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कार्तिक पूर्णिमा कल, हिंदू धर्म के लोग स्नान कर करेंगे पूजा अर्चना, सिख समुदाय मनाएगा गुरु नानक देव की जयंती Ranchi News

कार्तिक शुक्ल की पूर्णिमा धूमधाम से मनाई जा रही है। सिख समुदाय की ओर से इस दिन गुरु नानक देव की जयंती मनाई जाएगी। हिंदू पंचांग के अनुसार इस दिन कार्तिक मास समाप्त हो रहा है। कार्तिक पूर्णिमा पर ही गुरु नानक जयंती भी मनाई जाएगी।

By Vikas SrivastavaEdited By: Published: Sun, 29 Nov 2020 11:16 AM (IST)Updated: Sun, 29 Nov 2020 11:16 AM (IST)
कार्तिक पूर्णिमा कल, हिंदू धर्म के लोग स्नान कर करेंगे पूजा अर्चना, सिख समुदाय मनाएगा गुरु नानक देव की जयंती Ranchi News
सनातन धर्म के लोग कार्तिक पूर्णिमा पर पवित्र नदियों में स्नान कर पूजा अर्चना करते हैं।

रांची (जागरण संवाददाता)। हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार कार्तिक शुक्ल की पूर्णिमा 30 नवंबर को रहेगी। सिख समुदाय की ओर से इस दिन गुरु नानक देव की जयंती मनाई जाएगी। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस दिन कार्तिक मास समाप्त हो रहा है। कार्तिक पूर्णिमा पर ही गुरु नानक जयंती भी मनाई जाएगी।

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मिथिला के लोग समा चकेवा त्योहार भी मनाते‌ हैं। सनातन धर्म के लोग कार्तिक पूर्णिमा पर पवित्र नदियों में स्नान कर पूजा अर्चना करते हैं। ऐसी मान्यता है कि भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना से मनोवांछित फल प्राप्त होता है। आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं। शारीरिक विकार खत्म होते हैं। पंडित राकेश उपाध्याय के अनुसार पौराणिक धर्म ग्रंथों में ऐसी मान्यता है कि इस दिन देवता देव दीपावली मनाते हैं। भगवान शिव की ओर से त्रिपुरासुर नाम के तीन राक्षसों का वध किया गया था।

इसके उपलक्ष्य में देवता दीपोत्सव मनाते हैं। कार्तिक पूर्णिमा के दिन तुलसी की पूजा होती है। इस दिन स्नान, पूजा अर्चना, हवन और दान का विशेष महत्व है। कई घरों में भगवान सत्यनारायण की कथा होती है। इस बार कार्तिक पूर्णिमा पर सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। भगवान विष्णु के साथ-साथ शिव का जाप मंगलकारी होता है। शिव परिवार यानी भगवान शंकर, माता पार्वती, भगवान कार्तिकेय, भगवान गणेश और नंदी की पूजा से सभी मनोरथ पूरे होते हैं। इस दिन घर में दीप जलाना सौभाग्य लक्ष्मी के आगमन का प्रतीक माना जाता है।

सिख समुदाय को रहता है इस पर्व का इंतजार

सिख समुदाय के लोगों को पूरे वर्ष भर इस पर्व का इंतजार रहता है।  गुरु नानक देव की जयंती कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है। हर बार इस दिन विशेष शोभायात्रा निकाली जाती थी। कोविड-19 के मद्देनजर इस बार समाज ने यात्रा रद्द कर दी है। नियमों का अनुपालन करते हुए केवल मुख्य कार्यक्रम होगा।


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