1932 के खतियान पर बोले बाबूलाल, सरकार चाहती है तो लागू करे कानून
Jharkhand. झाविमो प्रमुख ने कहा कि सिर्फ बोलना नहीं करना चाहिए। ठंडे दिमाग से काम करें दिल्ली आना-जाना तो लगा रहेगा।
रांची, राज्य ब्यूरो। राज्य में स्थानीयता के लिए 1932 के खतियान को आधार बनाने की झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन की दलील पर राजनीति गर्म हो रही है। गुरुवार को झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी ने भी इसपर बोलने की बजाय निर्णय लेने की नसीहत नवगठित सरकार को दी। उन्होंने कहा कि शिबू सोरेन यह निर्णय सरकार को करने दें। इसमें किसी प्रकार का दबाव भी नहीं है। सिर्फ बातें कहने से दबाव बढ़ता है।
अगर वे चाहते हैं कि स्थानीयता के लिए 1932 का खतियान लागू करना आवश्यक है तो उनको करना चाहिए, सिर्फ बोलना नहीं चाहिए। अगर ऐसा निर्णय करना चाहते हैं तो कैबिनेट में इस बाबत प्रस्ताव लाएं। उन्होंने उदाहरण दिया कि झारखंड आंदोलन के दौरान लादे गए मुकदमे सरकार हटाना चाहती थी तो इस बाबत कैबिनेट में प्रस्ताव लाया गया।
मंत्रिमंडल गठन की कवायद पर लेकर बाबूलाल मरांडी ने कहा कि जब ऐसी सरकार बनती है तो इन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। मुस्कराते हुए बोले, सरकार का दिल्ली आना-जाना भी लगा रहता है। जनता भी जानती है कि ऐसी स्थिति आएगी। सरकार को समर्थन के विषय पर कहा कि हमारा समर्थन बड़ा विषय नहीं है। हमने सरकार को बिना शर्त समर्थन दिया है। सरकार को ठंडे दिमाग से काम करना चाहिए।