Kaoshikii Dance Benefits: कौशिकी नृत्य युवतियों व महिलाओं के लिए विशेष लाभदायक, जानें इसे करने का तरीका
Kaosikii Dance Benefits Jharkhand Hazaribagh News कौशिकी नृत्य शारीरिक और मानसिक रोगों के लिए रामबाण औषधि है। हजारीबाग जिले के कटकमसांडी प्रखंड के पकरार गांव में कौशिकी दिवस मनाया गया। बताया गया कि इससे मनुष्य दीर्घायु होता है।
कटकमसांडी (हजारीबाग), जासं। हजारीबाग जिले के कटकमसांडी प्रखंड के पकरार में सोमवार को यूनिवर्सल प्राउटिस्ट और गर्ल्स प्राउटिस्ट यूथ फेडरेशन हजारीबाग के सौजन्य से कौशिकी दिवस मनाया गया। इस मौके पर दर्जनों महिलाओं ने कौशिकी नृत्य अभ्यास प्रतिस्पर्धा में भाग लिया। महिला प्रशिक्षिका अवधुतिका आनन्द राजिता आचार्या ने बताया कि गुरु श्री श्री आनंदमूर्ति जी कौशिकी नृत्य के जन्मदाता हैं। यह नृत्य शारीरिक और मानसिक रोगों की औषधि है। विशेषकर महिला जनित रोगों के लिए रामबाण है।
इस नृत्य के अभ्यास से 22 प्रकार के रोग दूर होते हैं। सिर से पैर तक अंग प्रत्यंग और ग्रंथियों का व्यायाम होता है। मनुष्य दीर्घायु होता है। उन्होंने आगे बताया कि यह नृत्य महिलाओं के सुप्रसव में सहायक है और मेरुदंड के लचीलेपन की रक्षा करता है। मेरुदंड, कंधे, कमर, हाथ और अन्य संधि स्थलों का वात रोग दूर होता है। मन की दृढ़ता और प्रखरता में वृद्धि होती है। कौशिकी नृत्य महिलाओं की अनियमित ऋतुस्राव जनित त्रुटियां दूर करता है। त्वचा पर पड़ी झुर्रियों को ठीक करता है। आलस्य दूर भगाता है।
नींद की कमी के रोग को भी यह नृत्य ठीक करता है। हिस्टिरिया रोग को ठीक करता है। यह नृत्य युवतियों के लिए विशेष लाभदायक है। साथ ही युवकों के लिए भी यह फायदेमंद है। कार्यक्रम को सफल बनाने में बासुदेव महतो, सीता देवी, प्रीति देवी, शंभू दादा, स्वीटी कुमारी, ज्योति रंजन, देवाशीष, पंकज, रूपेश, सूरज के साथ-साथ टीम के सभी लोगों का सराहनीय योगदान रहा।
ऐसे करें कौशिकी नृत्य
इस नृत्य के चार भाग हैं। सबसे पहले दोनों हाथ ऊपर कर सीधे खड़े हो जाएं। दोनों बाजू कान के पास होने चाहिए। इसके बाद दांयी ओर झुकें। फिर सीधे हो जाएं। इस प्रकार तीन बार करें।
इस क्रम में अपने दाहिने पैर को अपनी बायीं एड़ी के पीछे रखें। इसके बाद अपने शरीर को दायीं ओर झुकाएं।
अपने बाएं पैर को अपनी दाहिनी एड़ी के पीछे रखें। इसके बाद अपने शरीर को दांयी ओर ले जाएं।
अपने दाहिने पैर को अपनी बायीं एड़ी के पीछे रखें। पुन: अपने शरीर को अंतिम चरण में दाईं ओर ले जाएं। इसके बाद सीधे हो जाएं।
दूसरे क्रम में अपने बाएं पैर को अपनी दाहिनी एड़ी के पीछे रखें और अपने शरीर को आधा बायीं ओर ले जाएं।
अपने दाहिने पैर को अपनी बायीं एड़ी के पीछे रखें और अपने शरीर को सीधी अवस्था में ही पीछे की ओर झुकाएं।
इसी तरह पहले दाेनों तरीकों में दायां की जगह बायां करके अभ्यास करें।