अपहृत लेबर इंफोर्समेंट ऑफिसर मनोज बरामद
मनोज को अपराधियों ने कार में अपहरण कर लिया था। इसके बाद मनोज ने वॉट्सएप के जरिये अपने निजी दोस्त और भाई को अपहरण होने का मैसेज किया था।
जागरण संवाददाता, रांची। नामकुम थाना क्षेत्र के रिंग रोड में खरसीदाग से अपहृत लेबर इंफोर्समेंट ऑफिसर मनोज कुमार को पुलिस ने 48 घंटे के अंदर बरामद कर लिया है। मनोज को पुलिस ने रांची-टाटा मार्ग से बरामद किया है। मनोज की सकुशल बरामद होने के बाद से परिवार में खुशी है। पत्नी पुष्पा गुप्ता समेत पूरे परिवार के सदस्यों ने रांची पुलिस को धन्यवाद दिया है। रांची पुलिस मनोज से पूरे मामले में पूछताछ कर रही है। फिलहाल मनोज को नामकुम थाना में रखा गया है।
गौरतलब है कि मंगलवार की रात करीब 8. 30 बजे कार में सवार 4 की संख्या में पहुंचे अपराधी ने मनोज कुमार का अपहरण कर लिया था। वर्तमान में मनोज ओरमांझी में पदस्थापित है। जबकि, वह अभी कांके व नामकुम प्रखंड के भी प्रभार में है। मनोज के अपहरण की सूचना मिलने के बाद नामकुम पुलिस हरकत में आई थी। पुलिस ने जांच के दौरान लेबर इंफोर्समेंट ऑफिसर की बाइक को खरसीदाग चौक से बरामद कर लिया था। सूचना मिलने के बाद कांके डीएसपी अमित कच्छप मामले की जांच करने नामकुम थाना पहुंचे थे।
डीएसपी ने मनोज के परिजन से पूरे मामले में पूछताछ की थी। हालांकि, परिजनों को लेवी से संबंधित कोई फोन अपराधी की ओर से नही आया था। पुलिस मनोज कुमार के मोबाइल को सर्विलांस में रख कर लोकेशन निकालने के प्रयास में थी, ताकि अपराधी को जल्द से गिरफ्तार कर लेबर इंफोर्समेंट ऑफिसर को सकुशल बरामद किया जा सकें। पुलिस सूत्रों की मानें, तो मनोज कुमार को एक ऑफीसर से बकझक हुई थी।
वॉट्सएप से दोस्तों को दी सूचना, फिर मिली पुलिस को
पुलिस के अनुसार मनोज कुमार को अपराधियों ने कार में अपहरण कर लिया था। इसके बाद मनोज ने वॉट्सएप के जरिये अपने निजी दोस्त और भाई को अपहरण होने का मैसेज किया था। मनोज को मैसेज करते अपराधियों ने देखा, तो उसका मोबाइल छीन कर बंद कर दिया था। इधर, मनोज के दोस्तों ने जब मैसेज को देखा तो उसके मोबाइल पर संपर्क किया था। जब मोबाइल बंद मिला, फिर दोस्तों ने उसके हिनू स्थित घर पर फ़ोन किया था।
घर पर जानकारी मिली कि अभी तक वह नही पहुंचे थे। इसके बाद मनोज के दोस्तों ने मामले की जानकारी पुलिस को दी थी। पुलिस ने कार्रवाई शुरू करते हुए लेबर इंफोर्समेंट ऑफिसर के मोबाइल का लोकेशन निकलना शुरू किया था। मगर, मोबाइल बंद होने के कारण कोई खास उपलब्धि पुलिस को नही मिल सकी थी।