बाबूलाल ने की राजा पीटर की तरफदारी
रांची : झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने तमाड़ विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक गोपाल कृष्ण पातर उर्
रांची : झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने तमाड़ विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक गोपाल कृष्ण पातर उर्फ राजा पीटर के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) द्वारा दर्ज मामले की पुनर्समीक्षा करने की वकालत केंद्र से की है। उन्होंने इस संदर्भ में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को संबोधित राजा पीटर की पत्नी आरती कुमारी का पत्र गृह मंत्रालय को भेजा है। पत्र के हवाले से उन्होंने कहा है कि तत्कालीन विधायक रमेश सिंह मुंडा की हत्या के मामले में राजा पीटर को फंसाने की साजिश रची गई है। अपनी बातों को पुख्ता करने के लिए केंद्रीय मंत्री को कई तथ्यों से अवगत कराया है।
आरती कुमारी के पत्र को आधार बनाकर बाबूलाल ने कहा है कि रमेश सिंह मुंडा की हत्या नौ जुलाई 2008 को कर दी गई थी। इस घटना में उनके अंगरक्षक तथा एक बच्चे की मौत हो गई थी। सरकार ने इस घटना की जांच सीआइडी से कराने का आदेश दिया था। जांच में इस हत्याकांड में माओवादी संगठन के कर्ताधर्ता कुंदन पाहन एवं संगठन के अन्य सदस्यों का नाम आया था। इस मामले में पकड़े गए अपराधी बलराम साहू ने अपने बयान में स्वीकारा है कि कुंदन पाहन ने उसे रमेश सिंह मुंडा की हत्या की जिम्मेदारी दी थी। उसने यह भी स्वीकारा था कि माओवादियों के खिलाफ बोलने पर रमेश सिंह की हत्या की योजना बनी थी। उसने इस घटना में राजा पीटर की संलिप्तता से साफ इन्कार किया है।
पत्र में कहा गया है कि इस घटना के एक अन्य अभियुक्तराममोहन सिंह की गिरफ्तारी 31 मार्च 2016 को हुई थी। उसने भी इस हत्याकांड में राजा पीटर की संलिप्तता से इन्कार किया था। 14 मई 2017 को कुंदन पाहन ने रांची पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया। उसने भी राजा पीटर की संलिप्तता को अस्वीकार किया। इस बीच राज्य सरकार ने संबंधित कांड की जांच का जिम्मा एनआइए को दे दिया। एनआइए ने 30 जून 2017 को इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की। इस मामले में पूछताछ के लिए एनआइए ने राजा पीटर को बुलाया। वे 14 सितंबर को एनआइए के समक्ष उपस्थित होते हैं। फिर आठ अक्टूबर को एनआइए उन्हें गिरफ्तार कर लेती है। बाबूलाल ने सवाल उठाया है कि इस कांड के अभियुक्त द्वारा राजा पीटर को बार-बार निर्दोष बताए जाने केबावजूद उनके खिलाफ की जा रही कार्रवाई पर सवाल उठाया है।