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6th JPSC Merit List Cancellation: हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील में जाएगा आयोग

Jharkhand News 6th JPSC Merit List Cancellation छठी जेपीएससी की मेधा सूची रद होने के मामले में महाधिवक्ता से जल्‍द परामर्श लिया जाएगा। पूरे प्रकरण में कार्मिक विभाग भी सक्रिय है। माना जा रहा है कि कार्मिक विभाग से महाधिवक्ता को पूरी फाइल अलग से भेजी जाएगी।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Thu, 10 Jun 2021 01:34 PM (IST)Updated: Thu, 10 Jun 2021 03:59 PM (IST)
6th JPSC Merit List Cancellation: हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील में जाएगा आयोग
Jharkhand News, 6th JPSC Merit List Cancellation महाधिवक्ता से जल्‍द परामर्श लिया जाएगा।

रांची, राज्य ब्यूरो। छठी जेपीएससी की मेधा सूची रद किए जाने से संबंधित झारखंड हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ झारखंड लोक सेवा आयोग डबल बेंच में अपील करेगा। इस मामले में महाधिवक्ता से परामर्श एक से दो दिनों में लिया जाएगा और इसकी पूरी तैयारी की जा रही है। कार्मिक विभाग भी पूरे मामले पर नजर बनाए हुए है और इससे संबंधित दस्तावेज एकत्र किए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि कार्मिक विभाग से महाधिवक्ता को पूरी फाइल अलग से भेजी जाएगी। सरकार का पक्ष क्या होगा और जेपीएससी किस आधार पर आगे की लड़ाई लड़ेगी, यह तय होने के बाद ही गतिविधियां आगे बढ़ेंगी।

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ज्ञात हो कि हाई कोर्ट ने हिंदी और अंग्रेजी के क्वालीफाइंग अंकों को परिणाम में जोड़े जाने को गलत बताते हुए मेरिट लिस्ट को रद करने का फैसला सुनाया था। इतना ही नहीं, कोर्ट में इस मामले में दोषी पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए हैं। इस फैसले के बाद जेपीएससी दुविधा में है। उसके सामने नए सिरे से मेरिट लिस्ट जारी करने को लेकर अड़चनें तो हैं ही, परिणाम के गलत मामले पर आयोग को अपने ही अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी करनी होगी। इन तमाम बिंदुओं पर झारखंड लोकसेवा आयोग महाधिवक्ता से परामर्श लेकर आगे कदम बढ़ाएगा।

गैर अनुसूचित शिक्षक नियुक्ति मामले में आंशिक सुनवाई

झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस डॉ. एसएन पाठक की अदालत में गैर अनुसूचित जिलों में शिक्षक नियुक्ति की मांग वाली याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान राज्य सरकार की ओर से अदालत को बताया कि इससे संबंधित मामला सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए लंबित है। ऐसे में उक्त मामले में सुनवाई नहीं की जाए। इस पर अदालत ने सुप्रीम कोर्ट में मामले के निष्पादन होने तक इस मामले की सुनवाई स्थगित कर दी है। इस संबंध में उमेश कुमार सहित अन्य ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है।

सुनवाई के दौरान प्रार्थियों की ओर से कहा गया कि सोनी कुमारी के मामले में हाई कोर्ट की वृहद पीठ ने अपने आदेश में कहा था कि गैर अनुसूचित जिलों में होने वाली शिक्षक नियुक्ति पर किसी प्रकार की रोक नहीं है। उनकी नियुक्ति की सारी प्रक्रिया पूरी करते हुए नियुक्ति की अनुशंसा भी भेज दी गई है, लेकिन उनकी नियुक्ति नहीं हो रही है। इस पर राज्य सरकार व जेपीएससी के अधिवक्ता संजय पिपरवाल व प्रिंस कुमार ने कहा कि इससे संबंधित मामला सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए लंबित है।

ऐसे में इस मामले की सुनवाई स्थगित कर दी जाए। बता दें कि राज्य सरकार ने नियोजन नीति के तहत 13 अनुसूचित जिलों के सभी पद स्थानीय निवासियों के लिए आरक्षित कर दी थी। इसको लेकर सोनी कुमारी ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। वृहद पीठ ने सरकार के शत-प्रतिशत पद आरक्षण करने के आदेश को निरस्त कर दिया। साथ ही 13 जिलों में हुई शिक्षकों की नियुक्ति को भी रद कर दिया। इसके बाद नियुक्त शिक्षकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है।


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