंड हाईकोर्ट ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की प्रोविजनल बेल 27 अगस्त तक बढ़ा दी है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Fri, 17 Aug 2018 12:36 PM (IST)Updated: Fri, 17 Aug 2018 07:58 PM (IST)
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की जमानत 27 अगस्त तक बढ़ी
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की जमानत 27 अगस्त तक बढ़ी

रांची, जेएनएन। झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की कोर्ट ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की प्रोविजनल बेल (औपबंधिक जमानत) की अवधि 27 अगस्त तक बढ़ा दी है। लालू यादव की प्रोविजनल बेल 20 अगस्त को समाप्त हो रही थी। मामले में सुनवाई 24 अगस्त को निर्धारित की गई है।

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सुनवाई के दौरान लालू प्रसाद की ओर से 20 अगस्त को बेल की अवधि समाप्त होने की बात कहते हुए इस बढ़ाने की मांग की गई। कोर्ट ने सीबीआई के अधिवक्ता को कोर्ट में बुलाया और लालू प्रसाद की प्रोविजनल बेल की अवधि बढ़ाने के संबंध में जानकारी दी।

दरअसल, अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर स्टेट बार काउंसिल की ओर से जारी नोटिस में कहा गया था कि शुक्रवार को अधिवक्ता न्यायिक कार्य से दूर रहेंगे, जबकि कोर्ट में 11:00 बजे तक सुनवाई हुई। इस बीच, कोर्ट ने लालू यादव की अवधि 27 अगस्त तक बढ़ा दी। क्योंकि उनकी प्रोविजनल बेल की अवधि 20 अगस्त को ही समाप्त हो रही थी।

गौरतलब है कि पिछली सुनवाई के दौरान राजद प्रमुख लालू प्रसाद के अस्पताल से घर जाने पर झारखंड हाई कोर्ट ने तल्खी दिखाते हुए इस पर सवाल उठाए थे। कोर्ट ने कहा था कि उन्हें इलाज के लिए औपबंधिक जमानत मिली है, ऐसे में वे घर कैसे जा सकते हैं। इसके साथ ही कोर्ट ने सीबीआइ को निर्देश दिया कि लालू प्रसाद की मेडिकल रिपोर्ट व डिस्चार्ज समरी की जांच कर अपना जवाब दाखिल करें। शुक्रवार को जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत ने इस मामले की सुनवाई की। इसके साथ ही चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद की औपबंधिक जमानत 20 अगस्त तक बढ़ा दी थी। लालू की ओर से अवधि बढ़ाने की अर्जी पर सुनवाई करते हुए जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत ने उक्त टिप्पणी की। 

लालू के वकील ने मांगा तीन माह का समय :
लालू के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि मुंबई स्थित एशियन हार्ट इंस्टीट्यूट में लालू प्रसाद 6 अगस्त को भर्ती हुए हैं। उनका फिश्चूला (मलद्वार में घाव) का ऑपरेशन हुआ है। जिसकी रिकवरी में समय लगेगा। उन्हें यूरिनल, ब्लड प्रेशर व शुगर सहित अन्य बीमारियां हैं। उनका शुगर कंट्रोल नहीं हो रहा है, इसलिए उन्हें प्रतिदिन 70 इंसुलिन लेनी पड़ रही है। इसके बाद भी शुगर का लेवल 350 हो जा रहा है। लालू प्रसाद को क्रोनिक किडनी की बीमारी है, जिसका ऑपरेशन किया जाना है। इसलिए उनकी औपबंधिक जमानत की अवधि तीन माह तक बढ़ा दी जाए। जिसके बाद कोर्ट ने 20 अगस्त तक औपबंधिक जमानत की अवधि बढ़ा दी थी।

सीबीआइ ने किया विरोध :
सीबीआइ ने विरोध करते हुए कहा कि लालू की ओर से दाखिल डिस्चार्ज समरी में अस्पताल का मुहर और हस्ताक्षर नहीं है। जिस पर लालू प्रसाद की ओर से कहा गया कि उक्त दस्तावेज अगली सुनवाई के दौरान कोर्ट में दाखिल कर दी जाएगी। सीबीआइ का कहना था कि लालू की याचिका में उनके फालोअप इलाज के लिए अस्पताल आने की बात कही गई है। उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की बात कहीं नहीं गई। जिस पर कोर्ट ने डिस्चार्ज समरी की जांच कर सीबीआइ को अपना जवाब कोर्ट में दाखिल करने का निर्देश दिया है।


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