रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के सामने युवक कर रहा था गंदा काम... आरपीएफ ने धर दबोचा...
Bihar News Koderma News Jharkhand News कोडरमा रेलवे स्टेशन पर रेल यात्रियों के सामने गंदा काम करने वाले युवक को आरपीएफ ने धर दबोचा। यह युवक स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या चार से पकड़ा गया है। इसका नाम रोजन हवाड़ी बताया गया।
झुमरीतिलैया (कोडरमा), जासं। Bihar News, Koderma News, Jharkhand News कोडरमा रेलवे स्टेशन पर रेल यात्रियों के सामने गंदा काम करने वाले युवक को आरपीएफ ने धर दबोचा। यह युवक स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या चार से पकड़ा गया है। इसका नाम रोजन हवाड़ी बताया गया। रेलवे स्टेशन पर रेलयात्रियों का मोबाइल एवं पर्स चुराने वाले इस युवक को आरपीएफ कोडरमा ने सोमवार को गिरफ्तार किया है।
आरपीएफ कोडरमा प्रभारी जवाहर लाल ने बताया कि स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या चार से झलपो निवासी रोजन हवाड़ी (36) को पकड़ा गया। उसके पास से रेल यात्रियों का चोरी चार मोबाइल फोन एवं एक पर्स बरामद हुआ। बरामद सामानों की अनुमानित कीमत 12 हजार 500 रुपये है। अभियुक्त ने बताया कि वह झुमरीतिलैया में ठेला लगाता है। आरपीएफ ने जब्ती सूची तैयार कर अभियुक्त को जीआरपी कोडरमा को सौंप दिया। वहां प्राथमिकी दर्ज करते हुए उसे जेल भेज दिया गया।
बिना थर्मल स्क्रीनिंग कराए ही अंदर जा रहे मुसाफिर
खादगढ़ा बस स्टैंड और रांची रेलवे स्टेशन पर कोरोना की जांच में लापरवाही बरती जा रही है। यहां जांच के लिए लगाई गई टीमें उन्हीं यात्रियों का कोरोना टेस्ट कर रही हैं जो खुद से अपना टेस्ट कराना चाहते हैं। या फिर सीधो-सादे यात्रियों का कोरोना टेस्ट किया जा रहा है। बाकी यात्री कतरा कर निकल जाते हैं। उन्हें कोरोना के लिए कोई नहीं पूछता है। प्रशासन ने दक्षिण भारत से आने वाली ट्रेनों से आने वाले यात्रियों का कोरोना टेस्ट करने के लिए ही स्टेशन पर कोरोना जांच टीम को तैनात किया था। मगर, टीम में कर्मचारियों की कमी की वजह से ये लोग सभी यात्रियों का कोरोना टेस्ट नहीं कर पा रहे हैं।
कहा जा रहा है कि टीम में उतने कर्मचारी नहीं हैं कि सभी यात्रियों को पकड़-पकड़ कर उनका कोरोना टेस्ट करें। यही नहीं, पहले स्टेशन पर थर्मल स्क्रीनिंग की जाती थी। जब ट्रेन आती थी तो एक-एक मुसाफिर को कतार में लगा दिया जाता था। मुसाफिरों की थर्मल स्क्रीनिंग करने के बाद ही उन्हें बाहर निकाला जाता था। मगर, अब ऐसा नहीं हो पा रहा है। यही हाल, बस स्टैंड का भी है। यहां भी उन्हीं यात्रियों का कोरोना टेस्ट किया जा रहा है जो खुद से अपना टेस्ट करा रहे हैं। यही नहीं, टेस्ट करने के बाद उन्हें रोका नहीं जाता और जब उन्हें मोबाइल पर फोन कर कोरोना पाजिटिव होने की बात बताई जाती है तब तक मुसाफिर अपने सफर पर होता है।
मीडिया के स्टेशन पर घुसने पर पाबंदी
सबसे खास बात ये है कि खामी को सुधारने की बजाए प्रशासन इसे छिपाने की कवायद में जुटा है। प्लेटफार्म या स्टेशन पर थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था शुरू करने की बजाए प्रशासन ने मीडिया के अंदर जाने पर पाबंदी लगा दी है। एक यात्री राजेश कुमार ने कहा कि प्रशासन को थर्मल स्क्रीनिंग समेत कोरोना से जुड़े सभी दिशा-निर्देश का पालन करना चाहिए। ऐसी कोई कमी ही नहीं रखे कि उसे मीडिया से डर लगे।
बिना मास्क वालों का भी नहीं होता कोरोना टेस्ट
प्रशासन का आदेश है कि रेलवे स्टेशन पर जो लोग बिना मास्क लगाए पहुंचें उनका कोरोना टेस्ट जरूर कराया जाए। मगर, रेलवे स्टेशन पर अभी इस पर अमल नहीं हो पा रहा है। यहां कोरोना टेस्ट के लिए तैनात टीम के कर्मचारी ये तो बताते हैं कि जो लोग मास्क लगा कर यहां नहीं आए हैं उनका कोरोना टेस्ट जरूर होगा। मगर, ये सिर्फ कागजी बात है। धरातल पर ऐसा नहीं है। कई लोग रेलवे स्टेशन पर बिना मास्क लगाए टहलते देखे गए मगर, उन्हें पकड़ कर उनका कोरोना टेस्ट नहीं कराया गया।
गेट पर शारीरिक दूरी का पालन नहीं
गेट पर शारीरिक दूरी का पालन नहीं हो पा रहा है। रेलवे स्टेशन पर काफी लोग गेट पर भीड़ लगा कर खड़े हुए हैं। मगर, इन्हें कोई टोकने वाला नहीं है। यही नहीं, बिना मास्क वाले यात्री भी स्टेशन पर प्रवेश कर जाते हैं।
समझदार थीं युवतियां, पाजिटिव आने पर उतरीं
जमशेदपुर से दो युवतियां एक बस से रांची के लिए सवार हुई थीं। मानगो बस स्टैंड पर इनकी कोरोना जांच की गई। दोनों युवतियां बस पर सवार होकर रांची के लिए रवाना हो गईं। जब बस दो मुहानी पुल के पार हुई तभी उनके मोबाइल पर दोनों के काेरोना पाजिटिव होने का फोन आ गया। इसके बाद दोनों युवतियों ने बस रुकवाई और बस से उतर गईं।