Jharkhand High Court: जस्टिस डॉ. रवि रंजन ने ली मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ
जस्टिस रवि रंजन पटना के रहने वाले हैं। उन्होंने पटना विश्वविद्यालय से जियोलॉजी में पीएचडी की है। एमएससी करने के बाद वह बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में प्रोफेसर भी रहे।
रांची, राज्य ब्यूरो। जस्टिस डॉ. रवि रंजन ने झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। राजभवन में रविवार को एक सादे समारोह में उन्हें राज्यपाल द्रौपदी मूर्मू ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। जस्टिस रवि रंजन बिहार से हैं। वे पटना के रहने वाले हैं। पिछले दिनों केंद्र सरकार ने चीफ जस्टिस की नियुक्ति का आदेश जारी किया था। रविवार को राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री रघुवर दास समेत कई गण्यमान्य लोग मौजूद रहे। सीएम रघुवर ने चीफ जस्टिस बनाए जाने पर डॉ रवि रंजन को बधाई दी है। रवि रंजन झारखंड हाई कोर्ट के 13वें मुख्य न्यायाधीश बनाए गए हैं।
झारखंड हाई कोर्ट नए चीफ जस्टिस डॉ. रवि रंजन शनिवार शाम सेवा विमान से रांची पहुंचे। बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर उनका स्वागत किया गया। इस दौरान हाई कोर्ट के सभी जजों ने उन्हें गुलदस्ता भेंट किया। एडवोकेट एसोसिएशन के पदाधिकारी धीरज कुमार, मुकेश कुमार सिन्हा सहित अन्य लोगों ने भी चीफ जस्टिस का स्वागत किया। एयरपोर्ट पर हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल अंबुज नाथ, प्रोटोकॉल ऑफिसर मिथिलेश कुमार सहित अदालत के सभी पदाधिकारी मौजूद रहे।
मई 2019 से खाली है झारखंड हाई कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश का पद
झारखंड हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस अनिरुद्ध बोस को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाए जाने के बाद मई 2019 से मुख्य न्यायाधीश का पद खाली है। इसके बाद जस्टिस प्रशांत कुमार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश बनाया गया था। कुछ दिनों पहले उनका निधन हो गया। इसके बाद से जस्टिस एचसी मिश्र झारखंड हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के पद पर पदस्थापित हैं।
जस्टिस डॉ. रवि रंजन ने पटना हाई कोर्ट से शुरू की प्रैक्टिस
उन्होंने पटना विश्वविद्यालय से जियोलॉजी में पीएचडी की उपाधि हासिल की है। एमएससी करने के बाद वह बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में सिविल इंजीनियरिंग विभाग में प्रोफेसर भी रहे। वर्ष 1989 में उन्होंने पटना विश्वविद्यालय से लॉ की डिग्री हासिल की। चार दिसंबर 1990 को उन्होंने पटना हाई कोर्ट में प्रैक्टिस शुरू की। जस्टिस डॉ. रवि रंजन ने संवैधानिक, सिविल, राजस्व, आपराधिक और सर्विस मामले में विशिष्टता हासिल की।
वर्ष 1997 में वह पटना हाई कोर्ट में केंद्र सरकार के स्टैंडिंग कौंसिल नियुक्त किए गए। वर्ष 2004 में वह सीनियर स्टैंडिंग स्टैंडिंग कौंसिल बने। 14 जुलाई 2008 को वह पटना हाई कोर्ट के अपर न्यायाधीश नियुक्त हुए और 16 जनवरी 2010 को उन्हें स्थायी जज बनाया गया।