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लालू यादव फ‍िर जाएंगे जेल ! सबसे बड़े चारा घोटाला मामले में इसी माह आएगा फैसला

चारा घोटाला मामले में क्‍या लालू प्रसाद का ठ‍िकाना फ‍िर जेल होगा। यह बात इसल‍िए क‍ि एक मामले में अदालत की ओर से इसी माह फैसला आने वाला है। अदालत ने मुकदमे का सामना कर रहे आरोपितों की जानकारी के लिए उपस्थिति दर्ज कराने का निर्देश द‍िया है।

By M EkhlaqueEdited By: Published: Sat, 01 Jan 2022 08:52 PM (IST)Updated: Tue, 04 Jan 2022 01:39 PM (IST)
लालू यादव फ‍िर जाएंगे जेल ! सबसे बड़े चारा घोटाला मामले में इसी माह आएगा फैसला
Bihar Politics : लालू यादव के चारा घोटाला मामले में इसी माह कोर्ट फैसला सुनाने जा रहा है। फाइल फोटो।

रांची, राज्य ब्यूरो। चारा घोटाले के सबसे बड़े मामले डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी में जनवरी माह में फैसला आने की उम्मीद है। एक बार फिर से लालू प्रसाद की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। इस मामले में तीन आरोपितों की ओर की ओर से बहस पूरी होते ही अदालत फैसले की तिथि निर्धारित कर देगी।

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कोर्ट खुलते ही उपस्थिति दर्ज करानी होगी

हालांकि अदालत ने इस मामले में आरोपितों की सही संख्या जानने के लिए सभी की उपस्थिति दर्ज कराने का निर्देश दिया है। सीबीआइ के विशेष लोक अभियोजक बीएमपी सिंह ने बताया कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद समेत मुकदमे का सामना करे रहे आरोपितों को नए साल में कोर्ट खुलते ही उपस्थिति दर्ज करानी होगी।

लालू प्रसाद का इलाज दिल्ली में चल रहा

हालांकि आरोपितों को व्यक्तिगत उपस्थिति की जगह अपने अधिवक्ता के माध्यम से उपस्थिति दर्ज कराने की छूट है। राजद सुप्रीमो और ब‍िहार के पूर्व मुख्‍यमंत्री लालू प्रसाद का इलाज दिल्ली में चल रहा है। संभावना ज्यादा है कि उनके अधिवक्ता की ओर से उनकी उपस्थित दर्ज कराई जाएगी।

112 आरोपित मुकदमे का कर रहे सामना

वर्तमान में इस मामले में 112 आरोपित मुकदमे का सामना कर रहे हैं। इसमें से लालू प्रसाद समेत 99 आरोपितों की ओर से बहस पूरी हो चुकी है। बाकी तीन आरोपितों की ओर से तीन-चार जनवरी को बहस की जाएगी। बहस पूरी करा चुके एक-दो आरोपितों के मौत हो जाने की सूचना है। लेकिन उनकी ओर से अदालत में मृत्यु प्रमाणपत्र नहीं दाखिल किया गया है।

आरोपितों की सही संख्या जानना चाहती अदालत

मामले की सुनवाई कर रही विशेष अदालत वर्तमान में मुकदमे का सामना कर रहे आरोपितों की सही संख्या जानने को लेकर उपस्थिति दर्ज करने का निर्देश दिया है। बता दें कि डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से जुड़े मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद, जगदीश शर्मा, डॉ. आरके शर्मा, ध्रुव भगत, पांच आइएएस, 30 पशु चिकित्सक, छह एकाउंट व 56 आपूर्तिकर्ता शामिल हैं।

प‍िछली सुनवाई में यह कहा था लालू के वकील ने

मालूम हो क‍ि प‍िछली बार सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश एसके शशि की अदालत में चारा घोटाले के सबसे बड़े मामले में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की ओर से बहस की गई थी। इस दौरान उनके अधिवक्ता प्रभात कुमार ने कहा था कि 1990 में स्कूटर, बाइक सहित अन्य वाहन से मवेशी ढोए गए थे। इसके नाम पर कोषागार से 26 हजार रुपये की निकासी की गई थी। इसमें लालू प्रसाद की कोई भूमिका नहीं है। पशुपालन मंत्री रामजीवन सिंह ने इसकी जांच सीबीआइ कराने की बात कही तो लालू प्रसाद तत्कालीन मुख्य सचिव इस पर मंतव्य मांगा। मुख्य सचिव ने कहा था कि मेरी बात सीबीआइ के निदेशक से हुई। निदेशक ने कहा कि वह इस तरह के मामले की जांच नहीं करते हैं। इसलिए इसकी जांच सीआइडी या निगरानी से कराई जाए। इसके बाद लालू प्रसाद ने निगरानी से जांच कराने का आदेश दिया। इसमें लालू प्रसाद कहीं से भी दोषी नहीं है। अब उनकी ओर से मंगलवार को भी बहस की जाएगी। बता दें कि डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से जुड़े मामले में 88 आरोपितों की ओर से बहस पूरी कर ली गई है। इस मामले में लालू प्रसाद सहित 112 आरोपित मुकदमे का सामना कर रहे हैं।


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