कोरोना संक्रमण काल में धोखा दे रहा कोकर का निरामया अस्पताल, मरीजों को लेकर घंटों इंतजार करते हैं परिजन
Ranchi Jharkhand News आसपास के लोग बताते हैं कि इस अस्पताल में रोज लोग इलाज के लिए आते हैं। और उन्हें बताया जाता है कि अस्पताल बंद है। तब वह यहां से जाते हैं। उनका कहना है कि अगर अस्पताल बंद है तो यहां बोर्ड लगा दिया जाए।
रांची, जासं। रांची के कोकर का निरामया अस्पताल कोरोना संक्रमण के दौर में मरीजों को धोखा दे रहा है। शनिवार को कांटाटोली की रहने वाली एक महिला अपने बेटे को लेकर निरामया अस्पताल पहुंची और काफी देर तक यहां इंतजार करती रही कि अस्पताल अब खुलेगा। लेकिन बाद में लोगों ने बताया कि अस्पताल बंद है। इसमें ताला लगा हुआ है। इस दौरान उसके बेटे की हालत और बिगड़ गई। लोगों ने किसी तरह उन्हें रिम्स पहुंचाया। आसपास के लोग बताते हैं कि इस अस्पताल में रोज लोग इलाज के लिए आते हैं और उन्हें बताया जाता है कि अस्पताल बंद है। तब वह यहां से जाते हैं।
उनका कहना है कि अगर अस्पताल बंद है तो यहां से अस्पताल का बोर्ड हटा दिया जाए। या बोर्ड पर बड़े-बड़े अक्षर में लिख दिया जाए कि अस्पताल बंद है, ताकि लोगों का समय बर्बाद नहीं हो। यह अस्पताल वार्ड नंबर 8 में कोकर में स्थित है। राजधानी रांची में इन दिनों कोरोना का काफी प्रकोप है। रोज 30 से 35 लोगों की मौत हो रही है। बीमारों को बेड नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में सरकार इस अस्पताल का उपयोग कर सकती है और यहां ऑक्सीजन युक्त बेड लगा सकती है।
कुछ दिन पहले डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने इस अस्पताल को कोविड-19 अस्पताल बनाने की मांग भी की थी। लेकिन सरकार ने इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया। भाजपा के अनुसूचित जाति मोर्चा के मीडिया प्रभारी प्रदीप रवि कहते हैं कि अस्पताल इलाज के लिए होता है। मुसीबत के इस समय में अगर इस अस्पताल का उपयोग नहीं हो सकता तो फिर बेकार है। इससे अच्छा है कि अस्पताल को बंद ही कर दिया जाए। उनका कहना है कि इस अस्पताल को सरकार कोविड अस्पताल बना दे।
इसका इससे बेहतर उपयोग नहीं हो सकता। उनका कहना है कि इस अस्पताल में कुछ दिनों के बाद कुछ लोग आते हैं। ताला खुलता है और बैठक करने के बाद चले जाते हैं। पता नहीं लोगों की क्या मजबूरी है कि यहां निरामया हॉस्पिटल का बोर्ड लगा दिया है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने यहां अस्पताल नहीं बनाया तो इसके लिए आंदोलन करेंगे और इसके मुख्य गेट पर ताला डालकर धरना दिया जाएगा।