झारखंड के पत्थलगड़ी समर्थकों पर चलेगा देशद्रोह का मुकदमा, जानिए
Pathalgadi In Jharkhand. समानांतर सरकार पर शिकंजा कसते हुए खूंटी के एसपी व डीसी ने गृह सचिव से देशद्रोह मामले में अभियोजन चलाने की स्वीकृति मांगी है।
रांची, [दिलीप कुमार]। झारखंड सरकार पत्थलगड़ी समर्थकों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाएगी। पत्थलगड़ी की आड़ में समानांतर सरकार चलाने वालों को आड़े हाथ लेते हुए खूंटी के एसपी ने उपायुक्त खूंटी को रिपोर्ट सौंपी थी। खूंटी एसपी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए उपायुक्त खूंटी ने गृह विभाग के प्रधान सचिव एसकेजी रहाटे को अपनी अनुशंसा भेजी है। लिखा है कि सभी आरोपितों के विरुद्ध देशद्रोह का मुकदमा चलाने के लिए अभियोजन की स्वीकृति प्रदान करें।
देशद्रोह की धारा 124-ए भादवि में अगर न्यायालय में आरोपितों पर दोष साबित हुआ तो आरोपितों को आजीवन कारावास या तीन साल की सजा हो सकती है। खूंटी के मुरहू, खूंटी व अड़की थाने में पत्थलगड़ी के मास्टरमाइंड, इनके समर्थकों पर देशद्रोह की धारा 124 (ए) भादवि के तहत प्राथमिकियां दर्ज है। वरीय पदाधिकारियों के पर्यवेक्षण में भी इनपर देशद्रोह की पुष्टि हो चुकी है। वरीय पदाधिकारियों के आदेश पर ही अनुसंधानकर्ता ने देशद्रोह की धारा में अभियोजन चलाने के लिए प्रस्ताव समर्पित किया है, जिसके लिए डीसी खूंटी सूरज कुमार ने गृह सचिव एसकेजी रहाटे से अनुमति मांगी है।
इनपर देशद्रोह का मुकदमा चलाने की मांगी गई है अनुमति
-जॉन जुनास तिड़ू : पिता अनिद्रयस तिड़ू, कुरुंगा, अड़की, खूंटी।
-बलराम समद : पिता टोको समद, कुरुंगा, अड़की, खूंटी।
-मोगो सेबेयन बोदरा : पिता स्व. जोगो बोदरा, बाड़ीईकिर, अड़की, खूंटी।
-ठाकुर मुंडा : पिता स्व. सनिका मुंडा, ओमटों, मारंगहादा, खूंटी।
-पौलुस टुटी : पिता दसाय टुटी,, डेरा दशमफॉल, रांची।
-बैजनाथ पाहन : पिता स्व. बुधुवा पाहन, केवड़ा, मुरहू, खूंटी।
-नेता नाग मुंडा : पिता स्व. सुखराम मुंडा, केवड़ा, मुरहू, खूंटी।
क्या है धारा 124-ए
-भारतीय दंड संहिता की धारा 124-ए के तहत उन लोगों को गिरफ्तार किया जाता है, जिनपर देश की एकता और अखंडता को नुकसान पहुंचाने का आरोप होता है।
- अगर कोई भी व्यक्तिसरकार विरोधी सामग्री लिखता या बोलता है।
-ऐसी सामग्री का समर्थन करता है।
-राष्ट्रीय चिह्नों का अपमान करने के साथ संविधान को नीचा दिखाने की कोशिश करता है।
-अपने लिखित या मौखिक शब्दों या फिर चिह्नों या फिर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर नफरत फैलाने या फिर असंतोष जाहिर करता है।
खूंटी के पत्थलगड़ी समर्थकों पर आरोप
-समानांतर सरकार चलाना। ग्राम सभा की गलत व्याख्या करना। सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं लेना।
-संविधान की पांचवी अनुसूची की गलत व्याख्या कर ग्राम सभा को सरकार के विरुद्ध भड़काना। गांवों में पत्थलगड़ी कर उक्तक्षेत्रों में पुलिस-प्रशासन को जाने से रोकना।
-पत्थलगड़ी की आड़ में अफीम की खेती, नक्सल को मदद करना।
-अपना सिक्का चलाना, अपना बैंक खोलने की कोशिश करना। सरकार, सरकारी अधिकारी के कानूनन आदेश-निर्देश को नहीं मानना। विधि-व्यवस्था को अपने हाथ में लेना।