Fatty Liver: फैटी लिवर से परेशान हैं, तो आप भी जानिए इसके खतरे, लक्षण, कारण और उपचार
Fatty Liver आकलन के मुताबिक नौ से 32 फीसद लोगों में फैटी लिवर की समस्या है। आज की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में फैटी लिवर वसा यकृत रोग बड़ी स्वास्थ्य समस्या के रूप में जानी जाती है। हमारे बीच के हजारों लोग फैटी लिवर से परेशान हैं।
रांची, राज्य ब्यूरो। Fatty Liver, Health News, Jharkhand News आज की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में फैटी लिवर, (Fatty Liver) वसा यकृत रोग बड़ी स्वास्थ्य समस्या के रूप में जानी जाती है। हमारे बीच के हजारों लोग फैटी लिवर (Fatty Liver) से परेशान हैं। लोगों में फैटी लिवर (Fatty Liver Symptoms) से जुड़ी बीमारी की पहचान के बाद प्रबंधन तथा उपचार (Fatty Liver Diagnosis) सुनिश्चित कराने के लिए पहली बार समुदाय स्तर पर इसकी स्क्रीनिंग कराई जा रही है। केंद्र सरकार (Union Government) ने गैर अल्कोहल वसा यकृत रोग (Non-Alcoholic Fatty Liver Disease) को नेशनल प्रोग्राम फॉर प्रीवेंशन एंड कंट्रोल ऑफ कैंसर, डायबिटिक्स, कार्डियो वैसक्यूलर डिजीज एंड स्ट्रोक (NPCDCS) में शामिल करते हुए इसे लागू करने को लेकर दिशा-निर्देश राज्य सरकार (Jharkhand Government) को भेजे हैं। राज्य (Jharkhand) में भी इसे लागू करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। शुरू में पायलट प्रोजेक्ट (Pilot Project) के तहत यह चुनिंदा जिले में शुरू हो सकता है। बाद में सभी जिलों में यह प्रोग्राम लागू होगा।
इस कार्यक्रम के तहत फैटी लिवर से बचाव को लेकर व्यापक प्रचार-प्रसार, स्क्रीनिंग, रोग प्रबंधन तथा क्षमता संवर्द्धन के कार्य किए जाएंगे। नन अल्कोहलिक फैटी लिवर से ग्रसित लोगों की समुदाय आधारित स्क्रीनिंग सहिया के माध्यम से कराई जाएगी। जांच के बाद आवश्यकता पड़ने पर उचित उपचार भी सुनिश्चित कराया जाएगा। सहिया लोगों पेट की मोटाई की जांच कर, फैमिली हिस्ट्री तथा संबंधित व्यक्ति में मधुमेह, उच्च रक्तचाप, कैंसर, ह्रदय रोग आदि की विवरणी निर्धारित फारमेट में जमा करेगी।
यदि किसी व्यक्ति में दोनों बीमारी है तो उसे नजदीकी हेल्थ सब सेंटर/हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को रेफर करेगी जहां तैनात एएनएम तथा कम्युिनटी हेल्थ ऑफिसर आवश्यकता पड़ने पर पीएचसी या सीएचसी को रेफर करेंगे। वहां तैनात चिकित्सा पदाधिकारी उसका अल्ट्रासाउंड जांच कर उचित उपचार करेंगे। रोग अधिक गंभीर होने पर उसे जिला या राज्य स्तरीय अस्पताल को रेफर किया जाएगा। इस कार्यक्रम के तहत राज्य स्तर पर स्टेट लेवल एक्सीलेन्स सेंटर की स्थापना की जाएगी।
क्या है फैटी लिवर
पांच से 10 प्रतिशत अधिक वजन होने को फैटी लिवर की समस्या माना जाता है। नौ से 32 फीसद आबादी इससे ग्रसित है। वहीं, दूसरी श्रेणी के मधुमेह वालों में 40 से 80 प्रतिशत लोगों में यह रोग पाया जाता है। इसी तरह मोटापे वालों में 30 से 90 प्रतिशत लोगों में यह बीमारी होती है। इस रोगियों में हृदय रोग होने की अधिक आशंका रहती है।
इससे अधिक पेट की मोटाई को माना जाता है फैटी लिवर
- पुरुष : 90 सेमी
- महिला : 80 सेमी