कांग्रेस की एक और थुक्कम फजीहत, आसान शब्दों में समझें डॉ अजय के इस्तीफा के मायने
झारखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे डा. अजय कुमार ने कहा कि बेटा-बेटी को टिकट दिलवाने में यहां के नेता लगे हैं। वहीं फुरकान अंसारी ने डॉ अजय पर उगाही करने के संगीन आरोप लगाए हैं।
रांची, जेएनएन। झारखंड में ऐन विधानसभा चुनाव के वक्त एक बार फिर से कांग्रेस की थुक्कम फजीहत हो रही है। प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार के इस्तीफे के बाद प्रदेश कांग्रेस की राजनीति इतनी गर्म हो गई है कि लपटें दूर तक उठ रही हैं। अब तो सीधे-सीधे पैसे उगाही करने के संगीन आरोप भी डॉ अजय पर लगे हैं। इससे इतर यहां के चार बड़े नेताओं के ऊपर परिवारवाद के गंभीर आरोप लगाए गए। इधर डॉ अजय ने इस्तीफे में साफ लिखा है कि एक नेता बोकारो से खुद के लिए टिकट की दावेदारी कर रहे हैं, तो बेटे के लिए पलामू से टिकट चाहिए। उनका इशारा ददई दुबे की ओर है।
एक नेता (सुबोधकांत सहाय) अपने भाई को हटिया से टिकट दिलवाना चाहते हैं, तो एक (फुरकान अंसारी) को खुद के लिए महागामा से, बेटे के लिए जामताड़ा से और बेटी के लिए मधुपुर से टिकट चाहिए। एक नेता (प्रदीप कुमार बलमुचू) को घाटशिला से अपनी बेटी के लिए टिकट चाहिए, तो अपने लिए खूंटी से। एक नेता अब तक लड़े तमाम चुनाव हारने के बावजूद गुमला से टिकट सुनिश्चित करना चाहते हैं।
इधर, पूर्व सांसद फुरकान अंसारी ने डॉ. अजय कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि वे सिर्फ पैसे की उगाही में लगे रहे। उनके कार्यकाल में कांग्र्रेस बर्बाद हो गई। उन्होंने इस्तीफा देकर कांग्र्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की मदद की है। उनके आरोपों के बाबत कहा कि वे उन्हें हटाने की मुहिम में थे, इसलिए अब आरोप लगा रहे हैं। दरअसल डॉ. अजय कुमार खुद इस लायक नहीं थे कि पार्टी को चला सकें। उनकी नाकामी और विफलता के कारण कांग्र्रेस को भारी नुकसान हुआ। उन्हें संगठन के बारे में जानकारी नहीं थी और उन्होंने राहुल गांधी को भी अंधेरे में रखा। अपनी कमजोरी छिपाने के लिए वे वरीय नेताओं पर आरोप मढ़ रहे हैं।
खराब से खराब अपराधी मेरे साथियों से बेहतर
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार ने राहुल गांधी को लिखे पत्र में कहा है कि अध्यक्ष के तौर पर उनका अनुभव बता रहा है कि खराब से खराब अपराधी भी कई मायनों में झारखंड कांग्रेस के कुछ सहयोगियों से बेहतर हैं। हमारे पीछे स्वार्थ वाले नेताओं की एक लंबी सूची है। इनका उद्देश्य सत्ता हथियाना, टिकट बेचना या चुनाव के नाम पर धन इकट्ठा करना है। पुलिस वीरता पुरस्कार के सबसे कम उम्र के विजेताओं में से एक पूर्व आइपीएस अधिकारी डॉ. कुमार ने लिखा है कि जमशेदुपर में माफिया का सफाया करने के क्रम में खराब से खराब अपराधियों से सामना हुआ, लेकिन इनमें से कई कांग्रेस के साथियों से बेहतर हैं।
सुबोधकांत ने कहा- वक्त आने पर देंगे जवाब
मैं कांग्रेस का एक अनुशासित सिपाही हूं और पार्टी के निर्देश पर काम करता रहूंगा। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा आहूत बैठक में यह निर्देश दिया गया था कि मीडिया में किसी भी प्रकार की बयानबाजी से बचा जाए इसलिए अभी डॉ. अजय के द्वारा लगाए गए इल्जाम पर बयान देने का वक्त नहीं है। वक्त है कि हम आगामी विधानसभा चुनाव में कैसे बेहतर प्रदर्शन करें, इस पर ध्यान दें। उनके द्वारा लगाए गए आरोप पर वक्त आने पर जवाब दिया जाएगा।
कांग्रेस के वंशवाद की राजनीति उजागर हुई : भाजपा
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि डॉ. अजय कुमार ने अपने इस्तीफे से प्रदेश कांग्रेस की कलई खोल दी है। उन्होंने कहा भाजपा शुरू से कहती आई है कि कांग्रेस में भाई-भतीजावाद सभी स्तर पर सिर चढ़कर बोलता है। डॉ. अजय के पत्र ने इस बात पर मुहर लगा दी है। अजय ने कांग्रेस के सभी वरीय नेताओं पर अपने पुत्र-पुत्रियों को टिकट दिलाने के लिए दबाव डालने की बात कही है।
यह पूरा प्रकरण स्पष्ट दिखाता है कि कांग्रेस में आम कार्यकर्ता और पार्टी के झंडे को उठाने वालों की कोई पूछ नही है। उन्होंने कहा की डॉ. अजय के अनुसार हटिया से पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय अपने भाई को टिकट दिलाना चाहते हैं, प्रदीप बलमुचू खुद खूंटी से लडऩा चाहते हैं और अपनी पुत्री को घाटशिला से लड़ाना चाहते है। फुरकान अंसारी न सिर्फ खुद लोकसभा चुनाव लडऩा चाहते थे, बल्कि अपने पुत्र और पुत्री दोनों को विधानसभा का टिकट दिलाने के लिए पैरवी कर रहे हैं। इसके अलावा ददई दुबे भी अपने पुत्र के टिकट के लिए पुरजोर पैरवी कर रहे हैं। प्रतुल ने कहा कि जब प्रदेश अध्यक्ष पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर ऐसा आरोप लगा रहा हो तो कांग्रेस के भीतरखाने की स्थिति स्पष्ट हो जाती है।
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