Move to Jagran APP

कार्तिक पूर्णिमा व गुरु नानक जयंती आज, हो रहे हैं विशेष आयोजन, जानें क्या है कार्तिक पूर्णिमा की महत्ता

हर में आज कार्तिक पूर्णिमा एवं गुरु नानक जयंती पर विशेष आयोजन किए जा रहे हैं। सिख समुदाय के लोगों द्वारा गुरु नानक देव की जयंती मनाई जा रही है। वहीं सनातन धर्म के लोग कार्तिक पूर्णिमा पर पवित्र नदियों में स्नान कर पूजा अर्चना कर रहे हैं।

By Kanchan SinghEdited By: Published: Mon, 30 Nov 2020 08:53 AM (IST)Updated: Mon, 30 Nov 2020 08:53 AM (IST)
कार्तिक पूर्णिमा व गुरु नानक जयंती आज, हो रहे हैं विशेष आयोजन, जानें क्या है कार्तिक पूर्णिमा की महत्ता
कार्तिक पूर्णिमा एवं गुरु नानक जयंती पर विशेष आयोजन

रांची(जासं) । शहर में आज कार्तिक पूर्णिमा एवं गुरु नानक जयंती पर विशेष आयोजन किए जा रहे हैं। एक तरफ जहां सिख समुदाय के लोगों द्वारा गुरु नानक देव की जयंती मनाई जा रही है। वहीं सनातन धर्म के लोग कार्तिक पूर्णिमा पर पवित्र नदियों में स्नान कर पूजा अर्चना कर रहे हैं। हालांकि कोरोना संक्रमण को देखते हुए ज्यादातर लोग आज घरों में ही स्नान कर पूजा करेंगे। ऐसी मान्यता है कि आज के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना से मनोवांछित फल प्राप्त होता है। आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं। शारीरिक विकार खत्म होते हैं। पंडित राकेश उपाध्याय के अनुसार पौराणिक धर्म ग्रंथों में ऐसी मान्यता है कि इस दिन देवता देव दीपावली मनाते हैं। भगवान शिव के द्वारा त्रिपुरासुर नाम के तीन राक्षसों का वध किया गया था। इसके उपलक्ष्य में देवता दीपोत्सव मनाते हैं। कार्तिक पूर्णिमा के दिन तुलसी की पूजा होती है। इस दिन स्नान, पूजा अर्चना, हवन और दान का विशेष महत्व है। कई घरों में आज भगवान सत्यनारायण की कथा भी हो रही है। इस बार कार्तिक पूर्णिमा पर सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। भगवान विष्णु के साथ-साथ शिव का जाप मंगलकारी होता है। शिव परिवार यानी भगवान शंकर, माता पार्वती, भगवान कार्तिकेय, भगवान गणेश और नंदी की पूजा से सभी मनोरथ पूरे होते हैं। आज के दिन शाम में तिलसी के पास दीप जलाना सौभाग्य लक्ष्मी के आगमन का प्रतीक माना जाता है। आज के दिन ही  मिथिला के लोग समा चकेवा त्योहार भी मनाते‌ हैं।

loksabha election banner

कहां क्या हो रहा है आयोजन

श्री लक्ष्मी वेंकटेश्वर मंदिर ः  मंदिर के कपाट भक्तों के लिए सुबह 4.30 बजे खोल दिए गए हैं। श्री भगवान का विश्वरूप दर्शन, सुप्रभातम, तिरूआराधनम के बाद दूध, दही, हल्दी, चंदन, शहद, गंगाजल, डाभयुक्त जल आदि औषधि युक्त द्रव्यों से महाभिषेक हुआ। इसके बाद विष्णुशहस्त्रनाम स्तोत्र के पाठ के साथ सुबह 4.30 से 7 बजे तक अभिषेक, श्रृंगार, आरती एवं अनेक मंत्रों से स्तुति की गई। श्री भगवान को खिचड़ी, सूजी का हलवा, फल और मेवा भोग लगाया गया है। मंदिर दिन भर खुला रहेगा।

पहाड़ी बाबा मंदिर ः कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर पहाड़ी बाबा की विशेष पूजा की गई। मंदिर सूबह चार बजे मंदिर खोला गया। इसके बाद पूरे परिसर की अच्छे से सफाई की गई। इसमें आज मंदिर के कर्मचारी और पूजारी के साथ कुछ भक्तों ने भी हिस्सा लिया। इसके बाद सुबह 4.30 से बाबा की विशेष पूजा की गई। रूद्रीपाठ के साथ भगवान का दूध, दही, मक्खन, गंगाजल, जल आदि से अभिषेक किया गया। इसके बाद सफेद फूलों से श्रृंगार कर आरती की गई। भगवान को नैवेद्य अर्पित किए गए है। पहाड़ी बाबा मंदिर में कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए भक्त दर्शन के लिए पूरे दिन जा सकते हैं।

विष्णु मंदिर सेवा सदन ः कार्तिक पूर्णिमा और देव दीपावली के अवसर पर सेवा सदन स्थित श्री विष्णु मंदिर में सुबह चार बजे से पूजा शुरू है। इस अवसर पर भगवान का विशेष मंत्रों के साथ पूजा की गई । साथ ही नए लाल रंग के वस्त्र अर्पित किए गए। भगवान को सुबह नास्ते में तुलसी पत्ता युक्त नैवेद्य और पांच तरह के मिठाई अर्पित की गई। भक्त यहां दोपहर 12 बजे तक, उसके बाद शाम चार बजे से रात नौ बजे तक भगवान के दर्शन कर सकते हैं।

मेन रोड गुरुद्वारा ः कोरोना संक्रमण के कारण गुरुनानक जंयती पर प्रभातफेरी नहीं निकाली जा रही है। मगर  दीवान सुबह आठ बजे से सजाया जा रहा है। गुरुद्वारा में भक्तों के बीच कोरोना गाइडलाइन का पालन कराने के लिए एक विशेष टीम बनाई गई है। सुबह पांच बजे से ही गुरुद्वारा में लोग मत्था टेकने आ रहे हैं।

गुरुनानक स्कूल ः गुरुनानक जयंती को लेकर यहां विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। यहां सुबह नौ बजे से दीवान सजेगा। कोरोना संक्रमण को देखते हुए यहां केवल तीन हजार लोगों के लंगर की व्यवस्था की गई है। समिति के तरफ से बताया गया है कि यहां मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दोपहर 12 बजे पहुंच सकते हैं।

रातू रोड गुरुद्वारा ः रातू रोड गुरुद्वारा में हर वर्ष प्रभात फेरी का आयोजन किया जाता था। मगर कोरोना संक्रमण के कारण इस वर्ष ऐसा नहीं किया गया है। मगर इस कमी को पूरा करने के लिए साधू संगत सुबह से ही शबद कीर्तन कर रहे हैं। दीवान सजाया जा रहा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.